लखनऊ: प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने प्राथमिक विद्यालयों को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया है. विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद से उन्होंने कई बैठक की. प्लान तैयार किया और अब उस पर अमल करने की तैयारी शुरू कर दी है. बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय प्रयागराज से लखनऊ शिफ्ट किया जाएगा. ट्रांसफर पॉलिसी के साथ पारदर्शी तरीके से शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा. इस पॉलिसी में महिलाओं के लिए विभाग में ट्रांसफर से लेकर छुट्टियों तक के लिए विशेष सुविधा दी गयी है. छुट्टी के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की है.
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बताया कि स्थानांतरण को लेकर एक पारदर्शी व्यवस्था लागू करेंगे. ऐसी व्यवस्था जिसके तहत आप स्वयं यह जानकारी हासिल कर सकें कि किसी का ट्रांसफर नहीं हुआ तो क्यों नहीं हुआ. अगर हुआ तो क्यों हुआ. एक ऐसा इंडेक्स बेस्ड मैकेनिज्म बनाया जा रहा हैं जैसे विश्वविद्यालय में निर्धारित नंबर पर एडमिशन मिलता है, ऐसे ही हर चीज के लिए अंक निर्धारित किया जाएगा. उसी के आधार पर शिक्षकों का स्थानांतरण होगा.
बेसिक शिक्षा के शिक्षकों का कैसे होगा स्थानांतरण
लंबे समय से शिक्षकों की मांग थी कि नियुक्ति के बाद स्थानांतरण के लिए निर्धारित पांच वर्ष की अवधि कम की जाए. सरकार ने निर्णय लिया है कि अब नियुक्ति के तीन साल बाद ही बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक अपना स्थानांतरण करा सकेंगे. महिलाओं के लिए विशेष सुविधा प्रदान की गई है.
महिलाओं को नियुक्ति के एक वर्ष की अवधि के बाद ही स्थानांतरण की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. अक्टूबर से और मार्च के बीच सभी इच्छुक शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा. आवेदन आने के बाद उसकी छटनी की जाएगी. जरूरतमंद शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा.
महिलाएं अपने ग्राम पंचायत को छोड़कर बाकी जिले के किसी भी विद्यालय में स्थानांतरण करा सकेंगी. मृतक आश्रितों की नियुक्ति को लेकर समय सीमा निर्धारित कर दी जाएगी. इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग ने अधिकारियों की कमी दूर करने के लिए भी सरकार तैयारी कर रही है.
बेसिक के लिए अलग एक और निदेशालय
योगी सरकार स्कूली शिक्षा को लेकर एक निदेशालय बनाने जा रही है. निदेशालय का सृजन किया जा रहा है. डायरेक्टर जनरल आफ स्कूल एजुकेशन नाम दिया गया है. यह पूरी समग्रता से बेसिक शिक्षा को लेकर चिंतन करेगा, समीक्षा करेगा, रणनीति तैयार करेगा. आगे की योजनाओं के बारे में फीडबैक एकत्र करेगा, भविष्य के लिए एक्शन प्लान बनाएगा. अभी तक कोई इस प्रकार का सिस्टम प्रदेश में नहीं है जो बेसिक शिक्षा के लिए समग्रता से काम कर सके.
बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय लखनऊ शिफ्ट होगा
बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय प्रयागराज से शिफ्ट करके लखनऊ लाया जाएगा. मुख्यालय से दूर होने के कारण कई बार कम्युनिकेशन में दिक्कत आती है. कई बार निदेशक को, अधिशासी अधिकारियों को बार-बार लखनऊ दौड़ना पड़ता है. इसमें समय की बर्बादी होती है. इसलिए इस पूरे कार्यालय को लखनऊ शिफ्ट किया जा रहा है. हमारे शिक्षकों को भी परेशानी से जूझना पड़ता है. किसी कार्य के लिए लखनऊ आए और उसमें किसी कागज की कमी हो गई तो, उन्हें पुनः प्रयागराज वापस जाना पड़ता है. इससे हमारे शिक्षकों की दौड़ भाग भी कम होगी.
बीएसए बनने के लिए आवेदन मांगे जाएंगे
बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर अब उन्हीं लोगों की तैनाती होगी जो काम करने की इच्छा व्यक्त करेंगे. ट्रांसफर सीजन से पहले सबसे एप्लीकेशन मांगा जाएगा. उनके बारे में पूरी जानकारी एकत्र की जाएगी. वह खुद अपना बायोडाटा विभाग को उपलब्ध करा सकेंगे. आवेदन करने वाले नामों की छंटनी की जाएगी. कम से कम 100 लोगों की सूची तैयार करेंगे जो बीएसए बनने लायक होंगे.
प्रेरणा एप से बेसिक स्कूलों की होगी निगरानी
प्रेरणा एप के माध्यम से बेसिक शिक्षा के स्कूलों की निगरानी की जाएगी. बीएसए से लेकर प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों तक को हर दिन अपने अपने लोकेशन से सेल्फी लेकर इस ऐप पर डाउनलोड करना होगा. इसके लिए सरकार सभी विद्यालयों को टेबलेट देने जा रही है जिसमें प्रेरणा का एप होगा. इसमें कोई फोटो सेव करके नहीं रखी जा सकेगी. इसमें केवल तात्कालिक फोटो ही शेयर की जा सकेगी.
महिला शिक्षकों के लिए प्रेरणा एप कितना सुरक्षित
प्रेरणा ऐप को एनआईसी द्वारा संचालित किया जाएगा. एनआईसी फुलप्रूफ तंत्र है. इसमें किसी की फोटो का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा. इसके साथ ही महिलाओं को यह छूट दी गई है कि वह अकेले बच्चों के साथ सेल्फी लेकर फोटो अपलोड कर सकें. महिलाओं को पुरुष शिक्षकों के साथ ग्रुप में सेल्फी लेकर प्रेरणा एप पर डालना बाध्यता खत्म कर दी गई है.