लखनऊ : राजधानी में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर ऑटो डीलर्स खरीदार को चूना लगाने से चूक नहीं रहे हैं. खरीदारों की तरफ से जब डीलर्स की ठगी की शिकायत अधिकारियों से की जाती है तो वे नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण का दिखावा कर मामले को रफा दफा कर देते हैं. इससे डीलर्स की चांदी हो रही है. विभागीय अधिकारी न विभाग की छवि की फिक्र कर रहे हैं और न ही सरकार की. शहर में डीलर्स लगातार वाहन मालिकों को आरटीओ सरचार्ज, ऑटो की ओवर रेटिंग, फेयर मीटर, चार्जर और चार्जिंग अर्थिंग के नाम पर भरपूर चपत लगा रहे हैं.
अभी कुछ दिन पहले एक निजी कंपनी के खिलाफ वाहन मालिक और ऑटो यूनियन की तरफ से आरटीओ कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायती पत्र में कहा गया था कि यह शोरूम डीलर वाहनों की कीमत से काफी ज्यादा वसूली खरीदारों से कर रहे हैं और कंपनी की तरफ से दिया जा रहा है निशुल्क चार्जर पर भी अतिरिक्त वसूली कर रहे हैं. सिर्फ यही नहीं आरटीओ की तय फीस से पांच गुना ज्यादा शुल्क भी वसूल रहे थे. विभाग की ओर से इन सभी को नोटिस जारी की गई, जवाब तलब किया गया. कुछ दिन को दिखावे के लिए कार्रवाई करते हुए ट्रेड सस्पेंड कर दिया गया. डीलर्स ने अपना जवाब दे दिया इधर विभाग में फिर से उन्हें खरीदारों को चपत लगाने की छूट दे दी. अभी यह मामला किसी तरह रफा दफा हुआ ही था कि अब 20 सितंबर को एक वाहन स्वामी तेलीबाग निवासी मोनू चौरसिया ने एक डीलर पर आरोप लगाया कि वह उन्हें इंश्योरेंस अर्थिंग और फेयर मीटर के नाम पर अतिरिक्त वसूली कर रहा है. उन्होंने इसकी शिकायत आरटीओ कार्यालय में की. इसके बाद एआरटीओ प्रशासन की तरफ से डीलर को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए तीन दिन का समय दिया गया. वहीं परिवहन विभाग के सीनियर अफसर भी यह मानते हैं कि अगर खरीदारों को इस तरह से डीलर्स ठग रहे हैं तो जिम्मेदार अधिकारियों को जरूर कार्रवाई करनी चाहिए.
क्या कहते हैं एआरटीओ प्रशासन : लखनऊ के एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि 'शिकायतकर्ता की शिकायत पर संबंधित डीलर को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस भेज दी गई है. जवाब आने के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी जरूर की जाएगी.'