लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रिवर फ्रंट डेवलपमेंट से जुड़े करीब 1500 करोड़ रूपये के घोटाला मामले में सिंचाई विभाग के जूनियर असिस्टेंट राजकुमार यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायालय ने कहा कि साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया सिद्ध होता है कि अभियुक्त राजकुमार यादव का भ्रष्टाचार में महत्वपूर्ण संलिप्तता थी.
यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने राजकुमार यादव की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर पारित किया है. अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नंदित श्रीवास्तव ने तर्क दिया था कि याची को गलत फंसाया गया है. याचिका में कहा गया था कि यादव का नाम प्राथमिकी में नहीं था और न ही उसका घोटाले के षणयंत्र में कोई हाथ था.
वहीं सीबीआई के अधिवक्ता अनुराग कुमार सिंह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त राजकुमार यादव के घोटाले में शामिल होने के साक्ष्य मिले हैं. इसलिए उसके खिलाफ इस घोटाले के मुख्य अभियुक्त एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रूप सिंह यादव के साथ 16 फरवरी 2021 को अदालत में आरेाप पत्र दाखिल किया गया.
यह भी कहा गया कि मामले में सीबीआई अभी आगे जांच कर रही है. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद राजकुमार यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी. हांलाकि न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि कोई कानूनी अड़चन न हो तो अभियुक्त के मामले का विचारण एक साल में पूरा किया जाए.