लखनऊ : राजधानी में राज्य कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर वन विभाग के परिषद कार्यालय में एक बैठक आयोजित की. इस बैठक में वन विभाग परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत की अध्यक्षता में कर्मचारियों की समस्याओं से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की गई है. इस दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लेने के बाद राज्य कर्मचारी 18 मार्च को प्रदेश के सभी जनपदों में उपवास रखेंगे और धरना देंगे.
18 मार्च को प्रदेश के सभी राज्य कर्मचारी करेंगे धरना प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारी पिछले काफी लंबे समय से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अपने आंदोलन को धार देने के मकसद से गुरुवार को लखनऊ के परिषद कार्यालय में बैठक की गई. बैठक में राज्य कर्मचारी परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश रावत, इप्सेफ के अध्यक्ष विपिन मिश्रा, महामंत्री अतुल मिश्रा, गिरीश मिश्रा, सुनील यादव, सतीश यादव, सुभाष श्रीवास्तव, संजय पांडे, डीके सिंह समेत तमाम संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे. अध्यक्ष सुरेश रावत ने बताया कि मांगों को लेकर प्रदेश के सभी जनपदों में जन जागरण चलाया जा रहा है. आने वाली 18 मार्च को प्रदेश के सभी जिलों के कार्यालयों पर राज्य कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे साथ ही उपवास भी रखा जाएगा.
कर्मचारियों का भविष्य बचाने के लिए आंदोलन
इप्सेफ अध्यक्ष वी.पी. मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों का भविष्य बचाने के लिए आंदोलन आवश्यक है. सरकार निजीकरण के माध्यम से भर्तियों पर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. वहीं सरकारी संस्थानों को बदनाम किया जा रहा है. जबकि कोविड काल में सरकारी कर्मचारियों ने सामने आकर बिना जान की परवाह किए मजबूती से काम किए थे. वहीं आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में है. इस दौरान गिरीश मिश्रा ने कहा कि पूरे मौजूदा दौर में देशभर के कर्मचारी संकट में है. शिक्षा और स्वास्थ्य का निजीकरण जनता के लिए भी हानिकारक है. तो वहीं अतुल मिश्रा ने बताया कि आगरा, बरेली, आजमगढ़ और झांसी मंडल के जनपदों में परिषद के शीर्ष नेतृत्व में भ्रमण किया है. सभी जिलों में कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. सरकार ने जल्द ही मांगों को लेकर निर्णय नहीं लिया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.