लखनऊ:आगामी 30 अप्रैल तक स्कूलों को बच्चों के लिए बंद कर दिया गया. इस दौरान सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक व कर्मचारियों को विद्यालय जाना होगा. बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से सोमवार को यह निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने साफ किया है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शिक्षकों को विद्यालय आना होगा.
यह काम करने होंगे पूरे
सचिव प्रताप सिंह बघेल ने कहा है कि परिषदीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में अन्य आवश्यक प्रशासकीय कार्य यथा हाउस होल्ड सर्वे का कार्य, बच्चों के नामांकन की प्रकिया, मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत परिवर्तन लागत की धनराशि छात्र / छात्राओं के अभिभावकों के खातों में भेजे जाने, खाद्यान्न वितरण की कार्रवाई, पाठ्य पुस्तकों का वितरण, मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत ई-पाठशाला. परिषदीय विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प की गतिविधियों, शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम, यू- डायस प्लस की गतिविधियों एवं समय-समय पर दिए गए निर्देशों के अनुपालन के लिए शिक्षक/ शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति विद्यालय में आवश्यक होगी. ऐसे में विद्यालय में शिक्षक / शिक्षणेत्तर कर्मचारी की उपस्थिति कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन पूर्णतया कराते हुए सुनिश्चित करना होगा.
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शिक्षकों में है नाराजगी
शासन की ओर से आगामी 30 अप्रैल तक छात्रों के लिए विद्यालय बंद करने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान विद्यालय के कर्मचारी और शिक्षकों को बुलाने की छूट दी गई है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इसी के आधार पर सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने के निर्देश बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी किया. इसको लेकर शिक्षकों में काफी नाराजगी भी है. शिक्षकों का कहना है कि उन्हें लंबा सफर तय करके विद्यालय ज्यादा होता है. ऐसे में संक्रमण का खतरा काफी है. उनके इस खतरे को ध्यान में रखते हुए इस आदेश को टालने की मांग की गई है.