लखनऊ : रायबरेली के हरचंदपुर में सुभाष चंद्र एक छोटी सी झोपड़ी में रहते थे, लेकिन गांव का लेखपाल ओम प्रकाश मिश्र उस स्थान को सार्वजनिक रास्ता बताते हुए बुलडोजर चलाने की धमकी देता था और उसे बचाने के एवज में पांच हजार रुपये घूस मांग रहा था. सुभाष ने एंटी करप्शन संगठन से शिकायत की और लेखपाल को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. कमोवेश बीते दिनों लखनऊ की सदर तहसील में अमन नाम का युवक हैसियत प्रमाण पत्र बनवाना चाहता था, लेकिन लेखपाल अविनाश ओझा उससे 10 हजार रुपये की घूस मांग रहा था. एंटी करप्शन संगठन ने उसे भी रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. ये सिर्फ दो लेखपाल बानगी भर है. एंटी करप्शन संगठन बीते पांच वर्षों में 69 लेखपाल को घूस लेते ट्रैप कर चुकी है. ये संख्या अन्य विभागों के पकड़े गए कर्मचारियों व अधिकारियों से बहुत अधिक है.
सबसे अधिक लेखपाल व पुलिस की आती है शिकायत
उत्तर प्रदेश एंटी करप्शन संगठन (ACO) के डीआईजी विनोद कुमार मिश्रा के मुताबिक राज्य में एंटी करप्शन संगठन की 18 यूनिट है. एसीओ की हेल्पलाइन नम्बर, ई मेल और पत्र के माध्यम से रोजाना दर्जनों घूस मांगने की शिकायतें प्राप्त होती हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि रोजाना मिलने वाली सबसे अधिक शिकायतें राजस्व विभाग और पुलिस से जुड़ी होती हैं जो किसी न किसी काम के लिए घूस मांगते हैं. डीआईजी के मुताबिक शिकायतें मिलने के बाद हम जांच करते हैं और फिर मुख्यालय व रेंज यूनिट जाल बिछाती है और घूस लेने वाले कर्मियों व अधिकारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 को धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जाती है.
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