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लखनऊ: दूसरे दिन भी विपक्ष का हंगामा, 17 फरवरी तक विधानसभा स्थगित

उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष का हंगामा देखने को मिला, जिसकी वजह से 17 फरवरी तक विधानसभा स्थगित कर दी गई. नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर सरकार पर निशाना साधा.

up assembly adjourned till 17 february
विधानसभा विपक्ष के हंगामे के चलते 17 फरवरी तक स्थगित.
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Published : Feb 14, 2020, 7:45 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को एक बार फिर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस पार्टी के विधायक सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधान भवन में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर गैस सिलेंडर के साथ पहुंचे और बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की.

विधानसभा विपक्ष के हंगामे के चलते 17 फरवरी तक स्थगित.

विपक्षी दलों ने किया हंगामा
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सबने एक सुर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान की गई कार्रवाई और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. जिन लोगों से सरकार ने वसूली की तैयारी की है, उसे वापस लेने की विपक्षी दलों ने मांग की. इस बीच कई बार विधानसभा की कार्यवाही बाधित रही. विधानसभा 17 फरवरी की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

रामगोविंद चौधरी ने सरकार पर साधा निशाना
नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि यह सरकार अत्याचार पर उतारू हो गई है. लगता नहीं है कि हम आजाद हिंदुस्तान में हैं. ऐसा लगता है कि फिर हम अंग्रेजों के गुलाम हो गए हैं. 19 दिसंबर को हम लोगों का शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन था. इसमें सरकार के इशारे पर भाजपा और पुलिस के लोग घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी किए. साथ ही आंदोलन को बदनाम करने का काम किया.

'CAA के खिलाफ धरने को कुचलने के लिए सरकार अपना रही दमनकारी नीति'
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि CAA के खिलाफ किए गए प्रदर्शन में हजारों लोगों को जेल भेज दिया गया. सैकड़ों लोग घायल हो गए. लगभग 25 लोगों को सीधे गोली मार दी गई. जो लोग जेल में बंद हैं, उनसे सरकार वसूली की बात कर रही है. जबकि आईपीसी की धारा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसके विरोध में पूरे प्रदेश में महिलाएं शांतिपूर्वक धरना दे रही हैं. उस धरने को कुचलने के लिए सरकार दमनकारी नीति अपना रही है. सरकार नहीं मानी तो सपा सदन से लेकर सड़क तक प्रदर्शन करेगी.

संसदीय कार्य मंत्री ने किया पलटवार
इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपनी जमीन तलाश रही है. वह हमसे सवाल नहीं कर रही है. उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. कानून व्यवस्था को मापने का तरीका लोक दृष्टि से कोई और बड़ा मापदंड नहीं होता. पब्लिक परसेप्शन सबसे बड़ा मापदंड है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पूरी तरह से समझ रही है कि इस योगी सरकार में अपराध बहुत कम हुआ है. जो अपराध हुए भी हैं, उसमें हमारी सरकार ने कठोर कार्रवाई की है. अपराधियों का साथ हमने नहीं दिया है. पीड़ित पक्ष का साथ दिया है.

'CAA का विषय विधानसभा के क्षेत्राधिकार का नहीं'
सुरेश खन्ना ने कहा कि जहां तक हाउस की बात है. CAA पहले भी सदन में आ चुका है. इसका जवाब भी दिया जा चुका है. यह विषय हमारे विधानसभा के क्षेत्राधिकार का नहीं है. केंद्र सरकार कानून बनाने के लिए पूरी तरीके से सक्षम है. केंद्र सरकार ने कानून बनाया. हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक का कोई भी अधिकार नहीं छीना गया. न किसी के अधिकार को कम किया गया.

'विपक्ष ने किया भ्रामक प्रचार'
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने बहुत गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए भ्रामक प्रचार किया. उस मिथ्या प्रचार का परिणाम यह हुआ कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में हिंसा हुई. वह हिंसा इन लोगों (विपक्ष) के द्वारा प्रायोजित थी. रही बात कार्रवाई की तो जो लोग कानून को हाथ में लेंगे, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएंगे, उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी ही. आखिर पुलिस किस लिए है.

