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आउटर रिंग रोड के किनारे 104 किमी में बनेगा एक और लखनऊ, 6 साल में होगा तैयार

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Published : Sep 17, 2021, 10:52 AM IST

राजधानी लखनऊ में 104 किमी का आउटर रिंग रोड का काम 2022 के दिसम्बर तक समाप्त हो जाएगा. जिसके बाद 104 किमी के दायरे में एक नया लखनऊ स्वरूप लेगा. आउटर रिंग रोड के चारों ओर अधिकांश लैंडयूज तय किए जा चुके हैं. प्राधिकरण 104 किमी के इस दायरे को शहीद पथ की तर्ज पर विकसित कर के नये लखनऊ को विकसित करेगा. ये विकास अगले 6 साल में पूरा हो जाएगा.

आउटर रिंग रोड के किनारे 104 किमी में बनेगा एक और लखनऊ
आउटर रिंग रोड के किनारे 104 किमी में बनेगा एक और लखनऊ

लखनऊ: 104 किमी का आउटर रिंग रोड का काम 2022 के दिसम्बर तक समाप्त हो जाएगा, जिसके साथ ही नया लखनऊ विकसित किया जाएगा. जिस तरह शहीद पथ के दोनों ओर एलडीए ने भूखंड विकसित किया है, ठीक उसी तरह से 104 किमी में योजना बनाकर विकास का खाका तैयार है. नए लखनऊ के निर्माण के लिए एलडीए ने लैंडयूज तय करना शुरू कर दिया हैं. आउटर रिंग रोड के दोनों ओर आवासीय और कॉमर्शियल विकास नए सिरे से किए जाएगे.

इस बार का नया लखनऊ 104 किमी के आउटर रिंग रोड के किनारे-किनारे बनेगा. आउटर रिंग रोड का काम तेजी से किया जा रहा है. कुर्सी रोड से सुल्‍तानपुर रोड के बीच काम पूरा हो चुका है, जो कि करीब 30 किमी का हिस्‍सा है. यातायात का भी आगाज हो गया है. बाकी करीब 74 किमी पर काम किया जा रहा है. अगले साल तक ये काम पूरा हो जाएगा और जिसके बाद इस पूरे आउटर रिंग रोड के किनारे विकास का नया खाका खींचा जाएगा और एक नया लखनऊ बनेगा.

आउटर रिंग रोड के किनारे 104 किमी में बनेगा एक और लखनऊ

अधिकांश लैंडयूज तय
मास्टर प्लान-2031 में आउटर रिंग रोड के चारों ओर अधिकांश लैंडयूज तय किए जा चुके हैं. जबकि बाकी जमीन का लैंडयूज तय किया जाएगा. लैंडयूज से अर्थ होता है कि आखिर जमीन पर किस तरह का निर्माण किया जा सकता है. किसी भी तरह के विकास का यही आधार होता है.

43 गांव शामिल होंगे इस विकास में
आउटर रिंग रोड में लखनऊ समेत बाराबंकी के देवा, नवाबगंज तहसील समेत 43 गांव शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों जिलों से करीब 1500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. लखनऊ के साथ साथ आस पास के क्षेत्रों को भी सड़क शामिल कर रही है. बख्शी का तालब से लेकर पूरे शहर को घेरते हुए कानपुर रोड तक जाएगी. इसमें न केवल एलडीए और आवास विकास बल्कि कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र के गांव भी शामिल होंगे.

इसे भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश में 32 हजार वर्ग फीट में बनेंगी कॉलोनियां, गरीबों को मिलेंगे आसानी से प्लॉट

प्रमुख गांव जहां बहेगी विकास की गंगा
इंदिरा कैनाल के पास गोयल हाइट्स अपार्टमेंट के पास से आउटर रिंग रोड से गुजरेगा. सुल्तानपुर रोड पर एपीआई अंसल की हाइटेक टाउनशिप से यह रोड गुजरते हुए नगराम के गांव दाऊद नगर से जा रहा है. आगे रायबरेली रोड के गांव कल्ली पश्चिम के पास से रिंग रोड निकलेगी. यहां से कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र में अगला पड़ाव होगा. इसके आगे मोहान रोड का गांव फतेहगंज आउटर रिंग रोड का हिस्सा होगा. यहां से आइआइएम रोड के पीछे से होते हुए चंद्रिका माता मंदिर के पास से आउटर रिंग रोड वापस बख्शी का तालाब पहुंचेगा.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि हम आउटर रिंग रोड के दोनों विकास करने के लिए अधिकांश लैंडयूज तय कर चुके हैं और बाकी तय किए जाने हैं. धीरे धीरे यह काम आगे बढ़ रहा है. हम यहां नियोजित विकास की तैयारी कर चुके हैं. जल्द ही इसको अमलीजामा पहनाया जाएगा.

