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डाॅ. अमिता दुबे का नया उपन्यास 'एकांतवासी शत्रुघ्न' का ऑनलाइन विमोचन

उत्तर प्रदेश के हिंदी संस्‍थान की संपादक व साहित्यकार डॉ. अमिता दुबे ने कोरोना काल में उपन्यास 'एकांतवासी शत्रुघ्न' का ऑनलाइन विमोचन किया है. उपन्यास राम के वनवास के दौरान शत्रुघ्न के एकांतवास पर आधारित है.

 साहित्यकार डॉ. अमिता दुबे का उपन्यास विमोचित.
साहित्यकार डॉ. अमिता दुबे का उपन्यास विमोचित.
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Published : Apr 22, 2021, 9:35 AM IST

Updated : Apr 22, 2021, 10:10 AM IST

लखनऊ: रामनवमी के अवसर पर बुधवार को वरिष्ठ लेखिका डाॅ. अमिता दुबे के उपन्यास 'एकांतवासी शत्रुघ्न' का ऑनलाइन विमोचन किया गया. बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित डाॅ. अमिता दुबे के उपन्यास 'एकांतवासी शत्रुघ्न' का ऑनलाइन विमोचन साहित्य आराधना एवं प्रकाशक मुम्बई के फेसबुक पेज पर लाइव सम्पन्न हुआ.

लाॅकडाउन के एकांतवास में लिखा उपन्यास

कोरोना काल और लॉकडाउन से उत्पन्न हुई विपरीत परिस्थिति के एकांतवास में यह उपन्यास लिखा गया है. डाॅ. अमिता दुबे का कोरोनाकाल की छवियों को चित्रित करता कहानी संग्रह ‘धनुक के रंग' और काव्य संग्रह "कुछ तो बचा है" साल 2020 में विमोचित हुई थी.

राम वनवास के दौरान शत्रुघ्न के एकांतवास पर रचित है उपन्यास

डाॅ. अमिता दुबे ने बताया कि उपन्यास की रचना रामकथा से जुड़े कुछ पहलुओं पर आधारित है. जब राम और लक्ष्मण वन में विचरण करते हुए पराक्रम प्रदर्शित कर रहे थे, उसी दौर में भरत नंदीग्राम में वनवासी थे और छोटे भाई शत्रुघ्न एकांतवास में दिन गुजार रहे थे. एकांतवास में रहते हुए शत्रुघ्न क्या कर रहे थे, इस चिंतन पर यह उपन्यास रचा गया है.

30 किताबें लिख चुकी हैं डाॅ. अमिता

डाॅ. अमिता दुबे की 30 कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं. अभी तक विभिन्न संस्थानों की तरफ से डॉ. अमिता दुबे को करीब 80 पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं.

लखनऊ: रामनवमी के अवसर पर बुधवार को वरिष्ठ लेखिका डाॅ. अमिता दुबे के उपन्यास 'एकांतवासी शत्रुघ्न' का ऑनलाइन विमोचन किया गया. बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित डाॅ. अमिता दुबे के उपन्यास 'एकांतवासी शत्रुघ्न' का ऑनलाइन विमोचन साहित्य आराधना एवं प्रकाशक मुम्बई के फेसबुक पेज पर लाइव सम्पन्न हुआ.

लाॅकडाउन के एकांतवास में लिखा उपन्यास

कोरोना काल और लॉकडाउन से उत्पन्न हुई विपरीत परिस्थिति के एकांतवास में यह उपन्यास लिखा गया है. डाॅ. अमिता दुबे का कोरोनाकाल की छवियों को चित्रित करता कहानी संग्रह ‘धनुक के रंग' और काव्य संग्रह "कुछ तो बचा है" साल 2020 में विमोचित हुई थी.

राम वनवास के दौरान शत्रुघ्न के एकांतवास पर रचित है उपन्यास

डाॅ. अमिता दुबे ने बताया कि उपन्यास की रचना रामकथा से जुड़े कुछ पहलुओं पर आधारित है. जब राम और लक्ष्मण वन में विचरण करते हुए पराक्रम प्रदर्शित कर रहे थे, उसी दौर में भरत नंदीग्राम में वनवासी थे और छोटे भाई शत्रुघ्न एकांतवास में दिन गुजार रहे थे. एकांतवास में रहते हुए शत्रुघ्न क्या कर रहे थे, इस चिंतन पर यह उपन्यास रचा गया है.

30 किताबें लिख चुकी हैं डाॅ. अमिता

डाॅ. अमिता दुबे की 30 कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं. अभी तक विभिन्न संस्थानों की तरफ से डॉ. अमिता दुबे को करीब 80 पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं.

Last Updated : Apr 22, 2021, 10:10 AM IST
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