लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी जहां लखनऊ से लेकर दिल्ली तक लगातार बैठक कर रही है. वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लगातार बसपा नेताओं को पार्टी में शामिल करा रहे हैं. साथ ही छोटे दलों के नेताओं के साथ बैठक भी कर रहे हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव प्रदेश के विभिन्न जनपदों का दौरा कर प्रदेश मुख्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. इन सबके बीच हैदरबाद के फायर ब्रांड सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. चुनाव को लेकर कई बार बैठक भी हो चुकी है. एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि टिकट के दावेदारों के लिए पार्टी ने आदेवन पत्र जारी कर दिया है, जिसमें एक शर्त यह भी रखी गई है कि यदि आवेदन करने वाले व्यक्ति को टिकट नहीं मिलता है तो वह पार्टी के साथ बगावत नहीं करेगा.
10 हजार है आवेदन शुल्क
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने बताया कि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए आवेदन पत्र के लिए 10 हजार का शुल्क लिया जा रहा है. इसके साथ घोषणा पत्र में 7 बिंदुओं पर एक शपथ पत्र भी देना होगा, जिसके बाद ही टिकट पर विचार किया जाएगा.
प्रदेश की 131 सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली का कहना है कि प्रदेश की 131 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ऐसे में निश्चित रूप से एआईएमआईएम को इसका फायदा मिलेगा. गठबंधन के सवाल पर शौकत अली का कहना है कि बिना एआईएमआईएम के गठबंधन अधूरा रहेगा और इसके लिए सभी छोटे दलों को भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक साथ आना होगा. तभी भाजपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता से हटाया जा सकता है.
जनवरी में यूपी का दौरा कर चुके हैं ओवैसी
2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश में एआईएमआईएम भी इस बार मैदान में उतरेगा. उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान नापने जनवरी महीने में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्वांचल का दौरा भी किया था. आपको बता दें कि, बिहार चुनाव और बंगाल चुनाव में भी औवैसी ने दांव आजमा चुके हैं. बिहार में जहां उनकी पार्टी को पांच सीटें मिलीं, वहीं बंगाल में उनकी पार्टी कोई कमाल नहीं कर सकी.