लखनऊ : चुनाव के दौरान लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए असलहे जमा कराए जाते हैं. असलहों को जमा कराने के लिए पिछले दिनों लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने जिला प्रशासन व पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया था कि जल्द से जल्द पहले चरण में 60% असलहे जमा करा लिए जाएं. लेकिन डीएम के निर्देशों के बावजूद अभी तक मात्र 15966 लोगों के असलहे को जनपद के विभिन्न थानों के तहत जमा करवाया गया है. दरअसल राजधानी लखनऊ में 59000 असलहे दर्ज है. पिछले चुनाव की बात करें तो विधानसभा 2017 लोकसभा 2014 में 50% से भी कम असलहे जमा कराए गए थे.
एडीएम वेस्ट संतोष कुमार वैश्य ने जानकारी देते हुए बताया कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत कार्यवाही की जा रही है. लॉ एंड ऑर्डर के तहत सभी असलहों को जमा कराने के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं जिसके चलते पुलिस विभाग को असलहे जमा करने के निर्देश दिए गए हैं.
विशेष परिस्थितियों में असलहा रखने की दी जाती है छूट
इस चुनाव के दौरान जरूरतमंद लाइसेंसधारियों को छूट देते हुए लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने जरूरतमंदों को चुनाव के दौरान अपने पास असलहे रखने की छूट का फैसला लिया है. चुनाव के दौरान भूतपूर्व सैनिक, पॉश इलाकों में अकेले रहने वाले वृद्ध दंपत्ति को चुनाव के दौरान अपने पास लाइसेंसी असलहा रखने की छूट जिला प्रशासन की ओर से दी जाएगी. इसके लिए असलहा धारक को जिला प्रशासन से खास परमिशन लेनी होगी. चुनाव के दौरान असलहा पास रखने के लिए आवेदन करने वालों को वाकई में असलहे की जरूरत है या नहीं. इसकी जांच के लिए एडीएम वेस्ट संतोष कुमार वैश्य के नेतृत्व में 4 सदस्य कमेटी का निर्माण किया गया है, जो आवेदकों के बारे में निर्णय लेगी कि चुनाव के दौरान उन्हें असलहा रखने की आवश्यकता है या नहीं. इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा और जरूरतमंदों को असलहा रखने की छूट दी जाएगी.
लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि चुनाव के दौरान लोगों को असलहा मालखाने में जमा कराया जाता है. इस चुनाव में जरूरतमंद आमजन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए व उनकी सुरक्षा के दृष्टिगत जरूरतमंदों को चुनाव के दौरान असलहा रखने की छूट उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके लिए उन्हें जिला प्रशासन से परमिशन लेनी होगी.