ETV Bharat / state

बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम, पांच वर्षों में एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़े 69 लेखपाल

एंटी करप्शन संगठन के आंकड़ों पर गौर करें तो विभिन्न विभागों के मुकाबले राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के मामले अधिक पकड़ में आए हैं. बीते पांच वर्षों में एसीओ ने 69 लेखपालों को रंगेहाथ घूस लेते गिरफ्तार किया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 8:02 PM IST

लखनऊ : रायबरेली के हरचंदपुर में सुभाष चंद्र एक छोटी सी झोपड़ी में रहते थे, लेकिन गांव का लेखपाल ओम प्रकाश मिश्र उस स्थान को सार्वजनिक रास्ता बताते हुए बुलडोजर चलाने की धमकी देता था और उसे बचाने के एवज में पांच हजार रुपये घूस मांग रहा था. सुभाष ने एंटी करप्शन संगठन से शिकायत की और लेखपाल को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. कमोवेश बीते दिनों लखनऊ की सदर तहसील में अमन नाम का युवक हैसियत प्रमाण पत्र बनवाना चाहता था, लेकिन लेखपाल अविनाश ओझा उससे 10 हजार रुपये की घूस मांग रहा था. एंटी करप्शन संगठन ने उसे भी रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. ये सिर्फ दो लेखपाल बानगी भर है. एंटी करप्शन संगठन बीते पांच वर्षों में 69 लेखपाल को घूस लेते ट्रैप कर चुकी है. ये संख्या अन्य विभागों के पकड़े गए कर्मचारियों व अधिकारियों से बहुत अधिक है.

घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.


सबसे अधिक लेखपाल व पुलिस की आती है शिकायत

उत्तर प्रदेश एंटी करप्शन संगठन (ACO) के डीआईजी विनोद कुमार मिश्रा के मुताबिक राज्य में एंटी करप्शन संगठन की 18 यूनिट है. एसीओ की हेल्पलाइन नम्बर, ई मेल और पत्र के माध्यम से रोजाना दर्जनों घूस मांगने की शिकायतें प्राप्त होती हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि रोजाना मिलने वाली सबसे अधिक शिकायतें राजस्व विभाग और पुलिस से जुड़ी होती हैं जो किसी न किसी काम के लिए घूस मांगते हैं. डीआईजी के मुताबिक शिकायतें मिलने के बाद हम जांच करते हैं और फिर मुख्यालय व रेंज यूनिट जाल बिछाती है और घूस लेने वाले कर्मियों व अधिकारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 को धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जाती है.

घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
एंटी करप्शन संगठन बिछाती है फुल प्रूफ जालएंटी करप्शन संगठन की 18 यूनिट में डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी तैनात हैं. घूस मांगने की शिकायत मिलने पर मुख्यालय में तैनात एसपी एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के आदेश के बाद डिप्टी एसपी घूस मांगने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाते हैं. जिसमें शिकायतकर्ता को केमिकल लगे हुए नोट दिए जाते हैं. जिसके बाद शिकायतकर्ता घूस मांगने वाले कर्मी या अधिकारी के द्वारा बुलाए गए स्थान पर जाने के लिए कहा जाता है. एंटी करप्शन संगठन टीम के लोग पहले से ही वहां मौजूद रहते हैं. जैसे ही पीड़ित कर्मचारी या अधिकारी को घूस की रकम देता है तो केमिकल लगे नोटों को छूने से घूस मांगने वाले कर्मचारी के हाथों में केमिकल लग जाता है. इसके बाद घूस लेने वाले को एसीओ की टीम के धर दबोचते है और इविडेंस के लिए घूस लेने वाले के हाथ केमिकल में डाले जाते हैं तो पानी गुलाबी हो जाता है. जिसके बाद यूनिट एंटी करप्शन थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 को धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज कराती है, लेकिन इसकी जांच एंटी करप्शन यूनिट के इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करते हैं.

