लखनऊ: राजधानी के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (BBAU) में पीएचडी प्रवेश परीक्षा को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब एमएससी के एक छात्र अभिषेक कुमार ने कुलसचिव को पत्र लिखकर प्रवेश प्रक्रिया को रोकने की मांग की है. छात्र ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय अपने एक्ट के विपरीत जाकर प्रवेश प्रक्रिया करा रहा है.
छात्र का कहना है कि विश्वविद्यालय ने पीएचडी परीक्षा 2019 के रेगुलेशन के अनुसार करवाई हैं. जबकि, अभी तक विश्विद्यालय ने नए रेगुलेशन की गजट अधिसूचना नहीं निकलवाई और उसको विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल से पास करवाकर अधिसूचना जारी कर दी है. यह विश्वविद्यालय एक्ट के विरुद्ध है.
छात्र के मुताबिक विश्वविद्यालय के एक्ट के सेक्शन 43 में ये स्पष्ठ लिखा है कि किसी भी नए स्टेटस, ऑर्डिनेंस व कोई भी रेगुलेशन की गजट अधिसूचना पूर्णतः अनिवार्य है. वहीं, एक्ट के अनुसार नए रेगुलेशन को विश्वविद्यालय की प्रबंधन समिति की बैठक से मंजूरी लेने के बाद उसको दोनों सदनों से पास होकर गजट नोटिफिकेशन करवाना अनिवार्य है. छात्र का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने इस प्रक्रिया को न पूरा करते हुए सिर्फ रेगुलेशन को एकेडमिक काउंसिल से पास करवाकर जारी कर दिया है. छात्र की मांग है कि पहले गजट अधिसूचना जारी की जाए, फिर विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाए. छात्र ने तब तक प्रवेश प्रक्रिया को रोकने के लिए कुलसचिव को पत्र लिखा है.
पहले भी उठ चुकी है आपत्ति
हाल ही में विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए एक छात्र की तरफ से प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए हैं. आरोप है कि छात्र को उसकी योग्यता से कम अंक दिए गए हैं. इसको लेकर छात्र की तरफ से हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में भी एक याचिका दायर की गई है. मामला विश्वविद्यालय के ह्यूमन राइट्स पाठ्यक्रम में Phd प्रवेश से जुड़ा हुआ है. पीएचडी में प्रवेश के लिए अप्रैल के अंतिम सप्ताह में परीक्षा का आयोजन किया गया था. इसमें करीब 38 अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसका परिणाम मई के अंतिम सप्ताह में जारी किया गया था.
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