लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश सरकार ने प्रदेश की सड़कों को दुरुस्त करने की बात कही थी. पर राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके में जिस तरह से सड़कें अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार सड़कों को लेकर कितना गंभीर है. पॉश इलाके में सड़कों की गुणवत्ता खराब होने के कारण यहां से आने जाने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
सीनियर ब्यूरोक्रेट ने नाराजगी जताते हुए लगाई थी फटकार
गोमती नगर के पॉश इलाके में रहने वाले एक ब्यूरोक्रेट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की टेंडर प्रक्रिया पर नाराजगी जताने के साथ लंबे समय से खराब पड़ी सड़क को मरम्मत न कराने को लेकर फटकार भी लगाई थी. बावजूद इसके अभी तक इस सड़क का निर्माण नहीं हो सका. ऐसे में समझा जा सकता है कि प्रदेश सरकार और सरकार के अधिकारी सड़कों को लेकर कितना गंभीर है.
मुख्यमंत्री आवास से ढाई किमी दूर की सड़क है बदहाल
जब मुख्यमंत्री आवास से महज ढाई किलोमीटर दूर की इस सड़क को ठीक नहीं किया जा रहा है, तो प्रदेश की सड़कों की दुर्दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके अलावा राजधानी लखनऊ के तमाम अन्य इलाके गोमती नगर महानगर, आलमबाग, आशियाना, विकास नगर की सड़कें बदहाल हैं. इन बदहाल सड़कों से गुजरने वाले लोगों को आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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क्या कहते हैं राहगीर
गोमती नगर कि इस वीआईपी सड़क से गुजरने वाले राहगीर रामचंद्र ने कहा कि यह सड़क पिछले काफी समय से खराब है और यह अभी तक बन नहीं पाई है. इसकी वजह से निकलने में हम लोगों को काफी समस्या होती है. इसके अलावा कई बार दुर्घटना भी होती है. गड्ढों की वजह से गाड़ियों द्वारा अचानक ब्रेक ली जाती है और पीछे वाली गाड़ी आगे वाली गाड़ी को ठोक देती है. इस सड़क को जल्द से जल्द ठीक कराना चाहिए. जिससे राहगीरों की समस्या दूर हो सके.
जल्द कराई जाएगी टेंडर प्रक्रिया
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार ने कहा कि जल्द ही इस सड़क को ठीक कराए जाने को लेकर टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी. सड़क का निर्माण जल्दी कराया जाएगा. कोरोना संकट की वजह से सड़क की टेंडर प्रक्रिया नहीं कराई जा सकी है.