यह भी पढ़ें : Watch : एंटी करप्शन की टीम ने लखनऊ सदर तहसील के घूसखोर लेखपाल को दबोचा

लखनऊ का जालसाज लेखपाल, भूमि आवंटन में हेरफेर कर बेटे को भी किया मालामाल, युवक को मृत दिखाकर हड़पी जमीन

बरेली के घूसखोर लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

लखनऊ : रायबरेली के हरचंदपुर में सुभाष चंद्र एक छोटी सी झोपड़ी में रहते थे, लेकिन गांव का लेखपाल ओम प्रकाश मिश्र उस स्थान को सार्वजनिक रास्ता बताते हुए बुलडोजर चलाने की धमकी देता था और उसे बचाने के एवज में पांच हजार रुपये घूस मांग रहा था. सुभाष ने एंटी करप्शन संगठन से शिकायत की और लेखपाल को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. कमोवेश बीते दिनों लखनऊ की सदर तहसील में अमन नाम का युवक हैसियत प्रमाण पत्र बनवाना चाहता था, लेकिन लेखपाल अविनाश ओझा उससे 10 हजार रुपये की घूस मांग रहा था. एंटी करप्शन संगठन ने उसे भी रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. ये सिर्फ दो लेखपाल बानगी भर है. एंटी करप्शन संगठन बीते पांच वर्षों में 69 लेखपाल को घूस लेते ट्रैप कर चुकी है. ये संख्या अन्य विभागों के पकड़े गए कर्मचारियों व अधिकारियों से बहुत अधिक है.

घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.


सबसे अधिक लेखपाल व पुलिस की आती है शिकायत

उत्तर प्रदेश एंटी करप्शन संगठन (ACO) के डीआईजी विनोद कुमार मिश्रा के मुताबिक राज्य में एंटी करप्शन संगठन की 18 यूनिट है. एसीओ की हेल्पलाइन नम्बर, ई मेल और पत्र के माध्यम से रोजाना दर्जनों घूस मांगने की शिकायतें प्राप्त होती हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि रोजाना मिलने वाली सबसे अधिक शिकायतें राजस्व विभाग और पुलिस से जुड़ी होती हैं जो किसी न किसी काम के लिए घूस मांगते हैं. डीआईजी के मुताबिक शिकायतें मिलने के बाद हम जांच करते हैं और फिर मुख्यालय व रेंज यूनिट जाल बिछाती है और घूस लेने वाले कर्मियों व अधिकारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 को धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जाती है.

घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
बिना घूस लिए तहसील में नहीं होता कोई काम.
घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
घूस लेने में लेखपाल अव्वल.
एंटी करप्शन संगठन बिछाती है फुल प्रूफ जालएंटी करप्शन संगठन की 18 यूनिट में डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी तैनात हैं. घूस मांगने की शिकायत मिलने पर मुख्यालय में तैनात एसपी एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के आदेश के बाद डिप्टी एसपी घूस मांगने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाते हैं. जिसमें शिकायतकर्ता को केमिकल लगे हुए नोट दिए जाते हैं. जिसके बाद शिकायतकर्ता घूस मांगने वाले कर्मी या अधिकारी के द्वारा बुलाए गए स्थान पर जाने के लिए कहा जाता है. एंटी करप्शन संगठन टीम के लोग पहले से ही वहां मौजूद रहते हैं. जैसे ही पीड़ित कर्मचारी या अधिकारी को घूस की रकम देता है तो केमिकल लगे नोटों को छूने से घूस मांगने वाले कर्मचारी के हाथों में केमिकल लग जाता है. इसके बाद घूस लेने वाले को एसीओ की टीम के धर दबोचते है और इविडेंस के लिए घूस लेने वाले के हाथ केमिकल में डाले जाते हैं तो पानी गुलाबी हो जाता है. जिसके बाद यूनिट एंटी करप्शन थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 को धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज कराती है, लेकिन इसकी जांच एंटी करप्शन यूनिट के इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करते हैं.

यह भी पढ़ें : Watch : एंटी करप्शन की टीम ने लखनऊ सदर तहसील के घूसखोर लेखपाल को दबोचा

लखनऊ का जालसाज लेखपाल, भूमि आवंटन में हेरफेर कर बेटे को भी किया मालामाल, युवक को मृत दिखाकर हड़पी जमीन

बरेली के घूसखोर लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.