लखनऊ : राजधानी की प्रख्यात अवधी साहित्यकार विद्या बिंदु को पद्म पुरस्कार (Vidya Bindu honored with Padma Award) से नवाजा गया. इन्होंने अवधी उपन्यास के साथ-साथ अवधी लोक गीतों का भी समिक्षात्मक अध्ययन किया. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान विद्या बिंदु ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें बेहद खुशी है कि उन्हें पद्म पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया. इसके लिए तहे दिल से सरकार को शुक्रिया कहती हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार कला और साहित्य के नाम पर है. इससे हमारे शहर और प्रदेश का नाम गौरवान्वित हुआ है.
विद्या बिंदु की लिखित उपन्यास, कहानी व कविता
उपन्यास: अंधेरे के दीप, फूलकली, ये बेटियां
कविता संग्रह: वधूमेध, सच के पाँव, अमर बल्लरी, कांटों का वन (हाइकु संग्रह), वापस लौटें नीड़ (दोहा संग्रह), पलछिन, (क्षणिकाएं) तुमसे ही कहना हैं (भक्तिगीत), हम पत्थर नहीं हुए.
कहानी संग्रह: बखरी के लोग अपनी जमीन, बाघ बाबा का चौरा, वे डोलत रस आपने, वनदेई, तोता और आदमी
लोक साहित्य: अवधी लोक गीत एक समीक्षात्मक अध्ययन, लोक मानस, चन्दन चौक, पीर पराई, सांठगांठ, अवध की लोक कथाएं, 'स्टोरी आफ राम', राजा की पोल, उप्र की लोक कलाएं, घर की भाषा घर का भाव, अवधी लोक नृत्य गीत, दिन-दिन पर्व, अवधी की वाचिक परंपरा, एक बँसुरी एक बांस, सीता सुरुजवा का ज्योति, राम कथा इन अवधी फोक लोर (सीता राम कथा लोक में), अवधी लोक गीतो में गदर, पेट का दुख (लोक कथाएँ), नीलकंठ (लोक कथाएं)
नाटक: काकी रोओ मत, अपना सब संसार, चंद्रावती, तुरंत, हँसने पर लाल, रोने पर मोती
बाल साहित्य: बकुली और कौआ, कुआं, कहानी धनतेरस की, आंख ललाई, मूंछ मलाई, बेटी-बेटी, अन्याय नहीं होने दूंगी
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इन सम्मानों से हो चुकी सम्मानित
साहित्य श्री, राष्ट्र भाषा रत्न, महादेवी वर्मा सम्मान, जायसी सम्मान, विश्व भारती सम्मान, हिंदी गरिमा सम्मान, शताब्दी रत्न, सहस्राब्दि विश्व हिंदी सेवी सम्मान, भगवत सम्मान, लोक श्री सम्मान, साकेत सम्मान, बाल साहित्य सम्मान, वंशीधर शुक्ल स्मृति सम्मान, अवधी शिरोमणि सम्मान, राष्ट्रीय राज भाषा शील्ड सम्मान, लोक साहित्य रत्न सम्मान, साहित्य गौरव सम्मान, संस्कृति भारती सम्मान, महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान, साहित्य श्री अलंकरण सम्मान.
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