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पुलिस लिंचिंग पर नकली गांधी एंड कंपनी ने एक शब्द भी नहीं बोला : श्रीकांत शर्मा - नागरिकता संशोधन कानून

यूपी सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि पुलिस 22 करोड़ जनता के लिए मुस्तैद रहती है. उसे घेरकर मारने का कुचक्र रचा गया. इस लिंचिंग पर नकली गांधी एंड कंपनी ने एक शब्द भी नहीं बोले. क्या ये मानव अधिकार अंतर्गत नहीं है. पुलिस के परिवार में पत्नी, बच्चे नहीं हैं. उनके लिए एक शब्द भी नहीं बोलना क्या साबित करता है.

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श्रीकांत शर्मा ने सीएए और एनआरसी पर विपक्ष पर साधा निशाना.
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Published : Jan 2, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 7:47 PM IST

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) से लेकर तमाम मुद्दों पर विपक्ष देशभर में मोदी सरकार को तो घेर ही रहा है. इसी बहाने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. CAA और NPR को लेकर प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने ऊर्जा मंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा से खास बातचीत की.

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता से बातचीत करते संवाददाता.

'पुलिस पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण'
उन्होंने कहा कि उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि वह पुलिस जो उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता के लिए मुस्तैद रहती है. उसे घेर कर मारने का कुचक्र रचा जा रहा है, लेकिन पुलिस पर हुई लिंचिंग पर यह लोग एक भी शब्द नहीं बोले. क्या ये मानव अधिकार अंतर्गत नहीं हैं. पुलिस के परिवार में पत्नी, बच्चे नहीं हैं. उनके लिए एक शब्द भी नहीं बोलना क्या साबित करता है.

'नकली गांधी एंड कंपनी ने किया मिस यूज'

समाजवादी पार्टी के नेता यह कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार केंद्र की मोदी सरकार देश और प्रदेश में मुसलमानों को रहने नहीं देना चाहती है. इस पर श्रीकांत शर्मा ने कहा कि योगी सरकार 22 करोड़ की जनता की सरकार है. मीडिया के माध्यम से हम मुसलमान भाइयों से अपील करना चाहते हैं कि आप प्रदेश के हैं. प्रदेश आपका है. आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन आप बहकावे में मत आइये. उन्होंने कहा कि नकली गांधी एंड कंपनी ने आपका मिस यूज किया. दुरुपयोग किया. केवल राजनीतिक उपयोग किया. मुसलमानों को आगे करके राजनीति साध रहे.

'CAA नागरिकता देने का कानून है, लेने का नहीं'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में श्रीकांत शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून लोगों को नागरिकता दे रहा है. किसी की नागरिकता लेने की बात इसमें नहीं है. यह नागरिकता उन लोगों को दी जा रही है, जो पाकिस्तान जैसे मुल्क में उत्पीड़न के शिकार हैं. खासकर अल्पसंख्यक हिंदू, सिख की बहन बेटियों के साथ बलात्कार किया जा रहा है. जबरन उन्हें उठाकर ले जाया जा रहा है. धर्मांतरण कराकर विवाह किया जा रहा है. ऐसे लोगों को इस कानून के माध्यम से नागरिकता देने का प्रावधान है.

'CAA से नहीं जाएगी किसी की नागरिकता'
यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता इस कानून के माध्यम से समाप्त नहीं होगी. प्रोपेगेंडा के तहत पूरे देश में आग लगाने की कोशिश कुछ लोगों ने की है. खासकर उत्तर प्रदेश जो शांत प्रदेश है, वहां भी आगजनी हिंसा फैलाने का कुचक्र सपा-बसपा और नकली गांधी एंड कंपनी द्वारा किया गया. अब जब हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो सपा, बसपा, कांग्रेस द्वारा उन्हें बचाने का काम किया जा रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.


