लखनऊ: यूपी में एंबुलेंस सेवा दूसरे दिन भी ठप रही. मांगों को लेकर अफसर-कर्मियों में बात नहीं बनी. ऐसे में मरीज एंबुलेंस के लिए कॉल करते रहें, लेकिन उन्हें वाहन नहीं मिला. तीमारदार प्राइवेट एंबुलेंस से मरीजों को अस्पताल लेकर पहुंचे. अब तक हजारों लोगों को एंबुलेंस के लिए जूझना पड़ा है. वहीं, एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ईएमआरआई ने 13 एंबुलेंसकर्मियों को बर्खास्त करने के साथ ही प्रदर्शनकारियों को अल्टीमेटम दिया है.
राजधानी के वृंदावन योजना ट्रामा-टू के पास तीन दिन से एंबुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन चल रहा है. इस दौरान उनकी समस्या हल नहीं हो सकी. वहीं हड़ताल को लेकर एस्मा लागू होने की नोटिस भी दी गई. मगर कर्मी नहीं माने. ऐसे में जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108-102 एंबुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान, महामंत्री सत्येंद्र, मीडिया प्रभारी शादाब ने सोमवार को चक्का जाम का एलान कर दिया. सुबह से लखनऊ की 108-102 व एएलएस एंबुलेंस सेवा ठप कर दी. कई जिलों से वाहन धरना स्थल पर पहुंच गए. इस दौरान जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व सेवा प्रदाता कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे. मगर कर्मी समस्या हल होने तक हड़ताल पर अड़े हुए हैं. मंगलवार को भी प्रदेश भर में सेवा ठप होने का दावा किया. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक एंबुलेंस कर्मियों से वार्ता की गई. अभी हड़ताल से वापस नहीं आए हैं.
मानदेय बढ़ोतरी की मांग, समायोजन पर सहमति
एएलएस एंबुलेंस सेवा का संचालन पहले जीवीकेईएमआरआई कंपनी करती थी. अब यह जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी के पास है. मीडिया प्रभारी शादाब ने कहा कि एएलएस के सभी कर्मियों का नई कंपनी में समायोजन किया जाए. इस पर सहमति बन गई. मगर 108-102 कर्मियों का मानदेय बढ़ाया जाए. जिसके लिए धरना जारी है.
करते रहे कॉल, नहीं मिला जवाब
राज्य में तीन तरह की एंबुलेंस सेवा संचालित है. इसमें 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2,200 वाहन हैं. जिससे रोजाना औसतन 9,500 मरीज अस्पताल शिफ्ट किए जाते हैं. वहीं गर्भवती, प्रसूता, नवजात को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा है. इसके राज्यभर में 2,270 वाहन संचालित हैं. इस एंबुलेंस से प्रतिदिन औसतन 9,500 मरीज जाते हैं. गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस 75 जनपदों में 250 तैनात की गई हैं. इससे 500 के करीब मरीजों की मदद की जाती रही. इन सभी एंबुलेंस के संचालन की बागडोर निजी कंपनी के पास है. सुबह से मरीज कॉल सेंटर फोन कर रहे हैं. सैकड़ों मरीजों को सुविधा नहीं मिली. ऐसे में परिवारजन निजी एंबुलेंस से मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे.
सीएमओ ने जारी किए एंबुलेंस सेवा के नए नंबर
सीएमओ कार्यालय के प्रवक्ता योगेश कुमार के मुताबिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन कई एंबुलेंस हैं. इनके चालक भी अलग हैं. ऐसे में जनपद में जिसे भी एंबुलेंस मिलने में दिक्कत होगी. उसे सीएमओ फ्लीट से एंबुलेंस का आवंटन किया जाएगा. इसके लिए विजय कुमार (93352 13689) और ऋषि यादव (97982 82727) पर कॉल करें.
13 एंबुलेंसकर्मी बर्खास्त, प्रदर्शनकारियों को दिया अल्टीमेटम
एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ईएमआरआई ने एंबुलेंस यूनियन के 13 पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि जो भी कर्मचारी ड्यूटी जॉइन नहीं करते हैं, उन सभी को बर्खास्त कर दिया जाएगा. उधर, सरकार ने भी इन सभी के खिलाफ एस्मा एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें हनुमान पांडेय, सुशील पांडेय, शरद यादव, सुनील सचान, प्रवीण मिश्रा, सतेन्द्र कुमार, बृजेश कुमार, गिरजेश कुमार, जयशंकर मिश्रा, महेन्द्र सिंह, नीतीश कुमार, रितेश शुक्ला और विनय तिवारी शामिल हैं. वहीं, कर्मी अभी भी हड़ताल पर डटे हुए हैं.
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