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ऐतिहासिक अशोक के पेड़ की हिफाजत के हुए इंतजाम, पर्यावरण संरक्षक खुश

राजधानी लखनऊ के चौक चौराहे के समीप ऐतिहासिक 200 साल पुराने अशोक के पेड़ की छटाई पर पर्यावरण संरक्षकों ने नाराजगी जाहिर की थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसका संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने पेड़ के आसपास सौंदर्यीकरण और उसके हिफाजत के इंतजाम शुरू कर दिए हैं.

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लखनऊ में अशोक के पेड़ की छटाई.
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Published : Dec 27, 2020, 7:51 AM IST

लखनऊ: राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पिछले दिनों ऐतिहासिक पेड़ की छटाई की खबर प्रकाशित होने पर असर हुआ है. चौक चौराहे पर लगभग 200 साल पुराने ऐतिहासिक अशोक के पेड़ की छटाई और उसके आसपास से विलुप्त हो चुके पार्क के चलते पर्यावरण संरक्षक ने प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की थी. साथ ही पेड़ के गिरने के खतरे और ऐतिहासिक पेड़ के नष्ट होने पर भी चिंता जताई थी. ईटीवी भारत पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद पेड़ की हिफाजत के बंदोबस्त कर उसके संरक्षण के इंतजाम किए जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षकों में खुशी है.

लखनऊ में अशोक के पेड़ की छटाई.
राजधानी लखनऊ में नवाबी के दौर में बनी कई ऐतिहासिक इमारते हैं, जिन्हें संरक्षित रखने के लिए हुसैनाबाद ट्रस्ट और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया मौजूद है, लेकिन इसी ऐतिहासिक इलाके में कई प्राचीन पेड़ भी हैं जो सैकड़ों साल पुराने हैं. पर्यावरण संरक्षक फैज आब्दी के अनुसार चौक चौराहे पर लगा अशोक का पेड़ तकरीबन 200 साल पुराना है. इस पेड़ को कुछ दिनों पहले मार्ग प्रकाश विभाग ने बुरी तरह से छाटा था, जिससे इस पेड़ के नष्ट होने का खतरा बन गया था. साथ ही इसके आसपास हिफाजत के लिए बने तिकोना पार्क को भी काफी पहले खत्म कर दिया गया था और यहां पर अतिक्रमण कर लिया गया. पर्यावरण संरक्षक थे नाराज

अशोक के पेड़ की छटाई और उसकी हिफाजत के लिए ईटीवी भारत ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन ने ऐतिहासिक पेड़ की हिफाजत के इंतेजाम शुरू कर दिए हैं. पेड़ के चारों तरफ बाउंड्री बनाकर इसके आसपास सौंदर्यीकरण का काम कराया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षकों में भी खुशी की लहर है.

लखनऊ: राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पिछले दिनों ऐतिहासिक पेड़ की छटाई की खबर प्रकाशित होने पर असर हुआ है. चौक चौराहे पर लगभग 200 साल पुराने ऐतिहासिक अशोक के पेड़ की छटाई और उसके आसपास से विलुप्त हो चुके पार्क के चलते पर्यावरण संरक्षक ने प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की थी. साथ ही पेड़ के गिरने के खतरे और ऐतिहासिक पेड़ के नष्ट होने पर भी चिंता जताई थी. ईटीवी भारत पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद पेड़ की हिफाजत के बंदोबस्त कर उसके संरक्षण के इंतजाम किए जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षकों में खुशी है.

लखनऊ में अशोक के पेड़ की छटाई.
राजधानी लखनऊ में नवाबी के दौर में बनी कई ऐतिहासिक इमारते हैं, जिन्हें संरक्षित रखने के लिए हुसैनाबाद ट्रस्ट और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया मौजूद है, लेकिन इसी ऐतिहासिक इलाके में कई प्राचीन पेड़ भी हैं जो सैकड़ों साल पुराने हैं. पर्यावरण संरक्षक फैज आब्दी के अनुसार चौक चौराहे पर लगा अशोक का पेड़ तकरीबन 200 साल पुराना है. इस पेड़ को कुछ दिनों पहले मार्ग प्रकाश विभाग ने बुरी तरह से छाटा था, जिससे इस पेड़ के नष्ट होने का खतरा बन गया था. साथ ही इसके आसपास हिफाजत के लिए बने तिकोना पार्क को भी काफी पहले खत्म कर दिया गया था और यहां पर अतिक्रमण कर लिया गया. पर्यावरण संरक्षक थे नाराज

अशोक के पेड़ की छटाई और उसकी हिफाजत के लिए ईटीवी भारत ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन ने ऐतिहासिक पेड़ की हिफाजत के इंतेजाम शुरू कर दिए हैं. पेड़ के चारों तरफ बाउंड्री बनाकर इसके आसपास सौंदर्यीकरण का काम कराया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षकों में भी खुशी की लहर है.

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