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लखनऊः गोल्डन कार पर सख्त आरटीओ, मालिक के पते पर भेजा नोटिस

यूपी की राजधानी लखनऊ की सड़कों पर इन दिनों एक गोल्डन कलर की कार फर्राटा भर रही है. इसकी जानकारी संभागीय परिवहन कार्यालय को मिली तो इस पर आरटीओ ने सख्ती दिखाई है. अब एआरटीओ प्रशासन की तरफ से कार मालिक के आरसी पर दर्ज पते पर नोटिस भेजी गई है.

एआरटीओ ने भेजा नोटिस
एआरटीओ ने भेजा नोटिस
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Published : Sep 4, 2020, 4:04 PM IST

लखनऊः सड़कों पर इन दिनों एक गोल्डन कलर की कार फर्राटा भर रही है. इसकी जानकारी संभागीय परिवहन कार्यालय को मिली तो इस पर आरटीओ ने सख्ती दिखाई और एआरटीओ प्रशासन ने कार मालिक के आरसी पर दर्ज पते पर नोटिस भेजी है. अधिकारियों का कहना है कि, अगर बिना आरटीओ को सूचित किए कार का कलर बदलाया गया है तो इस पर आरटीओ की तरफ से मोटरयान नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी.

यूपी 32 एफएम 5211 नंबर की यह कार आरटीओ कार्यालय में एम/एस गोयल कोहली एंड संस नाम से दर्ज है. इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 7 मई 2014 को हुआ था. आरटीओ की तरफ से बताया गया है कि इस कार का कंपनी मेड कलर मैटेलिक था. जबकि कार का जो अब कलर सामने आ रहा है. वह गोल्डन है. ऐसे में इस कार को आरटीओ में प्रस्तुत करने के लिए वाहन स्वामी को नोटिस भेजी गई है.

आरटीओ आरपी द्विवेदी ने बताया की एआरटीओ प्रशासन अंकिता शुक्ला ने आरसी पर दर्ज पते पर यह नोटिस भेजी है. उन्होंने बताया कि किसी भी वाहन स्वामी को अगर गाड़ी में कोई कलर बदलना है या कुछ मॉडिफाई कराना है तो पहले पंजीयन अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होती है. अगर गाड़ी का मालिक ऐसा नहीं करता है तो प्रवर्तन दस्ते अभियान के दौरान कार्रवाई करते हैं. अब नोटिस भेजा गया है इसके बाद वाहन स्वामी गाड़ी प्रस्तुत करेगा. अगर बिना बताए गाड़ी का कलर चेंज किया है तो मोटरयान नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी. वाहन स्वामी को फिर से कंपनी मेड कलर ही कराना होगा.

बता दें कि अगर किसी भी वाहन स्वामी को कंपनी मेड कलर बदलना है तो इसके लिए सबसे पहले आरटीओ में एप्लीकेशन देना पड़ता है. उसके बाद जिस गैराज में नया कलर चढ़ाया जाएगा. उस गैराज का भी आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है. कलर बदलने के आवेदन के बाद आरटीओ कार्यालय की टेक्निकल टीम मौके पर पहुंचकर निरीक्षण करती है. नियमों पर खरा उतरने के बाद ही कलर बदलने की परमिशन दी जाती है. ऐसे में इस कार का कलर अगर आरसी पर मैटेलिक है और वाहन स्वामी ने बिना बताए गोल्डन करा लिया है तो इसके लिए वह जिम्मेदार है और उस पर कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊः सड़कों पर इन दिनों एक गोल्डन कलर की कार फर्राटा भर रही है. इसकी जानकारी संभागीय परिवहन कार्यालय को मिली तो इस पर आरटीओ ने सख्ती दिखाई और एआरटीओ प्रशासन ने कार मालिक के आरसी पर दर्ज पते पर नोटिस भेजी है. अधिकारियों का कहना है कि, अगर बिना आरटीओ को सूचित किए कार का कलर बदलाया गया है तो इस पर आरटीओ की तरफ से मोटरयान नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी.

यूपी 32 एफएम 5211 नंबर की यह कार आरटीओ कार्यालय में एम/एस गोयल कोहली एंड संस नाम से दर्ज है. इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 7 मई 2014 को हुआ था. आरटीओ की तरफ से बताया गया है कि इस कार का कंपनी मेड कलर मैटेलिक था. जबकि कार का जो अब कलर सामने आ रहा है. वह गोल्डन है. ऐसे में इस कार को आरटीओ में प्रस्तुत करने के लिए वाहन स्वामी को नोटिस भेजी गई है.

आरटीओ आरपी द्विवेदी ने बताया की एआरटीओ प्रशासन अंकिता शुक्ला ने आरसी पर दर्ज पते पर यह नोटिस भेजी है. उन्होंने बताया कि किसी भी वाहन स्वामी को अगर गाड़ी में कोई कलर बदलना है या कुछ मॉडिफाई कराना है तो पहले पंजीयन अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होती है. अगर गाड़ी का मालिक ऐसा नहीं करता है तो प्रवर्तन दस्ते अभियान के दौरान कार्रवाई करते हैं. अब नोटिस भेजा गया है इसके बाद वाहन स्वामी गाड़ी प्रस्तुत करेगा. अगर बिना बताए गाड़ी का कलर चेंज किया है तो मोटरयान नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी. वाहन स्वामी को फिर से कंपनी मेड कलर ही कराना होगा.

बता दें कि अगर किसी भी वाहन स्वामी को कंपनी मेड कलर बदलना है तो इसके लिए सबसे पहले आरटीओ में एप्लीकेशन देना पड़ता है. उसके बाद जिस गैराज में नया कलर चढ़ाया जाएगा. उस गैराज का भी आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है. कलर बदलने के आवेदन के बाद आरटीओ कार्यालय की टेक्निकल टीम मौके पर पहुंचकर निरीक्षण करती है. नियमों पर खरा उतरने के बाद ही कलर बदलने की परमिशन दी जाती है. ऐसे में इस कार का कलर अगर आरसी पर मैटेलिक है और वाहन स्वामी ने बिना बताए गोल्डन करा लिया है तो इसके लिए वह जिम्मेदार है और उस पर कार्रवाई की जाएगी.

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