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बलरामपुर अस्पताल के मरीज प्राइवेट नर्सिंग होम में किये जा रहे शिफ्ट, दलाल सक्रिय - private nursing homes in lucknow

बलरामपुर अस्पताल में एक दलाल ने बेहतर इलाज का झांसा देकर निजी अस्पताल (Balrampur Hospital patients being shifted) ले जाने की सलाह दी. तीमारदार स्ट्रेचर पर लादकर मरीज को गेट पर लाए और निजी एंबुलेंस से प्राइवेट अस्पताल चले गये.

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Balrampur Hospital patients being shifted बलरामपुर अस्पताल के मरीज private nursing homes in lucknow के मरीज प्राइवेट नर्सिंग होम में किये जा रहे शिफ्ट
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Published : Apr 24, 2023, 7:54 AM IST

लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल में दिनदहाड़े निजी अस्पताल में मरीजों को ​शिफ्ट कराया जा रहा है. रविवार दोपहर आए गंभीर मरीज को सरकारी एंबुलेंस लेकर इमरजेंसी पहुंची. मरीज की हालत बेहद नाजुक थी. मरीज के भर्ती होने में देरी हो रही थी. इसी बीच निजी अस्पताल के एजेंट ज​रिए उसे स्ट्रेचर पर लादकर गेट पर लाया गया. वहां से मरीज को निजी अस्पताल भेज दिया गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हुआ, तो अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए.

बाराबंकी का रहने वाला सैफ (25 वर्ष) हादसे में जख्मी हो गया था. सिर में गंभीर चोट होने पर तीमारदार पहले मरीज को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर ले गए. वहां पर जांच पड़ताल बाद मरीज को बेड खाली न होने का हवाला देकर बलरामपुर अस्पताल भेजा गया. सरकारी एंबुलेंस दोपहर करीब एक बजे मरीज को लेकर इमरजेंसी में लाई. आरोप है यहां पर मरीज की हालत गंभीर बताई गई. आरोप है निजी अस्पताल के दलाल ने बेहतर इलाज का झांसा देकर निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी.

तीमारदार भी इलाज को राजी हो गए. एंबुलेंस भी अस्पताल गेट पर आकर लग गई. तीमारदार स्ट्रेचर पर लादकर उसे गेट तक लाए. वहां से मरीज को निजी एंबुलेंस में ​शिफ्ट करके ले गए. इसका वीडियो कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर वॉयरल होने लगा. अस्पताल प्रशासन पहले मामले में लीपापोती करता लेकिन बाद में दबाव बढ़ने के कारण मामले की जांच के आदेश दिये गये.


सिविल अस्पताल में हो रही लगातार चोरियां: हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में अब तक साइकिल, बाइक चोरी होने की वारदात आम हो गयी हैं. ये ही नहीं अस्पताल में लगा पांच विंडो एसी भी चोर उड़ा ले गए. अस्पताल प्रशासन की ओर से हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. सूत्रों के अनुसार गत एक सप्ताह पहले पुराने भवन के पांच विंडो एसी चोरी हो गए. पहले से तो अस्पताल प्रशासन मामले को दबाने में लगा रहा, लेकिन चोरों के बारे में पता न चल पाने पर थाने में चार दिन एफआईआर दर्ज कराई गई. अस्पताल प्रशासन ने आउटडोर कर्मचारियों को भई निकाल दिया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.

नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे: अस्पताल में किसी आकस्मिक घटना होने पर उसका पता लगाना पाना मुश्किल होगा, क्योंकि पुराने भवन में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं. इसलिए चोरों ने आसानी से अस्पताल के एसी चोरी कर लिये.

लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल में दिनदहाड़े निजी अस्पताल में मरीजों को ​शिफ्ट कराया जा रहा है. रविवार दोपहर आए गंभीर मरीज को सरकारी एंबुलेंस लेकर इमरजेंसी पहुंची. मरीज की हालत बेहद नाजुक थी. मरीज के भर्ती होने में देरी हो रही थी. इसी बीच निजी अस्पताल के एजेंट ज​रिए उसे स्ट्रेचर पर लादकर गेट पर लाया गया. वहां से मरीज को निजी अस्पताल भेज दिया गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हुआ, तो अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए.

बाराबंकी का रहने वाला सैफ (25 वर्ष) हादसे में जख्मी हो गया था. सिर में गंभीर चोट होने पर तीमारदार पहले मरीज को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर ले गए. वहां पर जांच पड़ताल बाद मरीज को बेड खाली न होने का हवाला देकर बलरामपुर अस्पताल भेजा गया. सरकारी एंबुलेंस दोपहर करीब एक बजे मरीज को लेकर इमरजेंसी में लाई. आरोप है यहां पर मरीज की हालत गंभीर बताई गई. आरोप है निजी अस्पताल के दलाल ने बेहतर इलाज का झांसा देकर निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी.

तीमारदार भी इलाज को राजी हो गए. एंबुलेंस भी अस्पताल गेट पर आकर लग गई. तीमारदार स्ट्रेचर पर लादकर उसे गेट तक लाए. वहां से मरीज को निजी एंबुलेंस में ​शिफ्ट करके ले गए. इसका वीडियो कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर वॉयरल होने लगा. अस्पताल प्रशासन पहले मामले में लीपापोती करता लेकिन बाद में दबाव बढ़ने के कारण मामले की जांच के आदेश दिये गये.


सिविल अस्पताल में हो रही लगातार चोरियां: हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में अब तक साइकिल, बाइक चोरी होने की वारदात आम हो गयी हैं. ये ही नहीं अस्पताल में लगा पांच विंडो एसी भी चोर उड़ा ले गए. अस्पताल प्रशासन की ओर से हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. सूत्रों के अनुसार गत एक सप्ताह पहले पुराने भवन के पांच विंडो एसी चोरी हो गए. पहले से तो अस्पताल प्रशासन मामले को दबाने में लगा रहा, लेकिन चोरों के बारे में पता न चल पाने पर थाने में चार दिन एफआईआर दर्ज कराई गई. अस्पताल प्रशासन ने आउटडोर कर्मचारियों को भई निकाल दिया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.

नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे: अस्पताल में किसी आकस्मिक घटना होने पर उसका पता लगाना पाना मुश्किल होगा, क्योंकि पुराने भवन में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं. इसलिए चोरों ने आसानी से अस्पताल के एसी चोरी कर लिये.

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