लखनऊ: राजधानी लखनऊ में सोमवार को प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता सीएम योगी ने की. सीएम योगी कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने, अपराध स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण, विभिन्न स्थानों में तैनात पुलिसकर्मियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के प्रयास तेज किए गए हैं.
पिछले दिनों सीएम आवास पर संपन्न हुई पुलिस विभाग की बैठक में गहन समीक्षा की गई थी. जिसमें नए फायर स्टेशन खोल जाने और फोरेंसिक विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में तेजी लाने के निर्देश दिए गए थे. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 243 आवासीय एवं अनावासीय निर्माण कार्य पूरा कर उन्हें संबंधित इकाई को सौंपा जा चुका है. जिस पर 1101 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि व्यय की गई है. उन्होंने किए गए प्रमुख निर्माण कार्यों का ब्यौरा देते हुए बताया कि 141 थानों पर पुरूष व महिला बैरकों का निर्माण, 16 थानों पर आवासीय भवन, 8 अग्निशमन केन्द्र, 4 पुलिस अधीक्षक कार्यालय, 8 पुलिस लाइन बैरक आदि प्रमुख हैं.
पुलिस के लिए बजट की नहीं कमी
अवनीश अवस्थी ने बताया कि सीएम योगी की घोषणा के अनुरुप 584 निर्माण कार्य चल रहे हैं. जिसके लिए 2770 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है. इस धनराशि से 317 थानों पर हाॅस्टल, 30 पीएसी बैरक, 88 पुरूष /महिला हाॅस्टल, 35 ट्रांजिस्ट हाॅस्टल, 61 अग्निशमन केन्द्र और 53 थानों व चैकियों पर आवासीय एवं अनावासीय भवनों का निर्माण कार्य विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं से कराया जा रहा है.
प्रदेश में नए पुलिस थाने और अग्निशमन केंद्रों की हो रही है स्थापना
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि इसके प्रदेश में 66 अग्निशमन केंद्रों, 37 थानों के नए प्रशासनिक भवन एवं 37 थानों के नए आवासीय भवन, 1425 थानों पर हाॅस्टल/बैरक व विवेचना कक्ष, 68 पुलिस लाइन में ट्रांजिस्ट हाॅस्टल एवं महिला व पुलिस बैरक, 31 पीएसी वाहिनियों में 200 जवानों की क्षमता युक्त 31 बैरक, 13 नई चैकियों के प्रशासनिक भवन, 11 नई चैकियों के आवासीय भवन के निर्माण कार्य प्रस्तावित है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश में कुल 295 अन्य निर्माण कार्य भी प्रस्तावित किए गए हैं, जिस पर 1882 करोड़ से अधिक की धनराशि व्यय होगी. इस धनराशि से प्रदेश में 23 थानों के प्रशासनिक भवन, 5 महिला थानों के प्रशासनिक भवन, 3 चैकियों के प्रशासनिक भवन, 1 पीएसी वाहिनी, विधि विज्ञान विश्वविद्यालय, 22 अग्निशमन केन्द्र, 1 प्रशिक्षण संस्थान और 41 आवासीय व 185 अन्य अनावासीय भवनों का निर्माण किया जाएगा.
पुलिस आवास निगम अब पहुंचा लाभ में
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि शासन द्वारा पुलिस आवास निगम को और अधिक सुदृढ़ बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जिस कारण घाटे में चल रहा यह निगम अब लाभ की ओर अग्रसर है. प्रदेश में अग्निकांड से होने वाली आपदाओं में जन-धन की हानि में कमी लाने के लिए तहसील स्तरों पर फायर स्टेशनों के निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 280 तहसीलों पर फायर स्टेशनों की स्वीकृति दी गई है. उन्होंने बताया कि 66 अग्निशमन केन्द्रों हेतु विभिन्न श्रेणी के कुल 1716 पदों का सृजन किया जा चुका है.
अपराधियों के खिलाफ जमकर हुई कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विगत 20 मार्च 2017 से 31 दिसम्बर 2020 के मध्य 10,114 अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं, जिनमें 9,232 अपराधी 25 हजार के इनामी, 791 अपराधी 25-50 हजार के इनामी और 91 अपराधी 50 हजार रुपये से अधिक के इनामी हैं. वहीं गैंगेस्टर एक्ट में 12,032 अभियोग पंजीकृत कर 37,511 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. गैंगेस्टर एक्ट में 9 अरब 33 करोड़ 33 लाख रुपये से अधिक मूल्य की चल/अचल सम्पत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की गई है. साथ ही इस अवधि में 525 अभियुक्तों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि गैंगेस्टर एक्ट में वांछित अपराधियों को चिन्हित कर उनके अभियान चलाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा गई है. इसके तहत 25 कुख्यात माफिया अपराधियों को चिन्हित कर कार्रवाई की गई है. साथ ही लगभग 475 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अवैध सम्पत्तियों पर सरकारी जमीन अवमुक्त कराने, ध्वस्तीकरण व जब्त करने की भी कार्रवाई की गई है.
