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सहायक शिक्षक भर्ती मामला: विधान भवन का घेराव करने पहुंचे अभ्यर्थियों को खदेड़ा

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अभ्यर्थी मंगलवार को विधान भवन पहुंच गए. यहां उनको लाठियां भांजकर खदेड़ा गया.

अभ्यर्थियों ने किया विधान भवन का घेराव.
अभ्यर्थियों ने किया विधान भवन का घेराव.
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Published : Nov 23, 2021, 12:31 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने वाले ओबीसी और एससी वर्ग के व्यक्ति आरक्षण में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर मंगलवार सुबह विधान भवन पहुंच गए.

विधान भवन के सामने बैठकर अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठियां भी चलीं. पुलिस एक टुकड़ी को गिरफ्तार करती है तो दूसरी टुकड़ी धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंच जाती है. इनकी मांग है कि अनारक्षित की कट ऑफ 67.11 के नीचे 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. लखनऊ हाई कोर्ट के सभी याचियों को याची लाभ दिया जाए.

अभ्यर्थियों ने किया विधान भवन का घेराव.

यह अभ्यर्थी बीते 5 महीनों से राजधानी के इको गार्डन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से इनके सभी आरोपों को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि भर्ती में आरक्षण के सभी नियमों का पालन किया गया है.

यह है प्रदर्शनकारियों का आरोप

  • ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 18598 में से मात्र 2637 सीट मिली हैं.
  • ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 27 प्रतिशत की जगह मात्र 3.86 प्रतिशत आरक्षण मिला है.
  • SC वर्ग को इस भर्ती में 21 प्रतिशत की जगह मात्र 16.6 प्रतिशत आरक्षण मिला है.


यह है बेसिक शिक्षा विभाग का पक्ष

बीते दिनों जारी एक बयान में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी इन अभ्यर्थियों के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं. उनका कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के सभी नियमों का पालन किया गया. 69 हजार शिक्षक भर्ती में 23 हजार पदों पर समायोजन कानूनी रूप से नहीं हो सकता है.

यह भी पढ़ें: UPTET 2021: प्रवेश पत्र ने बढ़ाई अभ्यर्थियों की टेंशन, इस तरह डाउनलोड करें एडमिट कार्ड

उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है. इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी और एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. पिछड़ा वर्ग के 12,630 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में अपनी दक्षता के आधार पर चयनित हुए हैं, लेकिन अपनी दुकान चलाने के लिए कुछ लोग युवाओं को भड़काकर गैरकानूनी कार्य के लिए धरना दिला रहे हैं.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने वाले ओबीसी और एससी वर्ग के व्यक्ति आरक्षण में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर मंगलवार सुबह विधान भवन पहुंच गए.

विधान भवन के सामने बैठकर अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठियां भी चलीं. पुलिस एक टुकड़ी को गिरफ्तार करती है तो दूसरी टुकड़ी धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंच जाती है. इनकी मांग है कि अनारक्षित की कट ऑफ 67.11 के नीचे 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. लखनऊ हाई कोर्ट के सभी याचियों को याची लाभ दिया जाए.

अभ्यर्थियों ने किया विधान भवन का घेराव.

यह अभ्यर्थी बीते 5 महीनों से राजधानी के इको गार्डन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से इनके सभी आरोपों को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि भर्ती में आरक्षण के सभी नियमों का पालन किया गया है.

यह है प्रदर्शनकारियों का आरोप

  • ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 18598 में से मात्र 2637 सीट मिली हैं.
  • ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 27 प्रतिशत की जगह मात्र 3.86 प्रतिशत आरक्षण मिला है.
  • SC वर्ग को इस भर्ती में 21 प्रतिशत की जगह मात्र 16.6 प्रतिशत आरक्षण मिला है.


यह है बेसिक शिक्षा विभाग का पक्ष

बीते दिनों जारी एक बयान में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी इन अभ्यर्थियों के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं. उनका कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के सभी नियमों का पालन किया गया. 69 हजार शिक्षक भर्ती में 23 हजार पदों पर समायोजन कानूनी रूप से नहीं हो सकता है.

यह भी पढ़ें: UPTET 2021: प्रवेश पत्र ने बढ़ाई अभ्यर्थियों की टेंशन, इस तरह डाउनलोड करें एडमिट कार्ड

उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है. इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी और एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. पिछड़ा वर्ग के 12,630 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में अपनी दक्षता के आधार पर चयनित हुए हैं, लेकिन अपनी दुकान चलाने के लिए कुछ लोग युवाओं को भड़काकर गैरकानूनी कार्य के लिए धरना दिला रहे हैं.

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