लखनऊ: ट्रेड यूनियनों की 28 और 29 मार्च को दो दिन देशव्यापी हड़ताल का अच्छा खासा असर दिखा. लखनऊ में सोमवार को सभी बैंक व डाकघर पूरी तरह से बंद रहे. हालांकि इस हड़ताल में कई प्राइवेट बैंक के कर्मचारी शामिल नहीं हुए. सूत्रों के मुताबिक इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक समेत कुछ बैंकों में हड़ताल का असर दिखा. साथ ही बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक के कुछ कर्मचारी अनुपस्थित रहे. चौक स्थित प्रधान डाकघर में भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे. प्रदेश में 500 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ. लखनऊ में 45 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ है.
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हड़ताल को ऑफिसर विंग एआईबीओ का समर्थन: ऑल इंडिया बैंक एम्पलाई एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एसके संगतानी ने कहा कि हमारी ऑफिसर विंग एआईबीओ बैंक यूनियन के साथ है. हम भी हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि हमारी भी कुछ मांगे हैं जिसको लेकर हम समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पब्लिक रिलेटेड हमारी दो डिमांड हैं.
बढ़ाए गए चार्जेज कम हों : पहली मांग है डिपॉजिट पर इंटरेस्ट बढ़ाया जाए और दूसरी मांग बैंकों में कई तरह के चार्जेज बढ़ा दिए गए हैं, इनको कम किया जाए.ऑल इंडिया पोस्टल एंप्लाइज यूनियन के डिप्टी सेक्रेटरी आशीष शर्मा ने कहा कि फिलहाल राष्ट्रव्यापी हड़ताल दो दिनों का है अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो ये आगे भी बढ़ सकती है.
गाजीपुर जिले में 400 करोड़ का व्यवसाय भी प्रभावित: यूपी बैंक इम्प्लाइज क्षेत्रीय सचिव जितेंद्र शर्मा ने कहा कि गाजीपुर जनपद में ही यूनियन बैंक के करीब 250 करोड़ रुपये का एनपीए है. रिकवरी को लेकर शासन या बैंक प्रशासन गंभीर नहीं है जिसके चलते बैंक के व्यवसाय पर खासा असर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि 2 दिन की हड़ताल से जनपद में ₹400 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित होने की संभावना है.
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