लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मई में आयोजित होने वाले खेलो इंडिया राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए खेल गांव की व्यवस्था बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय में की जाएगी. 4000 खिलाड़ी समेत लगभग 7500 लोग इस प्रतियोगिता में शिरकत करेंगे. खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मई में दस दिवसीय ‘‘खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स’’ का आयोजन होना प्रस्तावित है.
इसमें देश भर से लगभग 4000 एथलीट सहित 7500 लोग हिस्सा लेंगे. लखनऊ में गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी और वाराणसी में क्लोजिंग सेरेमनी होगी. यूनिवर्सिटी गेम्स में यूनिवर्सिटी के अंडर-27 खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे. ‘खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन उत्तर प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, वाराणसी, नोएडा तथा गोरखपुर में किया जाएगा. साथ ही एक गेम दिल्ली में भी होगा. इसके अंतर्गत कुल 21 खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा.
प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गरीश चन्द्र यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आर्गनाइजिंग कमेटी की पहली बैठक हुई. इसमें अपर मुख्य सचिव, डॉ. नवनीत सहगल सहित आयोजन से जुड़े सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इस अवसर पर यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश को पहली बार खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मेजबानी का मौका मिला है. यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है. गेम्स के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए. खिलाड़ियों को आने-जाने, ठहरने, खाने, खेलने आदि में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
डॉ. सहगल ने कहा कि खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स राज्य सरकार का प्रतिष्ठापरक आयोजन है. इसमें पूरे देश से 4000 एथलीट, 1200 सपोर्ट स्टाफ तथा 900 तकनीकी अधिकारी शामिल होंगे. इनकी सुविधा के लिए विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ-साथ लगभग 1300 वालेंटियर्स लगाए जाएगे. सभी वॉलेंटियर्स को प्रतिदिन 500 रुपये का मानदेय भी दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि गेम्स के सफल आयोजन के लिए सभी चारों जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में लोकल मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया गया है. बीबीडी यूनिवर्सिटी को खेल गांव बनाया जाएगा. उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाले खिलाड़ियों एवं सपोर्टिंग स्टाफ के लिए बेहतर परिवहन, खाने एवं ठहरने की व्यवस्था होगी. खिलाड़ियों की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन एवं एअरपोर्ट पर हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी.
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