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मुख्तार के बेटे उमर की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज, शत्रु संपत्ति पर धोखाधड़ी कर कब्जा करने का है आरोप - Umar

जनपद न्यायाधीश संजय शंकर पांडेय (District Judge Sanjay Shankar Pandey) ने हजरतगंज क्षेत्र के जियामऊ की शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर धोखाधड़ी से अपने नाम कराने के अभियुक्त मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी को ख़ारिज कर दिया है. मामले में मुख्तार अंसारी व उसका अन्य बेटा अब्बास अंसारी भी अभियुक्त हैं.

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Published : Nov 24, 2022, 9:09 PM IST

लखनऊ . जनपद न्यायाधीश संजय शंकर पांडेय (District Judge Sanjay Shankar Pandey) ने हजरतगंज क्षेत्र के जियामऊ की शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर धोखाधड़ी से अपने नाम कराने के अभियुक्त मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी को ख़ारिज कर दिया है. मामले में मुख्तार अंसारी व उसका अन्य बेटा अब्बास अंसारी भी अभियुक्त हैं.


जमानत का सरकारी वकील (Government counsel) द्वारा विरोध किया गया. कहा गया कि मामले की रिपोर्ट लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुख्तार अंसारी व उसके बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी निष्क्रांत भूमि पर आपराधिक साजिश के तहत एलडीए से नक्शा पास करा के कब्जा कर लिया तथा उक्त भूमि पर अवैध निर्माण भी कर लिया गया है. आरोप लगाया गया कि जियामऊ स्थित जमीन मोहम्मद वसीम के नाम से दर्ज थी. बाद में वसीम पाकिस्तान चला गया. लिहाज़ा वह जमीन सरकार में निष्क्रांत सम्पत्ति के रूप में निहित हो गई.

आरोप में कहा गया की बाद में उक्त जमीन बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के लक्ष्मी नारायण के नाम दर्ज हो गई और उसके बाद कृष्ण कुमार के नाम दर्ज हो गई. आरोप है कि अभियुक्त उमर अंसारी, अब्बास अंसारी और मुख़्तार अंसारी ने उक्त ज़मीन को हड़पने के लिए एक पूर्व नियोजित योजना के तहत अपराधिक साजिश के तहत इस काम को अंजाम दिया है. अभियोजन की ओर से आरोप लगाया गया कि मामले में माफिया मुख्तार अंसारी ने अनुचित दबाव डालकर अपने व अपने बेटों के नाम से शत्रु सम्पत्ति को दर्ज करा लिया है.

यह भी पढ़ें : रामपुर में भाजपा तोड़ सकती है आजम खान का तिलस्म

लखनऊ . जनपद न्यायाधीश संजय शंकर पांडेय (District Judge Sanjay Shankar Pandey) ने हजरतगंज क्षेत्र के जियामऊ की शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर धोखाधड़ी से अपने नाम कराने के अभियुक्त मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी को ख़ारिज कर दिया है. मामले में मुख्तार अंसारी व उसका अन्य बेटा अब्बास अंसारी भी अभियुक्त हैं.


जमानत का सरकारी वकील (Government counsel) द्वारा विरोध किया गया. कहा गया कि मामले की रिपोर्ट लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुख्तार अंसारी व उसके बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी निष्क्रांत भूमि पर आपराधिक साजिश के तहत एलडीए से नक्शा पास करा के कब्जा कर लिया तथा उक्त भूमि पर अवैध निर्माण भी कर लिया गया है. आरोप लगाया गया कि जियामऊ स्थित जमीन मोहम्मद वसीम के नाम से दर्ज थी. बाद में वसीम पाकिस्तान चला गया. लिहाज़ा वह जमीन सरकार में निष्क्रांत सम्पत्ति के रूप में निहित हो गई.

आरोप में कहा गया की बाद में उक्त जमीन बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के लक्ष्मी नारायण के नाम दर्ज हो गई और उसके बाद कृष्ण कुमार के नाम दर्ज हो गई. आरोप है कि अभियुक्त उमर अंसारी, अब्बास अंसारी और मुख़्तार अंसारी ने उक्त ज़मीन को हड़पने के लिए एक पूर्व नियोजित योजना के तहत अपराधिक साजिश के तहत इस काम को अंजाम दिया है. अभियोजन की ओर से आरोप लगाया गया कि मामले में माफिया मुख्तार अंसारी ने अनुचित दबाव डालकर अपने व अपने बेटों के नाम से शत्रु सम्पत्ति को दर्ज करा लिया है.

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