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Balrampur Hospital Lucknow में दिल की बीमारी का भी होगा इलाज, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

राजधानी लखनऊ के केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान की तरह अब बलरामपुर अस्पताल में भी दिल की बीमारियों का इलाज हो सकेगा. अस्पताल प्रशासन ने इस बाबत शासन को प्रस्ताव भेजा दिया है. जिस पर जल्द मुहर लगने की बात कही जा रही है.

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Published : Mar 4, 2023, 3:54 PM IST

Updated : Mar 4, 2023, 4:33 PM IST

लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में अब जल्द ही दिल के गंभीर मरीजों का भी इलाज शुरू होगा? इसके साथ ही एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा भी मरीजों को मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर कैथ लैब स्थापित की जाएगी. इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. इसके बाद दूर दराज से आने वाले दिल के मरीजों को इधर उधर नहीं भटकना नहीं पड़ेगा.

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अभी तक केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान में दिल के मरीजों की एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा है. इन अस्पतालों में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. ऐसे में इन अस्पतालों में मरीजों के इलाज दबाव अधिक है. मरीजों को जांच व इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मरीजों को समय पर इलाज हासिल करने में अड़चन आ रही है. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने या दिल की दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों को बलरामपुर अस्पताल में मिलेगा. पीपीपी मॉडल पर कैथ लैब स्थापित की जाएगी. उन्होंने बताया कि डायलिसिस यूनिट की भांति कैथ लैब का संचालन होगा. विशेषज्ञ डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ प्राइवेट संस्था के होंगे.

अस्पताल प्रशासन को स्थान बिजली, पानी समेत दूसरे संसाधन जुटाने होंगे. उन्होंने बताया कि अभी आठ बेड का कॉर्डियक आईसीयू का संचालन हो रहा है. हार्ट अटैक समेत दिल की दूसरी बीमारी का पता लगाने के लिए खून की टॉप्टी समेत जांच की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी. इससे मेडिकल संस्थानों से मरीजों का दबाव भी कम होगा. बता दें, अभी शहरवासियों के अलावा दूर दराज से राजधानी पहुंचने वाले दिल के मरीजों को केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान में जगह न मिलने पर निजी अस्पतालों में इलाज करना पड़ रहा है.

गर्मी से बचाव के लिए करें जरूरी इंतजाम : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि वैज्ञानिकों ने गर्मी का प्रकोप अधिक रहने की आशंका जाहिर की है. देश के अधिकांश क्षेत्रों में मार्च में तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है. ऐसे में हीट रिलेटेड इलनेसे की आशंका भी बढ़ गई है. इस बाबत उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी सरकारी अस्पताल के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं.

डिप्टी सीएम ने कहा- गर्मी से बचाव के लिए किए जाएं जरूरी इंतजाम.
डिप्टी सीएम ने कहा- गर्मी से बचाव के लिए किए जाएं जरूरी इंतजाम.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में हीट वेव से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रचार प्रसार करें. राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गर्मी से संबंधित बीमारियों पर दैनिक निगरानी की जाए. इसके लिए सभी जनपदों में अलर्ट मोड में रहें. सभी स्वास्थ्य इकाई एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को पी-फॉर्म पर सूचना अंकित करने के लिए लॉगिन उपलब्ध हो. निर्धारित प्रारूपों के अनुसार समस्त गर्मी व उससे प्रभावित चिन्हित रोगियों एवं उससे हुई मृत्यु की लाइन लिस्ट उपलब्ध हो. साथ ही संलग्न रिपोर्टिंग प्रपत्र पर दैनिक रिपोर्ट भी 15 मार्च से प्रतिदिन शाम चार बजे तक ईमेल npcchhup@gmail.com एवं idspup@gmail.com पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. आशा घर-घर भ्रमण के दौरान एएनएम व वीएचएनडी गर्मी से सम्बन्धित बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को चिन्हित करें. उन्हें मुफ्त इलाज मुहैया कराने में मदद करें. लक्षणों के आधार पर उनका अंकन आईएचआईपी के एस-फार्म पर सुनिश्चित किया जाए.

