लखनऊ : अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए, अस्पताल के लाइसेंस निलंबन सम्बंधी आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को जवाबी हलफ़नामा दाखिल करने का आदेश दिया है. हालांकि अस्पताल के खिलाफ शुरू की गई जांच जारी रहेगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने संजय गांधी हॉस्पिटल की ओर से दाखिल उसे याचिका पर पारित किया, जिसमें अस्पताल की ओर से लाइसेंस निलंबन के आदेश को चुनौती दी गई है. याची हॉस्पिटल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर ने दलील दी कि संजय गांधी हॉस्पिटल पिछले 40 वर्षों से चल रहा है और उस क्षेत्र का यह सबसे लोकप्रिय अस्पताल है. कहा गया कि सर्जरी के दौरान एक महिला की मृत्यु होने के पश्चात हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. साथ ही अस्पताल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. कहा गया कि अस्पताल के बंद होने से बड़ी तादात में लोग परेशान हैं.
याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध किया गया. कहा गया कि मामले में कारण बताओ नोटिस जारी की गई है लिहाजा अस्पताल प्रशासन को जांच में सहयोग करते हुए, अपना जवाब देना चाहिए. हालांकि न्यायालय सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि एक चूक से अस्पताल को बंद नहीं किया जा सकता, अस्पताल बंद करने व ऑपरेशन की सुविधा बंद करने से आसपास के लोगों को नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती है. उल्लेखनीय है कि संजय गांधी हॉस्पिटल संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है व उक्त ट्रस्ट की चेयरपर्सन सोनिया गांधी हैं.