लखनऊ : गोलागंज स्थित बलरामपुर जिला अस्पताल में शुक्रवार को डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के लिए पहले से अस्पताल प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई थी. साधारण तरीके से आम नागरिक की तरह अस्पताल में मरीज बनकर निरीक्षण करने के लिए पहुंचे. जब अस्पताल के अंदर पहुंचे तो कोई भी उन्हें पहचान नहीं पाया. निरीक्षण के दौरान उन्हें अस्पताल में कई खामियां मिलीं. जिसको लेकर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता को उसे ठीक कराने के लिए कहा. निरीक्षण के समय डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कुछ मरीजों व तीमारदारों से भी बातचीत की. अस्पताल के हर विभाग व वार्ड में जाकर उन्होंने स्वयं निरीक्षण किया. जहां गंदगी देखी वहां साफ कराने का निर्देश दिया.
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अस्पताल के लैब से लेकर सभी वार्ड का निरीक्षण किया. लैब में रखे कंप्यूटर पर जमा गंदगी और धूल देखकर ब्रजेश पाठक काफी नाराज हुए. उन्होंने कहा कि इस सिस्टम पर जो बैठता है यह उसके जिम्मेदारी बनती है कि अपने सामान को साफ सुथरा रखे. दीवार पर लगे कबड में फैली गंदगी और धूल को देखकर साफ सुथरा रखने का निर्देश दिया. निरीक्षण के दौरान सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के बाहर पान का दाग देख डिप्टी सीएम ने अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता को निर्देश दिया कि इसकी जिम्मेदारी आप गार्ड को सौंपें.
डिप्टी सीएम ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल के कोने कोने में काफी कूड़ा पड़ा मिला. इसको लेकर उन्होंने निर्देश दिया कि अस्पताल में जगह-जगह डस्टबिन बने हैं और जहां नहीं है वहां पर भी डस्टबिन लगवाए जाएं. गार्ड को समझाया जाए कि किसी को भी यहां पर कूड़ा फेंकने न दिया जाए. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने वार्ड में जाकर पीड़ित मरीजों से उनका हालचाल जाना और वार्ड की व्यवस्था देखी. निरीक्षण के दौरान अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता से कहा कि मरीज यहां पर इलाज के लिए आता है. मरीज की बीमारी चाहे कितनी भी गंभीर क्यों न हो अगर डॉक्टर उससे प्यार से बात करता है तो आज ही तकलीफ मरीज की ऐसे ही दूर हो जाती हैं. ऐसे में इस बात का पूरा ध्यान रखें कि कोई भी स्टाफ मरीजों से किसी तरह की अभद्रता न करें और स्टाफ अपने व्यवहार में नरमी बरतें.
आठ निजी अस्पतालों में मिलीं खामियां : उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केडी मिश्रा ने शुक्रवार को आठ निजी अस्पतालों ठाकुरगंज स्थित फेडरल अस्पताल, दुबग्गा स्थित मेडिसिटी अस्पताल, बुद्धेश्वर रोड स्थित मिडलैंड अस्पताल, आरएनए अस्पताल, सुपर जनता अस्पताल, हाइटेक अस्पताल, कुसुमा अस्पताल और यूपी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. बुद्धेश्वर रोड स्थित हाइटेक अस्पताल में निरीक्षण के दौरान पांच मरीज भर्ती मिले. दो मरीज आईसीईयू में थे. बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं थी और फार्मेसी का लाइसेंस भी नहीं था.
कुसुमा अस्पताल में कोई पंजीकृत चिकित्सक नहीं मिला. यहां पांच मरीज भर्ती थे, बिजली के खुले तार मिले, फार्मेसी का लाइसेंस नहीं था और बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं थी. ठाकुरगंज स्थित फेडरल अस्पताल में अस्पताल के संचालक नहीं मिले. यहां कोई अभिलेख नहीं मिला और कोई भी मरीज भर्ती नहीं था. अस्पताल में फार्मेसी, 13 बेड और ओटी था. दुबग्गा स्थित मेडिसिटी अस्पताल में निरीक्षण के दौरान पांच मरीज भर्ती मिले. कोई भी चिकित्सक नहीं था. प्रशिक्षु जीएनएम ड्यूटी पर मिली, फार्मेसी का लाइसेंस नहीं था और बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं थी.
बुद्धेश्वर रोड स्थित मिडलैंड अस्पताल में कोई चिकिसक नहीं मिला. दो मरीज भर्ती मिले, जिनकी कोई फ़ाइल नहीं बनी थी. इसी रोड पर स्थित आरएनए अस्पताल में भी चिकित्सक मौजूद नहीं थे. बीएससी के छात्र कार्यरत मिले. दिल का मरीज भर्ती मिला. अस्पताल बेसमेंट में संचालित है और प्रवेश द्वार बहुत संकरा है. अस्पताल में काफी गंदगी मिली और बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था असंतोषजनक थी. इसके साथ ही अस्पताल के संचालक राम गोपाल अनुपस्थित मिले. बुद्धेश्वर रोड स्थित यूपी अस्पताल में फार्मेसी का लाइसेंस नहीं मिला. मरीज भर्ती थे, लेकिन कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था. बुद्धेश्वर रोड स्थित सुपर जनता अस्पताल में चिकित्सालय संचालित नहीं था. अप्रशिक्षित जीएनएम छात्राएं मिलीं. कमियां पाए जाने पर उपरोक्त अस्पतालों को नोटिस देते हुए 24 घंटे के अंदर अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
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