लखनऊः छावनी स्थित सेना चिकित्सा कोर केंद्र एवं कॉलेज में सेना पुलिस भर्ती का आयोजन किया गया. जिसमें फिजिकल टेस्ट के लिए बड़ी संख्या में लड़कियों ने हिस्सा लिया. सेना में भर्ती के लिए पहुंची कोई किसान की बेटी है, तो कोई जवान की. किसी को अपने पैरेंट्स के ख्वाब को पूरा करना है, तो किसी को अपने पूरे परिवार को सपोर्ट करना है. इसी जोश और जज्बे के साथ बेटियां खुद को साबित करने के लिए लखनऊ छावनी स्थित सेना चिकित्सा कोर केंद्र एवं कॉलेज में महिला पुलिस भर्ती में शामिल होने पहुंचीं. जब ये लड़कियां ट्रैक पर दौड़ीं, तो मानो पूरा मैदान ही नाप लिया हो. इन बेटियों ने अपने हुनर का प्रदर्शन करते हुए सेना में पुलिस बनने के रास्ते पर एक कदम बढ़ा दिया. यह किला फतह करने के बाद अब यह बेटियां लिखित परीक्षा के लिए खुद को तैयार करेंगी. इसमें सफलता मिलते ही उनका सपना पूरा हो जाएगा. पिछले तीन दिन से जारी महिला पुलिस भर्ती के फिजिकल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हो गई.
यूपी के दो, उत्तराखंड के तीन एआरओ
बुधवार को एएमसी सेंटर स्टेडियम में उत्तर प्रदेश के वाराणसी एआरओ और बरेली एआरओ के अंतर्गत आने वाले जिलों के अलावा उत्तराखंड राज्य के तीन एआरओ के अंडर आने वाले जिलों की बेटियों ने ट्रैक पर दौड़ लगाई.
पिता का सपना हो रहा पूरा
पिथौरागढ़ से भर्ती में शामिल होने आई करीना खत्री के पिता सेना में जवान हैं और माता ग्रहणी. करीना अपने पिता का ख्वाब पूरा करना चाहती हैं. सेना पुलिस में भर्ती होकर देश सेवा का जज्बा और जुनून करीना के अंदर साफ तौर पर नजर आता है. करीना बताती हैं, कि जब आए थे तो बहुत डरे हुए थे. जब हमने एक रेस पार की. लांग जंप फिर हाई जंप में बहुत डर लगा था. अब जब फिलहाल के लिए सब पार हो गया है, तो बहुत अच्छा लग रहा है. अब महसूस हो रहा है कि हम आगे भी कर लेंगे.
सपना हो रहा पूरा
हल्द्वानी की रहने वाली ज्योति एनसीसी कैडेट हैं. उनका सेना में जाने का पहले से ही प्लान तैयार था. पूरे उत्साह के साथ ज्योति ने इस भर्ती रैली में हिस्सा लिया और सफलता हासिल की. उनका कहना है कि मेरे पिता किसान हैं और मां हाउस वाउफ. ज्योति के घर की कंडीशन बहुत खराब है. इसके बावजूद उनका सेना में जाने का ख्वाब था. जो अब उन्हें पूरा होता नजर आ रहा है.
मेहनत से मिलती है सफलता
नैनीताल से लखनऊ के एएमसी ग्राउंड पर जोश और जुनून के साथ पहुंची लक्ष्मी बिष्ट ने भी सेना में पुलिस भर्ती के लिए एक अग्निपरीक्षा पास कर ली है. लक्ष्मी बिष्ट का कहना है कि मेरा ड्रीम था कि मैं इंडियन आर्मी जॉइन करूं और अपने नेशन को सर्व करूं. उसके साथ-साथ अपनी फैमिली की भी आर्थिक सहायता कर सकूं. लक्ष्मी के घर में ग्रैंड फादर, ग्रैंड मदर, मम्मी पापा और तीन भाई-बहन हैं. पापा किसानी करते हैं. जबकि भाई-बहन पढ़ाई करते हैं. लक्ष्मी बिष्ट ने कहा कभी हार नहीं माननी चाहिए, निरंतर प्रयास से सफलता जरूर मिलती है.
इस बार बेटियों को अतिरिक्त चांस
सेना की तरफ से आयोजित इस महिला पुलिस सैन्य भर्ती में लांग जंप में एक चांस के बजाय दो चांस दिए जा रहे हैं. 10 फीट की इस लंबी कूद में अगर कोई अभ्यर्थी फेल हो जाती है, तो उसे दूसरा चांस देकर भर्ती होने का एक और अवसर प्रदान किया जा रहा है. पिछली बार जो भर्ती हुई थी. उसमें एक ही चांस दिया जा रहा था. इससे पहली बार में असफल तमाम बेटियां दूसरी बार में सफलता प्राप्त कर रही हैं.
इतने अभ्यर्थियों ने कराया था पंजीकरण
इस महिला पुलिस भर्ती के लिए पिथौरागढ़ एआरओ से 55 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इसके अलावा अल्मोड़ा एआरओ से 138 बेटियों ने तो लैंसडाउन एआरओ से 132 बेटियों ने इस भर्ती रैली प्रक्रिया में पंजीकरण कराया था. उत्तर प्रदेश के बरेली एआरओ से 269 और वाराणसी एआरओ से कुल 1340 महिला अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था.