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लखीमपुर खीरी हिंसा: आरोपी आशीष-अंकित के गन से चली थी गोलियां, FSL रिपोर्ट में खुलासा

यूपी के लखीमपुर-खीरी जिले में हुई हिंसा के मामले में नया खुलासा हुआ है. असल में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट (एफएसएल) में फायरिंग की पुष्टि हुई है. बताया जा रहा है कि हिंसा के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्राऔर उसके करीबी अंकित दास की लाइसेंसी बंदूक से गोली चली थी.

आरोपी आशीष-अंकित के गन से चली थी गोलियां
आरोपी आशीष-अंकित के गन से चली थी गोलियां
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Published : Nov 9, 2021, 1:37 PM IST

लखनऊ: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई 3 अक्टूबर को हिंसा मामले में एफएसएल की टीम ने एक नया खुलासा किया है. एफएसएल की टीम के खुलासे में यह सामने आया है की गृह राज्य मंत्री अजय टेनी के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा और उसके दोस्त के पास से बरामद हुए असलहा से ही फायरिंग हुई थी.

अंकित दास की रिपीटर गन व पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल और रिवाल्वर इस घटना में शामिल थी. पुलिस टीम ने अंकित दास और आशीष मिश्रा के घर से यह असलहे बरामद किए थे. जिसकी रिपोर्ट पुलिस टीम ने एफएसएल की टीम से मांगी थी. एफएसएल की टीम ने अपनी रिपोर्ट में इन असलहों से फायरिंग की पुष्टि की हुई है. हालांकि इस मामले पर अभी तक कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.

बताते चलें कि, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में अंकित दास व लतीफ ने जांच कर रही एसआईटी टीम के सामने खुद को जान बचाने के लिए फायरिंग की बात को स्वीकार किया था. किसान आंदोलन के बीच हुई फायरिंग में आशीष की राइफल का इस्तेमाल होना बताया गया है. ऐसा हम नहीं पुलिस सूत्र कह रहे हैं.

फिलहाल एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों से इस मामले पर बात की गई तो किसी भी अधिकारी ने इस मामले पर बोलने से साफ मना कर दिया है. अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि इस मामले में मीडिया को शाम तक पूरी जानकारी दी जाएगी. फिलहाल पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस घटना में जब्त किए गए 8 मोबाइल फोन की रिपोर्ट भी तब तक आ जाएगी, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

इसे भी पढ़ें-SC ने अपनी टिप्पणी से लखीमपुर खीरी कांड में न्याय से समझौते का संकेत दिया : SKM

ये था पूरा मामला
3 अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव मौर्य का लखीमपुर खीरी में दौरा था. इसी बीच किसानों द्वारा काला झंडा दिखाकर डिप्टी सीएम का विरोध जताया जा रहा था. इसी दौरान एक गाड़ी ने प्नदर्शन में शामिल कुछ किसानों को कुचल दिया था. गाड़ी से कुचले जाने के बाद चार किसानों की मौत हो गई थी और उसके बाद हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद ही किसानों की भड़की हिंसा में एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मौत की नींद सुला दी थी.

इस मामले में विपक्षी पार्टियों द्वारा काफी विरोध दर्ज करने के बाद आशीष मिश्रा समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसके बाद ही इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी टीम भी गठित की गई थी.

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लखनऊ: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई 3 अक्टूबर को हिंसा मामले में एफएसएल की टीम ने एक नया खुलासा किया है. एफएसएल की टीम के खुलासे में यह सामने आया है की गृह राज्य मंत्री अजय टेनी के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा और उसके दोस्त के पास से बरामद हुए असलहा से ही फायरिंग हुई थी.

अंकित दास की रिपीटर गन व पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल और रिवाल्वर इस घटना में शामिल थी. पुलिस टीम ने अंकित दास और आशीष मिश्रा के घर से यह असलहे बरामद किए थे. जिसकी रिपोर्ट पुलिस टीम ने एफएसएल की टीम से मांगी थी. एफएसएल की टीम ने अपनी रिपोर्ट में इन असलहों से फायरिंग की पुष्टि की हुई है. हालांकि इस मामले पर अभी तक कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.

बताते चलें कि, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में अंकित दास व लतीफ ने जांच कर रही एसआईटी टीम के सामने खुद को जान बचाने के लिए फायरिंग की बात को स्वीकार किया था. किसान आंदोलन के बीच हुई फायरिंग में आशीष की राइफल का इस्तेमाल होना बताया गया है. ऐसा हम नहीं पुलिस सूत्र कह रहे हैं.

फिलहाल एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों से इस मामले पर बात की गई तो किसी भी अधिकारी ने इस मामले पर बोलने से साफ मना कर दिया है. अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि इस मामले में मीडिया को शाम तक पूरी जानकारी दी जाएगी. फिलहाल पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस घटना में जब्त किए गए 8 मोबाइल फोन की रिपोर्ट भी तब तक आ जाएगी, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

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ये था पूरा मामला
3 अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव मौर्य का लखीमपुर खीरी में दौरा था. इसी बीच किसानों द्वारा काला झंडा दिखाकर डिप्टी सीएम का विरोध जताया जा रहा था. इसी दौरान एक गाड़ी ने प्नदर्शन में शामिल कुछ किसानों को कुचल दिया था. गाड़ी से कुचले जाने के बाद चार किसानों की मौत हो गई थी और उसके बाद हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद ही किसानों की भड़की हिंसा में एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मौत की नींद सुला दी थी.

इस मामले में विपक्षी पार्टियों द्वारा काफी विरोध दर्ज करने के बाद आशीष मिश्रा समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसके बाद ही इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी टीम भी गठित की गई थी.

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