यह भी पढ़ें : Deputy CM Brajesh Pathak ने कहा-सोलर सिस्टम से बिजली और इलेक्ट्रिक व्हीकल से बच रहा डीजल पेट्रोल

लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में अब जल्द ही दिल के गंभीर मरीजों का भी इलाज शुरू होगा? इसके साथ ही एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा भी मरीजों को मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर कैथ लैब स्थापित की जाएगी. इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. इसके बाद दूर दराज से आने वाले दिल के मरीजों को इधर उधर नहीं भटकना नहीं पड़ेगा.

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अभी तक केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान में दिल के मरीजों की एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा है. इन अस्पतालों में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. ऐसे में इन अस्पतालों में मरीजों के इलाज दबाव अधिक है. मरीजों को जांच व इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मरीजों को समय पर इलाज हासिल करने में अड़चन आ रही है. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने या दिल की दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों को बलरामपुर अस्पताल में मिलेगा. पीपीपी मॉडल पर कैथ लैब स्थापित की जाएगी. उन्होंने बताया कि डायलिसिस यूनिट की भांति कैथ लैब का संचालन होगा. विशेषज्ञ डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ प्राइवेट संस्था के होंगे.

अस्पताल प्रशासन को स्थान बिजली, पानी समेत दूसरे संसाधन जुटाने होंगे. उन्होंने बताया कि अभी आठ बेड का कॉर्डियक आईसीयू का संचालन हो रहा है. हार्ट अटैक समेत दिल की दूसरी बीमारी का पता लगाने के लिए खून की टॉप्टी समेत जांच की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी. इससे मेडिकल संस्थानों से मरीजों का दबाव भी कम होगा. बता दें, अभी शहरवासियों के अलावा दूर दराज से राजधानी पहुंचने वाले दिल के मरीजों को केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान में जगह न मिलने पर निजी अस्पतालों में इलाज करना पड़ रहा है.

गर्मी से बचाव के लिए करें जरूरी इंतजाम : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि वैज्ञानिकों ने गर्मी का प्रकोप अधिक रहने की आशंका जाहिर की है. देश के अधिकांश क्षेत्रों में मार्च में तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है. ऐसे में हीट रिलेटेड इलनेसे की आशंका भी बढ़ गई है. इस बाबत उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी सरकारी अस्पताल के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं.

डिप्टी सीएम ने कहा- गर्मी से बचाव के लिए किए जाएं जरूरी इंतजाम.
डिप्टी सीएम ने कहा- गर्मी से बचाव के लिए किए जाएं जरूरी इंतजाम.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में हीट वेव से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रचार प्रसार करें. राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गर्मी से संबंधित बीमारियों पर दैनिक निगरानी की जाए. इसके लिए सभी जनपदों में अलर्ट मोड में रहें. सभी स्वास्थ्य इकाई एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को पी-फॉर्म पर सूचना अंकित करने के लिए लॉगिन उपलब्ध हो. निर्धारित प्रारूपों के अनुसार समस्त गर्मी व उससे प्रभावित चिन्हित रोगियों एवं उससे हुई मृत्यु की लाइन लिस्ट उपलब्ध हो. साथ ही संलग्न रिपोर्टिंग प्रपत्र पर दैनिक रिपोर्ट भी 15 मार्च से प्रतिदिन शाम चार बजे तक ईमेल npcchhup@gmail.com एवं idspup@gmail.com पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. आशा घर-घर भ्रमण के दौरान एएनएम व वीएचएनडी गर्मी से सम्बन्धित बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को चिन्हित करें. उन्हें मुफ्त इलाज मुहैया कराने में मदद करें. लक्षणों के आधार पर उनका अंकन आईएचआईपी के एस-फार्म पर सुनिश्चित किया जाए.

यह भी पढ़ें : Deputy CM Brajesh Pathak ने कहा-सोलर सिस्टम से बिजली और इलेक्ट्रिक व्हीकल से बच रहा डीजल पेट्रोल

Last Updated : Mar 4, 2023, 4:33 PM IST
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