गैंगस्टर के खिलाफ हुई पुलिस की कार्रवाई
माफिया और उनके परिजनों व सहयोगियों के लगभग 150 शस्त्र लाइसेंसों के निरस्तीकरण की कार्रवाई की गई है. इसके अलावा 8 अन्य कुख्यात अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 5 अपराधियों की 35 करोड़ से अधिक मूल्य की सम्पत्ति की जब्त करने की कार्रवाई की गई है. गैंगेस्टर एक्ट के तहत सर्वाधिक कार्रवाई वर्ष 2020 में की गई, जिसके तहत कुल 926 प्रकरणों में 798.79 करोड़ रुपये मूल्य की सम्पत्ति पर कार्रवाई की गई. वहीं वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 82 प्रकरणों में 57.30 करोड़ रुपये था.
महिला अपराधों में आई कमी
महिलाओं एवं बालिकाओं को और अधिक अधिक सुरक्षित परिवेश प्रदान करने, महिला अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में एंटी रोमियों स्क्वाड का गठन कर अब तक 39,36,919 स्थानों पर चेंकिग की कार्रवाई की गई. वहीं अब तक 98,55,867 व्यक्तियों को चेक किया गया. कुल 9,948 अभियोग पंजीकृत कर 14,958 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. साथ ही 41,21,745 व्यक्तियों को भविष्य में गलती न करने की चेतावनी दी गई. पुलिस द्वारा फुट पेट्रोलिंग कर 85,62,540 स्थानों पर चेंकिग की गई. इस दौरान 2,58,88,858 संदिग्ध व्यक्तियों को चेक किया गया, जिसमें 14,12,941 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया. इस दौरान 2,91,921 अभियोग पंजीकृत कर 4,36,469 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया.
सीएए का विरोध करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि सीएए के विरोध प्रदर्शन में प्रदेश में कुल 510 पंजीकृत अभियोग 7304 व्यक्तियों के विरूद्ध पंजीकृत हुए. इनमें कुल 4578 अभियुक्तगण के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए कुल 312 अभियोगों में आरोप पत्र प्रेषित किया गया. लाॅकडाउन के दौरान नियमो का उल्लघंन करने पर अब तक 2,39,687 अभियोग पंजीकृत किए गए. 3,75,217 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई. 64,85,715 वाहनों का चालान किया गया, 84,457 को सीज किया गया. इस दौरान 140 करोड़ 36 लाख, 65 हजार रुपये से अधिक शमन शुल्क वसूला गया.
एसटीएफ ने भी की अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई
उन्होंने बताया कि विगत 26 दिसम्बर 2020 तक एसटीएफ द्वारा विशेष उल्लेखनीय कार्य किए गए. कुल 3237 कुख्यात व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की गई, जिनमें 424 अपराधी इनामी 2036 अपराधी दुर्दान्त/संगठित अपराधकर्ता, 86 वन्य जीव अपराधी, 399 मादक पदार्थ तस्कर तथा 280 साइबर अपराधी थे. इन अपराधियों के कब्जे से 1191 अवैध शस्त्र भी बरामद किए गए. इन अपराधियों से 205 ट्रक/टैंकर, 373 चार पहिया वाहन, 258 दो पहिया वाहन बरामद कर सीज किए गए.
2019 के मुकाबले 2020 में अपराधों में आई कमी
वर्ष 2019 के सापेक्ष वर्ष 2020 में हत्या के अपराधों में 5.32 प्रतिशत, लूट में 36.48 प्रतिशत, डकैती में 19.81 प्रतिशत, बलवा में 4.19 प्रतिशत तथा फिरौती के लिए अपहरण में 6.06 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. इसी प्रकार महिला सम्बन्धी अपराधों बलात्कार में 18.93 प्रतिशत, शीलभंग में 20.02 प्रतिशत, अपहरण में 26.47 प्रतिशत, पारिवारिक महिला उत्पीड़न में 13.41 प्रतिशत, दहेज मृत्यु के अपराधा में 7.96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.
डायल 112 के लिए यह सफलता का वर्ष
यूपी 112 परियोजना के तहत प्रदेश के सभी नागरिकों को त्वरित आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराने के लिए पुलिस फायर, एम्बुलेंस व आपदा बल को एकीकृत किया गया है.इसके माध्यम से प्रदेश स्तरीय पुलिस इमेरजेंसी सेवायें नागरिकों को 24 घंटे मुहैया करा रही. यूपी 112 द्वारा वर्ष 2020 में 67,85,303 जगहों में पुलिस सहायता पहुंचाई गई. वहीं यह संख्या वर्ष 2019 में 55,87,002, वर्ष 2018 में 52,06,419 और वर्ष 2017 में 47,25,366 थी.
यूपी 112 द्वारा जहां एक ओर लाॅकडाउन के दौरान नियमों के अनुपालन की दिशा में सराहनीय प्रयास किए गए वहीं प्रदेश पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आया है. डायल 112 के माध्यम से लाॅकडाउन के दौरान वर्ष 2020 में पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदेश के कुल 6 लाख 40 हजार से अधिक जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई गई. लगभग 2,04,190 व्यक्तियों तक खाद्य सामग्री, 2434 लोगो तक जीवन रक्षक दवा तथा 29,781 व्यक्तियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में सहायता की गई.