लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी जिले के पुलिस कप्तानों और पुलिस कमिश्नर को गंगा अन्य नदियों में शव प्रवाहित करने के मामले को लेकर प्रदेश के एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने निर्देश जारी किए हैं. निर्देश में कहा गया है कि हर हालत में नदियों में शव को प्रवाहित करने पर रोक लगाई जाए. वहीं, इसके लिए पुलिस पेट्रोलिंग करें और घाटों पर भी निगरानी रखें. इसके लिए पीएसी, एनडीआरएफ और पुलिस की तैनाती की गई है. निर्देश में यह भी किया गया है कि ग्रामीणों को पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम और मीटिंग के जरिए जागरूक किया जाए. जिससे कि वह शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाए न कि नदियों में बहाए. प्रदेश सरकार ने इसके लिए भी गरीब और बेसहारा लोगों के दाह संस्कार के लिए गांव में 5 हजार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है.
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने जिले के पुलिस कप्तान और पुलिस कमिश्नर को निर्देश जारी किए गए हैं की नदियों में शव को बहाने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए. इसके लिए 24 घंटे पुलिस पेट्रोलिंग करें. जिसमें पीएसी, एनडीआरएफ की भी मदद ली जाए. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले और उन्नाव के बक्सर घाट पर बड़ी संख्या में शव प्रवाहित किए गए थे और यहां तक की रेत में शव को दफनाया गया था. वहीं अब गंगा नदी में भी पुलिस की पेट्रोलिंग हो रही है. उन्नाव के बक्सर घाट पर पुलिस पिकेट के साथ-साथ बारा थाने से कंट्रोल किया जा रहा है. पुलिस को अब तक वाराणसी में 7, गाजीपुर में 16, चंदौली-बलिया में 8-8 शव नदियों में उतराते मिले हैं. सभी शवों का उचित तरीके से अंतिम संस्कार किया गया है.
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