ये भी पढ़ें: सोनभद्र नरसंहार पर सीएम योगी को सौंपी रिपोर्ट, 660 करोड़ के जमीन घोटाले का खुलासा

'दंगाइयों को धर्म ने नाम पर न बांटें'
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आज हिंदू-मुसलमान की बात नहीं है. आज तो सवाल यह है कि शांत प्रदेश को कौन जला रहा है. बसों में आग लगा रहे हैं. उन बसों में बच्चे बैठे हैं. महिलाएं बैठीं हैं. पुलिस को जिंदा जलाने की कोशिश कर रहे हैं. चौकियां जलाई गईं. ऐसे लोगों को आप हिंदू और मुसलमान के नाम पर बांटेंगे. उस दंगाई को राजनीतिक चश्मे या हिंदू और मुसलमान के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को यह सूट करता है, इसलिए वे इस प्रकार के बयान दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी की हिफाजत करना उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन हिंसा में शामिल लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

अखिलेश के बयान पर पलटवार
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा NPR में नाम नहीं दर्ज कराने की बात कहने पर श्रीकांत शर्मा कहते हैं कि निश्चित तौर पर अखिलेश यादव को एनपीआर में नाम दर्ज कराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह गरीब लोगों के लिए है. वह पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र हैं. खुद मुख्यमंत्री रहे हैं.

उन्होंने कहा कि एनपीआर में गरीबों का नाम दर्ज किया जा रहा है ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ उन तक सीधे पहुंच सके. उसके लिए हर 10 साल पर एक प्रक्रिया है और इसके तहत जनगणना की जाती है. मनमोहन सरकार में जब जनगणना हुई तब अखिलेश ने कोई चुनौती नहीं दी. अब क्यों दे रहे हैं. क्या सोनिया जी और राहुल ने जो किया, वह सब ठीक था. आज वही प्रक्रिया दोबारा जब की जा रही है तो सवाल खड़े कर रहे हैं.

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) से लेकर तमाम मुद्दों पर विपक्ष देशभर में मोदी सरकार को तो घेर ही रहा है. इसी बहाने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. CAA और NPR को लेकर प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने ऊर्जा मंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा से खास बातचीत की.

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता से बातचीत करते संवाददाता.

'पुलिस पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण'
उन्होंने कहा कि उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि वह पुलिस जो उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता के लिए मुस्तैद रहती है. उसे घेर कर मारने का कुचक्र रचा जा रहा है, लेकिन पुलिस पर हुई लिंचिंग पर यह लोग एक भी शब्द नहीं बोले. क्या ये मानव अधिकार अंतर्गत नहीं हैं. पुलिस के परिवार में पत्नी, बच्चे नहीं हैं. उनके लिए एक शब्द भी नहीं बोलना क्या साबित करता है.

'नकली गांधी एंड कंपनी ने किया मिस यूज'

समाजवादी पार्टी के नेता यह कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार केंद्र की मोदी सरकार देश और प्रदेश में मुसलमानों को रहने नहीं देना चाहती है. इस पर श्रीकांत शर्मा ने कहा कि योगी सरकार 22 करोड़ की जनता की सरकार है. मीडिया के माध्यम से हम मुसलमान भाइयों से अपील करना चाहते हैं कि आप प्रदेश के हैं. प्रदेश आपका है. आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन आप बहकावे में मत आइये. उन्होंने कहा कि नकली गांधी एंड कंपनी ने आपका मिस यूज किया. दुरुपयोग किया. केवल राजनीतिक उपयोग किया. मुसलमानों को आगे करके राजनीति साध रहे.

'CAA नागरिकता देने का कानून है, लेने का नहीं'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में श्रीकांत शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून लोगों को नागरिकता दे रहा है. किसी की नागरिकता लेने की बात इसमें नहीं है. यह नागरिकता उन लोगों को दी जा रही है, जो पाकिस्तान जैसे मुल्क में उत्पीड़न के शिकार हैं. खासकर अल्पसंख्यक हिंदू, सिख की बहन बेटियों के साथ बलात्कार किया जा रहा है. जबरन उन्हें उठाकर ले जाया जा रहा है. धर्मांतरण कराकर विवाह किया जा रहा है. ऐसे लोगों को इस कानून के माध्यम से नागरिकता देने का प्रावधान है.

