लखनऊ: बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और वैश्विक स्तर पर संवाद स्थापित करने के लिए बीते दिनों केजीएमयू से पास आउट हुए एलुमनाई से संवाद स्थापित करने की योजना तैयार की गई थी. इस योजना को जमीन पर उतारते हुए गुरुवार को केजीएमयू में Alufest 2021 का आयोजन किया गया. आयोजन के प्रथम दिन मेडिकल साइंस के छात्रों के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया.
यूके-ऑस्ट्रेलिया से विशेषज्ञों ने की शिरकत
21 जनवरी 2021 से लेकर 30 जनवरी 2021 तक जॉर्जिया एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन के प्रथम दिन मेडिकल साइंस के छात्रों के लिए खास वेबिनार का आयोजन किया गया. यह पहली बार था जब अंतरराष्ट्रीय एलुमनाई द्वारा स्नातक कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए कक्षा का आयोजन किया गया. वेबिनार में यूनाइटेड किंगडम के तीन तथा ऑस्ट्रेलिया के तीन विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया गया. प्रोफेसर पीके शर्मा प्रोफेसर ने बताया कि 3 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम का समापन 23 जनवरी को कल्चरल कार्यक्रम के साथ किया जाएगा.
वर्ष 2050 तक लगभग आधी दुनिया में होगी मायोपिया की समस्या
कार्यक्रम में विदेश के विशेषज्ञों ने बच्चों की मनोवृत्ति में परिवर्तन तथा अंधेपन की रोकथाम के बारे में व्याख्यान दिया. वेबिनार का हस्सा रहीं डॉक्टर इरा पांडे तथा डॉक्टर संजीव अग्रवाल ने बताया कि जोडो की समस्या के समाधान के लिए दबाव व्यायाम एवं रिप्लेसमेंट जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. वेबिनार का हिस्सा रहे डॉ इंद्रजीत सिंह ने बताया कि वर्ष 2050 तक लगभग आधी दुनिया में मायोपिया की समस्या होगी और एशिया के देश से सर्वाधिक प्रभावित होंगे. लगातार कई घंटों तक कंप्यूटर से काम करना इस बीमारी का मुख्य कारण होगा.