लखनऊ: मवेशी, किताबों की चोरी, सरकारी जमीनों पर कब्जा, जल निगम भर्ती घोटाला और नफरती बयान (hate speech) के मुकदमों के भंवर में आजम खान पूरी तरह फंस चुके हैं. मुकदमों की लंबी फेहरिस्त के एक केस में उन्हें सजा सुनाई गई है. हालांकी तुरंत जमानत भी मिल गई, लेकिन इस सजा ने उनके राजनीतिक जीवन में भूचाल ला दिया है. ऊपरी अदालत से राहत न मिली तो उनकी विधायकी जानी तय है और अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाएगी.
बता दें, बीते कुछ बर्षों में सिर्फ आजम खान पर बल्कि उनके पूरे परिवार पर पुलिस, ईडी व एसआईटी (ED and SIT) ने शिकंजा कस रखा है. इसी क्रम में हेट स्पीच के एक मामले में एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) ने आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई है. अभी 94 ऐसे मुकदमे हैं जिनमें आजम खान जमानत पर हैं और कोर्ट में उन सभी मुकदमों का ट्रायल तेजी पकड़ रहा है. ऐसे में आजम का मुकदमों के जाल से निकलना काफी मुश्किल लग रहा है.
आजम खान पर मुकदमों की बात करें तो वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान दिए हलफनामा में गड़बड़ी के चलते एक केस दर्ज हुआ था. इसके बाद बीते साढ़े पांच वर्षों में मुकदमों की बाढ़ आ गई और संख्या 94 पहुंचे चुकी है. यूपी में योगी सरकार बनने के करीब तीन महीने बाद आजम खान के खिलाफ मुकदमों की तब शुरुआत हुई. 29 जून 2022 को आकाश सक्सेना ने सैनिकों का अपमान करने के मामले में एफआईदर्ज कराई थी. इसके बाद आकाश ने आजम के खिलाफ 43 मुकदमे दर्ज करा दिए. इनमें 33 केस ऐसे थे जो चोरी व धोखाधड़ी के थे. इनमें बकरी चोरी, भैंस की चोरी, किताबें चोरी जैसे मामले शामिल हैं.
ईडी व SIT ने भी कसा शिकंजा : वर्ष 2016 में सपा सरकार के दौरान जल निगम में 1342 पदों पर वैकेंसी निकली थी. भर्ती बोर्ड के चेयरमैन आजम खान थे. इन भर्तियों में आजम पर भर्ती घोटाले का आरोप लगा. हालांकी सपा सरकार में मामला गर्त में चला गया, लेकिन योगी सरकार बनते ही अप्रैल 2018 में SIT ने एफआईआर दर्ज आजम को नामजद किया. बताया जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही आजम पर आरोप तय हो सकते हैं. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी भी आजम पर शिकंजा कसे हुए है.
बेटा व पत्नी भी मुकदमों के भंवर में : योगी सरकार में आजम खान के साथ उनका पूरा परिवार भी मुकदमों की जद में आ गया है. पत्नी तन्जीम फातिमा (Tanzeem Fatima) के खिलाफ 35 मुकदमे दर्ज हैं. विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम (abdullah azam) पर भी 43 मुकदमे दर्ज हैं. आजम खान के साथ पत्नी तन्जीम व बेटा अब्दुल्ला भी ईडी के शिकंजे में हैं. ईडी अब्दुल्ला को कई बार लखनऊ जोनल कार्यालय में बुलाकर पूछताछ कर चुकी है.
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विवादित बयानों के महारथी हैं आजम खान : आजम खान कई बार बदजुबानी कर चुके हैं. वर्ष 2009 में समाजवादी पार्टी छोड़ने के दौरान एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. वर्ष 2015 में रेप पीड़िता पर विवादित बयान दिया. वर्ष 2019 में मायावती के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये को लेकर टिप्पणी की. वर्ष 2019 में ही एक निजी चैनल को साक्षात्कार देते समये अमर सिंह और उनके परिवार को लेकर गलतबयान की.
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