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बिजली बिल ठीक कराने के लिए रिश्वत मांगने वाले कर्मचारी की जमानत अर्जी खारिज - Bribe for Electricity Bill Manipulation

बिजली बिल ठीक कराने (Bribe for Electricity Bill Manipulation) के एवज में रिश्वत मांगने वाले कर्मचारी की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज (Bail denied to corrupt employee) हो गयी. इस कर्मचारी कानपुर में तैनात जेई एके मिश्रा के साथ गिरफ्तार किया गया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 23, 2023, 7:29 AM IST

लखनऊ: बिजली बिल ठीक कराने के लिए रिश्वत (Bribe for Electricity Bill Manipulation) लेने के मामले में आरोपी कर्मचारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी गयी. अपने जेई के लिए रिश्वत की रकम लेने वाले संविदाकर्मी नासिर खान की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रभारी रेखा शर्मा ने खारिज कर दी है. यह कर्मचारी कानपुर में तैनात जेई एके मिश्रा के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

जमानत के विरोध में सरकारी वकील की दलील थी कि वादी सुधीर चंद्र द्विवेदी ने एंटी करप्शन कानपुर में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि उसकी पत्नी के नाम साकेत नगर कानपुर में मकान है जिसका विद्युत बिल 5353 रुपये बकाया होने कारण कनेक्शन काट दिया गया, इसके पश्चात शिकायतकर्ता ने एक अन्य प्रार्थना पत्र देकर परमानेंट डिस्कनेक्ट करने का अनुरोध विभाग से किया लेकिन उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की गई.

इस प्रकार धीरे-धीरे बिल की धनराशि बढ़ती गई और वह 55,175 रुपये हो गई. आरोप लगाया गया है कि इसी बिल को ठीक करने के एवज में जेई एके मिश्रा ने 20,000 रुपये की मांग की तथा धीरे-धीरे यह मामला पांच हजार रुपये में तय हुआ. अदालत को बताया गया कि आरोपी जेई को भ्रष्टाचार निवारण की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया लेकिन उसने रिश्वत की उक्त रकम ऑफिस के बाहर संविदाकर्मी नासिर खान को देने की बात शिकायतकर्ता से कही.

वहीं नासिर खान ने रिश्वत की उक्त रकम प्राप्त करने के बाद जैसे ही जेई एके मिश्रा को दिया तभी रुपए गिनते समय दोनों को भ्रष्टाचार निवारण की टीम द्वारा मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया और रिश्वत के रुपए बरामद किए गए. वहीं अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसे इस मामले में बेजां फंसाया जा रहा है. उसे नहीं पता था कि कैसी रकम शिकायतकर्ता द्वारा दी जा रही है. उसने बस अपने अधिकारी के कहने पर पैसे प्राप्त किए थे (Bail denied to corrupt employee).

ये भी पढ़ें- लखनऊ नगर निगम के जोनल कार्यालय में कर्मचारियों ने हेलमेट लगाकर किया काम, ये थी वजह

लखनऊ: बिजली बिल ठीक कराने के लिए रिश्वत (Bribe for Electricity Bill Manipulation) लेने के मामले में आरोपी कर्मचारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी गयी. अपने जेई के लिए रिश्वत की रकम लेने वाले संविदाकर्मी नासिर खान की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रभारी रेखा शर्मा ने खारिज कर दी है. यह कर्मचारी कानपुर में तैनात जेई एके मिश्रा के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

जमानत के विरोध में सरकारी वकील की दलील थी कि वादी सुधीर चंद्र द्विवेदी ने एंटी करप्शन कानपुर में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि उसकी पत्नी के नाम साकेत नगर कानपुर में मकान है जिसका विद्युत बिल 5353 रुपये बकाया होने कारण कनेक्शन काट दिया गया, इसके पश्चात शिकायतकर्ता ने एक अन्य प्रार्थना पत्र देकर परमानेंट डिस्कनेक्ट करने का अनुरोध विभाग से किया लेकिन उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की गई.

इस प्रकार धीरे-धीरे बिल की धनराशि बढ़ती गई और वह 55,175 रुपये हो गई. आरोप लगाया गया है कि इसी बिल को ठीक करने के एवज में जेई एके मिश्रा ने 20,000 रुपये की मांग की तथा धीरे-धीरे यह मामला पांच हजार रुपये में तय हुआ. अदालत को बताया गया कि आरोपी जेई को भ्रष्टाचार निवारण की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया लेकिन उसने रिश्वत की उक्त रकम ऑफिस के बाहर संविदाकर्मी नासिर खान को देने की बात शिकायतकर्ता से कही.

वहीं नासिर खान ने रिश्वत की उक्त रकम प्राप्त करने के बाद जैसे ही जेई एके मिश्रा को दिया तभी रुपए गिनते समय दोनों को भ्रष्टाचार निवारण की टीम द्वारा मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया और रिश्वत के रुपए बरामद किए गए. वहीं अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसे इस मामले में बेजां फंसाया जा रहा है. उसे नहीं पता था कि कैसी रकम शिकायतकर्ता द्वारा दी जा रही है. उसने बस अपने अधिकारी के कहने पर पैसे प्राप्त किए थे (Bail denied to corrupt employee).

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