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स्मारक घोटाला मामला: खनन निदेशालय के तत्कालीन संयुक्त निदेशक समेत पांच के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

लखनऊ एमपी-एमलए कोर्ट (Lucknow MP MLA Court ) के जज ने स्मारक घोटाला मामले (memorial scam case) में पांच अभियुक्तों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.

लखनऊ एमपी एमलए कोर्ट
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Published : Aug 11, 2021, 9:03 PM IST

लखनऊ: लखनऊ एमपी-एमलए कोर्ट (Lucknow MP MLA Court) के विशेष जज पवन कुमार राय (Special Judge Pawan Kumar Rai) ने अरबों के स्मारक घोटाला मामले (memorial scam case) में अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद फारुखी समेत पांच अभियुक्तों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.


अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद घोटाले के दौरान खनन निदेशालय उत्तर प्रदेश में संयुक्त निदेशक व सलाहकार के पदों पर तैनात थे. इस मामले में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारी अजय कुमार, सुनील कुमार त्यागी, अशोक सिंह व मन्ना लाल यादव के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 409 व 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) व 13 (2) में आरोप पत्र दाखिल है. कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.

इस मामले की एफआईआर 1 जनवरी 2014 को उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौर ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. एफआईआर के मुताबिक वर्ष 2007 से 2011 के दौरान लखनऊ व नोएडा में स्मारकों के निर्माण के लिए पत्थरों की खरीद में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार हुआ था.

आईपीसी की धारा 409 व 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) डी व धारा 13 (2) के तहत दर्ज इस मामले की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान कर रही है. विवेचना के दौरान इन अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. हालांकि मामले के अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना अब भी जारी है.

इसे भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ दायर केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

लखनऊ: लखनऊ एमपी-एमलए कोर्ट (Lucknow MP MLA Court) के विशेष जज पवन कुमार राय (Special Judge Pawan Kumar Rai) ने अरबों के स्मारक घोटाला मामले (memorial scam case) में अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद फारुखी समेत पांच अभियुक्तों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.


अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद घोटाले के दौरान खनन निदेशालय उत्तर प्रदेश में संयुक्त निदेशक व सलाहकार के पदों पर तैनात थे. इस मामले में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारी अजय कुमार, सुनील कुमार त्यागी, अशोक सिंह व मन्ना लाल यादव के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 409 व 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) व 13 (2) में आरोप पत्र दाखिल है. कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.

इस मामले की एफआईआर 1 जनवरी 2014 को उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौर ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. एफआईआर के मुताबिक वर्ष 2007 से 2011 के दौरान लखनऊ व नोएडा में स्मारकों के निर्माण के लिए पत्थरों की खरीद में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार हुआ था.

आईपीसी की धारा 409 व 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) डी व धारा 13 (2) के तहत दर्ज इस मामले की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान कर रही है. विवेचना के दौरान इन अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. हालांकि मामले के अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना अब भी जारी है.

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