लखनऊ: 104 किमी का आउटर रिंग रोड का काम 2022 के दिसम्बर तक समाप्त हो जाएगा, जिसके साथ ही नया लखनऊ विकसित किया जाएगा. जिस तरह शहीद पथ के दोनों ओर एलडीए ने भूखंड विकसित किया है, ठीक उसी तरह से 104 किमी में योजना बनाकर विकास का खाका तैयार है. नए लखनऊ के निर्माण के लिए एलडीए ने लैंडयूज तय करना शुरू कर दिया हैं. आउटर रिंग रोड के दोनों ओर आवासीय और कॉमर्शियल विकास नए सिरे से किए जाएगे.

इस बार का नया लखनऊ 104 किमी के आउटर रिंग रोड के किनारे-किनारे बनेगा. आउटर रिंग रोड का काम तेजी से किया जा रहा है. कुर्सी रोड से सुल्‍तानपुर रोड के बीच काम पूरा हो चुका है, जो कि करीब 30 किमी का हिस्‍सा है. यातायात का भी आगाज हो गया है. बाकी करीब 74 किमी पर काम किया जा रहा है. अगले साल तक ये काम पूरा हो जाएगा और जिसके बाद इस पूरे आउटर रिंग रोड के किनारे विकास का नया खाका खींचा जाएगा और एक नया लखनऊ बनेगा.

आउटर रिंग रोड के किनारे 104 किमी में बनेगा एक और लखनऊ

अधिकांश लैंडयूज तय
मास्टर प्लान-2031 में आउटर रिंग रोड के चारों ओर अधिकांश लैंडयूज तय किए जा चुके हैं. जबकि बाकी जमीन का लैंडयूज तय किया जाएगा. लैंडयूज से अर्थ होता है कि आखिर जमीन पर किस तरह का निर्माण किया जा सकता है. किसी भी तरह के विकास का यही आधार होता है.

43 गांव शामिल होंगे इस विकास में
आउटर रिंग रोड में लखनऊ समेत बाराबंकी के देवा, नवाबगंज तहसील समेत 43 गांव शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों जिलों से करीब 1500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. लखनऊ के साथ साथ आस पास के क्षेत्रों को भी सड़क शामिल कर रही है. बख्शी का तालब से लेकर पूरे शहर को घेरते हुए कानपुर रोड तक जाएगी. इसमें न केवल एलडीए और आवास विकास बल्कि कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र के गांव भी शामिल होंगे.

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प्रमुख गांव जहां बहेगी विकास की गंगा
इंदिरा कैनाल के पास गोयल हाइट्स अपार्टमेंट के पास से आउटर रिंग रोड से गुजरेगा. सुल्तानपुर रोड पर एपीआई अंसल की हाइटेक टाउनशिप से यह रोड गुजरते हुए नगराम के गांव दाऊद नगर से जा रहा है. आगे रायबरेली रोड के गांव कल्ली पश्चिम के पास से रिंग रोड निकलेगी. यहां से कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र में अगला पड़ाव होगा. इसके आगे मोहान रोड का गांव फतेहगंज आउटर रिंग रोड का हिस्सा होगा. यहां से आइआइएम रोड के पीछे से होते हुए चंद्रिका माता मंदिर के पास से आउटर रिंग रोड वापस बख्शी का तालाब पहुंचेगा.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि हम आउटर रिंग रोड के दोनों विकास करने के लिए अधिकांश लैंडयूज तय कर चुके हैं और बाकी तय किए जाने हैं. धीरे धीरे यह काम आगे बढ़ रहा है. हम यहां नियोजित विकास की तैयारी कर चुके हैं. जल्द ही इसको अमलीजामा पहनाया जाएगा.

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