लखनऊ : आयुष विभाग में शुक्रवार को डॉ. प्रकाश चंद्र सक्सेना ने आयुर्वेद निदेशक का पदभार (new director in Government Ayurveda College and Hospital) की जिम्मेदारी संभाली. वर्तमान में राजकीय आयुर्वेद कॉलेज टूड़ियागंज के प्रिंसिपल और डीन हैं. इसके अलावा निदेशक पाठ्यक्रम और मूल्यांकन का प्रभार भी उनके पास है. इससे पहले आयुष विभाग के कॉलेजों में हुए बड़े पैमाने पर एडमिशन घोटाले में आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंह और काउंसलिंग प्रभारी उमांकात यादव को निलंबित कर दिया गया था. पांच दिन बाद विभाग को नया निदेशक मिल गया.
डॉ. सक्सेना बीएएमएस (BAMS) का पंजीकरण करने वाली संस्था आयुर्वेद और यूनानी तिब्बी चिकित्सा परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी हैं. वे पीजी (PG) की काउंसलिंग कराने वाली समिति के मेंबर भी हैं. आयुर्वेद विभाग में कोई निदेशक न होने के कारण तमाम विभागीय काम प्रभावित हो रहे थे. मौजूदा सत्र की काउंसिलिंग भी अभी शुरू नहीं हो पाई है. इसके अलावा कॉलेजों की मान्यता सहित दूसरे काम नहीं हो पा रहे थे. दाखिले के घोटाले की जांच फिलहाल एसटीएफ (STF) कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसे सीबीआई (CBI) से कराने की सिफारिश राज्य सरकार कर चुकी है. निलंबित किए गए निदेशक एसएन सिंह बीते चार वर्षों से काउंसिलिंग करा रहे थे. अब यह जिम्मा डॉ. पीसी सक्सेना को संभालना है. पारदर्शी ढंग से काउंसिलिंग कराने और विभाग में चल रही दूसरी गड़बड़ियों को रोकने की चुनौती भी उनके सामने होगी.
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