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हाईकोर्ट का फर्जी आदेश पेश करने पर चार अभियुक्तों की अपील खारिज, सजा बरकरार - लखनऊ की ताजा खबरें

दहेज हत्यारोपी को उच्च न्यायालय के फर्जी व कूटरचित जमानत आदेश से रिहा कराने के मामले में चार आरोपियों की अपीलों को सीबीआई की विशेष न्यायाधीश मीना श्रीवास्तव ने निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय की पुष्टि करते हुए न्यायालय में हाजिर सांवल प्रसाद मिश्रा को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है.

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हाईकोर्ट का फर्जी आदेश
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Published : Apr 12, 2022, 10:11 PM IST

लखनऊ: दहेज हत्यारोपी को उच्च न्यायालय के फर्जी व कूटरचित जमानत आदेश से रिहा कराने के मामले में आरोपियों फैयाज अहमद खान, ओम प्रकाश पांडेय, रामकिशोर व सांवल प्रसाद मिश्र की अपराधिक अपीलों को सीबीआई की विशेष न्यायाधीश मीना श्रीवास्तव ने निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय की पुष्टि करते हुए न्यायालय में हाजिर सांवल प्रसाद मिश्र को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है. वहीं, फैयाज अहमद खान, ओम प्रकाश पांडेय एवं रामकिशोर के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

सीबीआई के अनुसार जनपद गोंडा की फास्ट ट्रेक कोर्ट में सरकार बनाम अवधेश कुमार के नाम से दहेज हत्या का मुकदमा चल रहा था. इस मुकदमे में आरोपी राम किशोर की जमानत नहीं हो रही थी. तब सभी आरोपियों ने आपस में साजिश कर के 2 मई 2002 में न्यायमूर्ति वीरेंद्र सरन के नाम से फर्जी व कूटरचित आदेश बनाकर 22 जुलाई 2002 को जमानतदार ओम प्रकाश व प्रेमनाथ की जमानत पर रिहा करा लिया. फर्जी जमानत से जेल से बाहर आने की सूचना पर वादी अवधेश कुमार ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की. इस पर 27 अगस्त 2004 को उच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गोंडा को मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया.

यह भी पढ़ें:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाराजगंज के सहायक निबंधक के खिलाफ जारी किया वारंट

इसके उपरांत उच्च न्यायालय के आदेश पर 22 जुलाई 2005 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रदूषण) द्वारा सभी आरोपियों को 28 सितंबर 2019 को कारावास व अर्थदंड की सजा से दंडित किया था. इस पर सभी आरोपियों ने सत्र अदालत के समक्ष अपील दायर की थी. इसे विशेष न्यायाधीश सीबीआई द्वारा पोषणीय न पाते हुए खारिज कर दिया.

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लखनऊ: दहेज हत्यारोपी को उच्च न्यायालय के फर्जी व कूटरचित जमानत आदेश से रिहा कराने के मामले में आरोपियों फैयाज अहमद खान, ओम प्रकाश पांडेय, रामकिशोर व सांवल प्रसाद मिश्र की अपराधिक अपीलों को सीबीआई की विशेष न्यायाधीश मीना श्रीवास्तव ने निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय की पुष्टि करते हुए न्यायालय में हाजिर सांवल प्रसाद मिश्र को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है. वहीं, फैयाज अहमद खान, ओम प्रकाश पांडेय एवं रामकिशोर के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

सीबीआई के अनुसार जनपद गोंडा की फास्ट ट्रेक कोर्ट में सरकार बनाम अवधेश कुमार के नाम से दहेज हत्या का मुकदमा चल रहा था. इस मुकदमे में आरोपी राम किशोर की जमानत नहीं हो रही थी. तब सभी आरोपियों ने आपस में साजिश कर के 2 मई 2002 में न्यायमूर्ति वीरेंद्र सरन के नाम से फर्जी व कूटरचित आदेश बनाकर 22 जुलाई 2002 को जमानतदार ओम प्रकाश व प्रेमनाथ की जमानत पर रिहा करा लिया. फर्जी जमानत से जेल से बाहर आने की सूचना पर वादी अवधेश कुमार ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की. इस पर 27 अगस्त 2004 को उच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गोंडा को मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया.

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इसके उपरांत उच्च न्यायालय के आदेश पर 22 जुलाई 2005 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रदूषण) द्वारा सभी आरोपियों को 28 सितंबर 2019 को कारावास व अर्थदंड की सजा से दंडित किया था. इस पर सभी आरोपियों ने सत्र अदालत के समक्ष अपील दायर की थी. इसे विशेष न्यायाधीश सीबीआई द्वारा पोषणीय न पाते हुए खारिज कर दिया.

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