लखनऊ : "देश को सीएसआईआर प्रयोगशालाओं से बहुत उम्मीदें हैं, इसलिए हमें राष्ट्र के प्रति अपने योगदान से देश को गौरवान्वित करने के लिए अपना सर्वोत्तम योगदान देने का प्रयास करना होगा, तब ही हम उन उम्मीदों पर खरे उतर सकेंगे." यह बातें शुक्रवार को डॉ. एन कलईसेल्वी, महानिदेशक, सीएसआईआर एवं सचिव डीएसआईआर ने कहीं. सीएसआईआर-सीडीआरआई में 13 से 18 फरवरी तक वार्षिक दिवस समारोह मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-सीडीआरआई की मूल आधारशिला के अनावरण के साथ हुई. जिसे भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने 17 फरवरी 1951 को छत्तर मंजिल पैलेस में रखी थी, अब यह आधारशिला संस्थान के नवीन परिसर में स्थानांतरित कर दी गई है.
निदेशक सीएसआईआर-सीडीआरआई, राधा रंगराजन ने महानिदेशक का स्वागत किया और संस्थान की गतिविधियों संबन्धित प्रस्तुतिकरण दिया. डॉ. कलईसेल्वी ने वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की और कुछ महत्वपूर्ण प्रयोगशालाओं एवं सुविधाओं (जैसे एनएमआर, एक्स-रे, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, सीबीआरएस, हर्बेरियम) का दौरा किया. उन्होंने सेंटर फॉर साइंस आउटरीच एंड रिसर्च के लिए एक नवीन लैब का भी उद्घाटन किया.
खचाखच भरे सभागृह (ऑडिटोरियम) में डॉ. एन कलईसेल्वी ने वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं एवं अन्य कर्मचारियों को अपने प्रेरणादायी सम्बोधन से संबोधित करते हुए उन सभी का आव्हान किया कि वे संस्थान, संगठन में जिस किसी भी पद या क्षमता में कार्यरत हैं, उन्हें अपने सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की दिशा में कार्य करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि इस मौके पर शोध संस्थान, अकादमिक संस्थान एवं उद्योग के मध्य परस्पर सहयोग को मजबूत बनाने के उद्देश्य से, मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी, मणिपाल के साथ एवं थेमिस मेडिकेयर लिमिटेड, मुंबई के साथ दो अलग अलग समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. इस कार्यक्रम के दौरान, संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा विकसित अनुसंधान एवं निदान (रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक) के लिए एक नए "क्वेंचर यूनीक्यू" की स्वदेशी तकनीक को अग्रिम विकास के लिए अपने उद्योग भागीदार बायोटेक डेस्क प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद को हस्तांतरित किया. सीएसआईआर-सीडीआरआई स्टाफ क्लब द्वारा महानिदेशक का अभिनंदन किया गया.
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