ये भी पढ़ें: लखनऊ सिविल कोर्ट बम ब्लास्ट: वकीलों के आपसी विवाद के बाद खुली सुरक्षा की पोल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को एक बार फिर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस पार्टी के विधायक सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधान भवन में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर गैस सिलेंडर के साथ पहुंचे और बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की.

विधानसभा विपक्ष के हंगामे के चलते 17 फरवरी तक स्थगित.

विपक्षी दलों ने किया हंगामा
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सबने एक सुर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान की गई कार्रवाई और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. जिन लोगों से सरकार ने वसूली की तैयारी की है, उसे वापस लेने की विपक्षी दलों ने मांग की. इस बीच कई बार विधानसभा की कार्यवाही बाधित रही. विधानसभा 17 फरवरी की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

रामगोविंद चौधरी ने सरकार पर साधा निशाना
नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि यह सरकार अत्याचार पर उतारू हो गई है. लगता नहीं है कि हम आजाद हिंदुस्तान में हैं. ऐसा लगता है कि फिर हम अंग्रेजों के गुलाम हो गए हैं. 19 दिसंबर को हम लोगों का शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन था. इसमें सरकार के इशारे पर भाजपा और पुलिस के लोग घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी किए. साथ ही आंदोलन को बदनाम करने का काम किया.

'CAA के खिलाफ धरने को कुचलने के लिए सरकार अपना रही दमनकारी नीति'
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि CAA के खिलाफ किए गए प्रदर्शन में हजारों लोगों को जेल भेज दिया गया. सैकड़ों लोग घायल हो गए. लगभग 25 लोगों को सीधे गोली मार दी गई. जो लोग जेल में बंद हैं, उनसे सरकार वसूली की बात कर रही है. जबकि आईपीसी की धारा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसके विरोध में पूरे प्रदेश में महिलाएं शांतिपूर्वक धरना दे रही हैं. उस धरने को कुचलने के लिए सरकार दमनकारी नीति अपना रही है. सरकार नहीं मानी तो सपा सदन से लेकर सड़क तक प्रदर्शन करेगी.

संसदीय कार्य मंत्री ने किया पलटवार
इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपनी जमीन तलाश रही है. वह हमसे सवाल नहीं कर रही है. उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. कानून व्यवस्था को मापने का तरीका लोक दृष्टि से कोई और बड़ा मापदंड नहीं होता. पब्लिक परसेप्शन सबसे बड़ा मापदंड है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पूरी तरह से समझ रही है कि इस योगी सरकार में अपराध बहुत कम हुआ है. जो अपराध हुए भी हैं, उसमें हमारी सरकार ने कठोर कार्रवाई की है. अपराधियों का साथ हमने नहीं दिया है. पीड़ित पक्ष का साथ दिया है.

'CAA का विषय विधानसभा के क्षेत्राधिकार का नहीं'
सुरेश खन्ना ने कहा कि जहां तक हाउस की बात है. CAA पहले भी सदन में आ चुका है. इसका जवाब भी दिया जा चुका है. यह विषय हमारे विधानसभा के क्षेत्राधिकार का नहीं है. केंद्र सरकार कानून बनाने के लिए पूरी तरीके से सक्षम है. केंद्र सरकार ने कानून बनाया. हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक का कोई भी अधिकार नहीं छीना गया. न किसी के अधिकार को कम किया गया.

'विपक्ष ने किया भ्रामक प्रचार'
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने बहुत गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए भ्रामक प्रचार किया. उस मिथ्या प्रचार का परिणाम यह हुआ कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में हिंसा हुई. वह हिंसा इन लोगों (विपक्ष) के द्वारा प्रायोजित थी. रही बात कार्रवाई की तो जो लोग कानून को हाथ में लेंगे, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएंगे, उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी ही. आखिर पुलिस किस लिए है.

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