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लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

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Published : Sep 14, 2019, 2:23 PM IST

राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत का मामला सामने आया है, जहां पर परिजनों के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा भी काटा.

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन

लखनऊ: राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में एक मरीज की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं मरीज करीब आठ दिन से बलरामपुर अस्पताल में भर्ती था. इस दौरान किसी भी गंभीर बीमारी के ना होने का बात डॉक्टर द्वारा कही गई थी, लेकिन मरीज की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

मरीज की मौत के बाद परिजनों ने काटा हंगामा.

पढ़ें: फार्मासिस्ट तबादले में भ्रष्टाचार का आरोप, निदेशक पैरामेडिकल निलंबित

  • परिजनों ने लगाया डॉक्टरों पर मरीज की मौत का आरोप
  • कन्नौज निवासी ओमप्रकाश दुबे को 8 दिन पहले सांस लेने में दिक्कत आ रही थी.
  • परेशानी बढ़ने के बाद उनको बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
  • जहां पर उनकी सारी प्राथमिक जांच हुई.
  • मरीज को वार्ड नंबर 2 में भर्ती किया गया.
  • जहां शनिवार को मरीज की मौत हो गई.

मृतक की पत्नी का आरोप है कि 8 दिन बाद भी डॉक्टर मर्ज को पकड़ नहीं पाए थे. इलाज के बावजूद पति की तबीयत नहीं सही हुई, लेकिन डॉक्टर द्वारा कोई भी बेहतर इलाज देने का प्रयास नहीं किया गया.

परिजन ने ईटीवी भारत से बातचीत कर बताया कि देर शाम जब मरीज की तबीयत काफी ज्यादा बिगड़ने लगी. तब डॉक्टर और नर्स भी वार्ड में मौजूद नहीं थे, उन्होंने तमाम प्रयास किया कि डॉक्टर व नर्स उनके मरीज को देख ले, लेकिन काफी देर तक इस प्रयास के बावजूद भी डॉक्टर मरीज को देखने तक नहीं पहुंचे.

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने ईटीवी भारत को बताया कि
हमारे अस्पताल के डॉक्टर बहुत मेहनत करते थे और जब भी कोई गंभीर अवस्था में मरीज भर्ती होते हैं तो उनके बचने की संभावना की परसन्टेज कम होती है. वहीं जब भी कोई मरीज मरता है तो डॉक्टर को भी दुख होता है. इस मामले में कोई लापरवाही नहीं हुई है.

लखनऊ: राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में एक मरीज की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं मरीज करीब आठ दिन से बलरामपुर अस्पताल में भर्ती था. इस दौरान किसी भी गंभीर बीमारी के ना होने का बात डॉक्टर द्वारा कही गई थी, लेकिन मरीज की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

मरीज की मौत के बाद परिजनों ने काटा हंगामा.

पढ़ें: फार्मासिस्ट तबादले में भ्रष्टाचार का आरोप, निदेशक पैरामेडिकल निलंबित

  • परिजनों ने लगाया डॉक्टरों पर मरीज की मौत का आरोप
  • कन्नौज निवासी ओमप्रकाश दुबे को 8 दिन पहले सांस लेने में दिक्कत आ रही थी.
  • परेशानी बढ़ने के बाद उनको बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
  • जहां पर उनकी सारी प्राथमिक जांच हुई.
  • मरीज को वार्ड नंबर 2 में भर्ती किया गया.
  • जहां शनिवार को मरीज की मौत हो गई.

मृतक की पत्नी का आरोप है कि 8 दिन बाद भी डॉक्टर मर्ज को पकड़ नहीं पाए थे. इलाज के बावजूद पति की तबीयत नहीं सही हुई, लेकिन डॉक्टर द्वारा कोई भी बेहतर इलाज देने का प्रयास नहीं किया गया.

परिजन ने ईटीवी भारत से बातचीत कर बताया कि देर शाम जब मरीज की तबीयत काफी ज्यादा बिगड़ने लगी. तब डॉक्टर और नर्स भी वार्ड में मौजूद नहीं थे, उन्होंने तमाम प्रयास किया कि डॉक्टर व नर्स उनके मरीज को देख ले, लेकिन काफी देर तक इस प्रयास के बावजूद भी डॉक्टर मरीज को देखने तक नहीं पहुंचे.

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने ईटीवी भारत को बताया कि
हमारे अस्पताल के डॉक्टर बहुत मेहनत करते थे और जब भी कोई गंभीर अवस्था में मरीज भर्ती होते हैं तो उनके बचने की संभावना की परसन्टेज कम होती है. वहीं जब भी कोई मरीज मरता है तो डॉक्टर को भी दुख होता है. इस मामले में कोई लापरवाही नहीं हुई है.

Intro:लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में एक मरीज की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। मरीज करीब 8 दिन से बलरामपुर अस्पताल में भर्ती था। इस दौरान किसी भी गंभीर बीमारी के ना होने का बात डॉक्टर द्वारा कही गई थी। लेकिन मरीज की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।




Body:दरअसल कन्नौज निवासी ओमप्रकाश दुबे 60 वर्षीय को 8 दिन पहले सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। परेशानी बढ़ने के बाद उनको बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहां पर उनकी सारी प्राथमिक जांच हुई।मरीज को वार्ड नंबर 2 में भर्ती किया गया। परिजनों का आरोप है कि 8 दिन बाद भी डॉक्टर पति के मार्च को पकड़ नहीं पाए थे। इलाज के बावजूद पति की तबीयत बदलती रहे।लेकिन डॉक्टर द्वारा कोई भी बेहतर इलाला देने का प्रयास नहीं किया गया। परिजनों ने बताया कि देर शाम जब मरीज की तबीयत काफी ज्यादा बिगड़ने लगी। तब डॉक्टर व नर्स भी वार्ड में मौजूद नहीं थे उन्होंने तमाम प्रयास किया कि डॉक्टर व नर्स उनके मरीज को देख ले लेकिन काफी देर तक इस प्रयास के बावजूद भी डॉक्टर बनना मरीज को देखने तक नहीं पहुंचे।देखते-देखते मरीज की हालत काफी ज्यादा बिगड़ गई।नर्स से डॉक्टर को बुलाने के लिए भी कहा गया। लेकिन समुचित इलाज के अभाव में मरीज की सांसे थम गई। इस पर बलरामपुर के निदेशक से बातचीत की तो उन्होंने भी आरोपों को बेबुनियाद बताया।

बाइट- परिजन
बाइट- डॉ राजीव लोचन, निदेशक, बलरामपुर अस्पताल




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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