'CAA से नहीं जाएगी किसी की नागरिकता'
यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता इस कानून के माध्यम से समाप्त नहीं होगी. प्रोपेगेंडा के तहत पूरे देश में आग लगाने की कोशिश कुछ लोगों ने की है. खासकर उत्तर प्रदेश जो शांत प्रदेश है, वहां भी आगजनी हिंसा फैलाने का कुचक्र सपा-बसपा और नकली गांधी एंड कंपनी द्वारा किया गया. अब जब हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो सपा, बसपा, कांग्रेस द्वारा उन्हें बचाने का काम किया जा रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.


ये भी पढ़ें: सोनभद्र नरसंहार पर सीएम योगी को सौंपी रिपोर्ट, 660 करोड़ के जमीन घोटाले का खुलासा

'दंगाइयों को धर्म ने नाम पर न बांटें'
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आज हिंदू-मुसलमान की बात नहीं है. आज तो सवाल यह है कि शांत प्रदेश को कौन जला रहा है. बसों में आग लगा रहे हैं. उन बसों में बच्चे बैठे हैं. महिलाएं बैठीं हैं. पुलिस को जिंदा जलाने की कोशिश कर रहे हैं. चौकियां जलाई गईं. ऐसे लोगों को आप हिंदू और मुसलमान के नाम पर बांटेंगे. उस दंगाई को राजनीतिक चश्मे या हिंदू और मुसलमान के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को यह सूट करता है, इसलिए वे इस प्रकार के बयान दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी की हिफाजत करना उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन हिंसा में शामिल लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

अखिलेश के बयान पर पलटवार
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा NPR में नाम नहीं दर्ज कराने की बात कहने पर श्रीकांत शर्मा कहते हैं कि निश्चित तौर पर अखिलेश यादव को एनपीआर में नाम दर्ज कराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह गरीब लोगों के लिए है. वह पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र हैं. खुद मुख्यमंत्री रहे हैं.

उन्होंने कहा कि एनपीआर में गरीबों का नाम दर्ज किया जा रहा है ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ उन तक सीधे पहुंच सके. उसके लिए हर 10 साल पर एक प्रक्रिया है और इसके तहत जनगणना की जाती है. मनमोहन सरकार में जब जनगणना हुई तब अखिलेश ने कोई चुनौती नहीं दी. अब क्यों दे रहे हैं. क्या सोनिया जी और राहुल ने जो किया, वह सब ठीक था. आज वही प्रक्रिया दोबारा जब की जा रही है तो सवाल खड़े कर रहे हैं.

Intro:लखनऊ: एनपीआर में अखिलेश के नाम नहीं दर्ज कराने वाले बयान पर क्या कहती है योगी सरकार

लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून से लेकर तमाम मुद्दों पर विपक्ष देश भर में मोदी सरकार को तो घेर ही रही है, इसी के बहाने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। सीएए और एनपीआर को लेकर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर है। सरकार का क्या मानना है। ऐसे ही तमाम मुद्दों पर योगी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत की।


Body:उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून लोगों को नागरिकता दे रहा है। किसी की नागरिकता लेने की बात इसमें नहीं है। यह नागरिकता उन लोगों को दी जा रही है, जो पाकिस्तान जैसे मुल्क में उत्पीड़न के शिकार हैं। खासकर अल्पसंख्यक हिंदू, सिख की बहन बेटियों के साथ बलात्कार किया जा रहा है। जबरन उन्हें उठाकर ले जाया जा रहा है। धर्मांतरण करा करके विवाह कर रहे हैं। उन परिवारों का दर्द समझिए। तो उन लोगों को इस कानून के माध्यम से नागरिकता देने का प्रावधान है।

देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता इस कानून के माध्यम से समाप्त नहीं होती है। प्रोपेगेंडा के तहत पूरे देश में आग लगाने की कोशिश कुछ लोगों ने की है। खासकर उत्तर प्रदेश जो शांत प्रदेश है। वहां भी आगजनी हिंसा फैलाने का कुचक्र सपा-बसपा और नकली गांधी एंड कंपनी द्वारा किया गया। अब जब हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। तो सपा, बसपा, कांग्रेस द्वारा उन्हें बचाने का काम किया जा रहा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि वह पुलिस जो उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता के लिए मुस्तैद रहती है, उसे घेर कर मारने का कुचक्र रचा जा रहा है। लेकिन पुलिस पर हुई लिंचिंग पर यह लोग एक भी शब्द नहीं बोले। क्या उनके मानव अधिकार नहीं हैं। पुलिस के परिवार में पत्नी, बच्चे, परिवार नहीं है। उनके लिए एक शब्द भी नहीं बोलना क्या साबित करता है।

सपा के उस आरोप का श्रीकांत शर्मा ने जवाब दिया जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता यह कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार केंद्र की मोदी सरकार देश और प्रदेश में मुसलमानों को रहने नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार 22 करोड़ की जनता की सरकार है। मीडिया के माध्यम से हम मुसलमान भाइयों से अपील करना चाहते हैं कि आप प्रदेश के हैं। आपका प्रदेश है। यब आपका घर है। आपका मान-सम्मान उसकी चिंता हो आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन आप बहकावे में मत आइये। नकली गांधी एंड कंपनी ने आपका मिस यूज किया। दुरुपयोग किया। आप के हितों की रक्षा नहीं की। केवल राजनीतिक उपयोग किया। मुसलमानों को आगे करके राजनीति साध रहे।

आज हिंदू मुसलमान की बात नहीं है। आज तो सवाल यह है कि शांत प्रदेश को कौन जला रहा है। बसों में आग लगा रहे हैं। उन बसों में बच्चे बैठे हैं। महिलाएं बैठी हैं। पुलिस को जिंदा जलाने की कोशिश कर रहे हैं। चौकियां जलाई गयीं। ऐसे लोगों को आप हिंदू और मुसलमान के नाम पर बाटेंगे। उस दंगाई को राजनीतिक चश्मे से या हिंदू और मुसलमान के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। समाजवादी पार्टी को यह सूट करता है। इसलिए वे इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी की हिफाजत करना उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन हिंसा में शामिल लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।


अखिलेश यादव द्वारा एनपीआर में नाम नहीं दर्ज कराने की बात कहने पर श्रीकांत शर्मा कहते हैं कि निश्चित तौर पर अखिलेश यादव को एनपीआर में नाम दर्ज कराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह गरीब लोगों के लिए है। वह पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र हैं। खुद मुख्यमंत्री रहे हैं। एनपीआर में गरीबों का नाम दर्ज किया जा रहा है। ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ उन तक सीधे पहुंच सके। उसके लिए हर 10 साल पर एक प्रक्रिया है और इसके तहत जनगणना की जाती है। मनमोहन सरकार में जब जनगणना हुई तब अखिलेश ने कोई चुनौती नहीं दी। अब क्यों दे रहे हैं। क्या सोनिया जी राहुल ने जो किया वह सब ठीक था। आज वही प्रक्रिया दोबारा जब की जा रही है तो सवाल खड़े कर रहे हैं।

दिलीप शुक्ला, 9450663213

नोट-इस स्क्रिप्ट का वीडियो कैमरा पर्सन धीरज कुमार ने लाईव यू से भेजा है।

स्लग-tiktak with shrikant sharma


Conclusion:
Last Updated : Jan 2, 2020, 7:47 PM IST
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