लखनऊ: राजधानी में 110 पार्षदों ने जिले में निजीकरण को सौंपे जा रहे सभी विकास कार्यों के विरोध में सभा का आयोजन किया. इस दौरान पार्षदों के सवाल पर नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी और महापौर संयुक्ता भाटिया ने जवाब दिया.
सभी पार्षदों ने आरोप लगाया कि विकास की बातें करके प्राइवेट संस्थाओं को विकास कार्यों की बागडोर सौंपी जा रही है, जिसको लेकर पार्षदों ने एक सदन की बैठक का प्रस्ताव रखा. इस बैठक में सभासदों ने सीवर सफाई सहित अन्य कार्यों के निजीकरण को लेकर शासन के खिलाफ सवाल उठाए.
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जिले के पार्षदों का आरोप है कि राजधानी में विकास नहीं हो रहा है जिससे जन समस्याएं बरकरार हैं. पार्षदों का आरोप है कि शासन पार्षदों के काम को निजीकरण संस्थाओं को सौंपने का प्रयास कर रही है, जिसके विरोध में विरोध में सदन सभा का कार्यक्रम रखा गया है.