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लखनऊः पार्थ आद्यांत अपार्टमेंट के आवंटियों ने राज्य मंत्री के सामने गिनाई समस्याएं - पार्थ आद्यांत अपार्टमेंट आवंटी

राजधानी लखनऊ में शहीद पथ स्थित पार्थ अद्यांत रेवती अपार्टमेंट में आवंटी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. कई समस्याओं को लेकर आवंटियों ने रविवार को राज्यमंत्री स्वाति सिंह को बुलाया और बिल्डर की स्थिति से वाकिफ कराया. वहीं मत्री ने खामियों को देखते हुए बिल्डर को तलब किया है.

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स्वाति सिंह
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Published : Oct 12, 2020, 6:44 AM IST

लखनऊः शहीद पथ स्थित पार्थ आद्यांत रेवती अपार्टमेंट में कई खामियों की शिकायत पर भी बिल्डर ने कोई सुविधा मुहैया नहीं करायी है. 70 से 90 लाख के फ्लैट खरीदने के बाद आवंटी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. बिल्डर की धोखाधड़ी के खिलाफ जंग छेड़ चुके आवंटियों ने रविवार को प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री स्वाति सिंह को बुलाकर अपनी समस्याएं गिनाईं. पार्थ आद्यांत रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन ने बिल्डर की धोखाधड़ी से मंत्री को अवगत कराया. मंत्री ने फोन पर बिल्डर से बात की और मंगलवार को तलब किया है.

गोमतीनगर विस्तार सेक्टर-7 स्थित पार्थ डेवेलपर के प्रोजेक्ट आद्यांत में रहने वाले आवंटियों ने मंत्री को आपबीती सुनाई. आवंटियों ने बताया कि अपार्टमेंट में फायर फाइटिंग सिस्टम खराब है, सड़क भी नहीं बनी. बेसमेंट में जलभराव, बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के कब्जा देने, हर आवंटी से चार लाख रुपये तक अतिरिक्त वसूली, पार्किंग में स्टोर बनाने और पार्कों का सुंदरीकरण न करवाए जाने की शिकायत की.

आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष माधवेंद्र पोरवाल ने बताया कि रेरा, एलडीए, फायर फाइटिंग डिपार्टमेंट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और लखनऊ विकास प्राधिकरण से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नोटिस देने के बाद कुछ नहीं हुआ. एलडीए के प्रवर्तन दस्ते के तत्कालीन एक्सईएन केके बंसल की तरफ से डेवेलपर पार्थ इंफ्राबिल्ड को सभी कमियां जल्द से जल्द दूर करवाने के लिए नोटिस जारी किया था, बाद में उनका दूसरे जोन में ट्रांसफर कर दिया गया.

खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे आवंटी
अश्लेशा अपार्टमेंट के टावर-सी निवासी वीसी अग्रवाल ने बताया कि दर्जनों आवंटी ऐसे हैं, जिन्होंने बेहतर जीवन शैली की आस में यहां फ्लैट बुक करवाया, लेकिन अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. आवंटियों के मुताबिक, डेवलपर ने इस प्रोजेक्ट में स्विमिंग पुल, कम्युनिटी सेंटर, हरा-भरा पार्क, एम्फी थिएटर, कवर्ड पार्किंग और क्लब जैसी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन उन्हें आज तक पूरा नहीं किया.

वहीं, शिकायत करने पर न तो डेवेलपर सुनता है और न ही एलडीए के अधिकारी. आरोप है कि अभी तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बना. गंदे पानी को खुले में बहाया जा रहा है. वहीं निर्माणाधीन प्लांट की क्षमता पर भी सवाल खड़े किए गए हैं. आवंटी शिव शर्मा ने बताया कि उन्होंने रेरा में शिकायत की है, 20 महीने हो चुके हैं. नोटिस जारी होने के बाद भी डेवेलपर ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

लखनऊः शहीद पथ स्थित पार्थ आद्यांत रेवती अपार्टमेंट में कई खामियों की शिकायत पर भी बिल्डर ने कोई सुविधा मुहैया नहीं करायी है. 70 से 90 लाख के फ्लैट खरीदने के बाद आवंटी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. बिल्डर की धोखाधड़ी के खिलाफ जंग छेड़ चुके आवंटियों ने रविवार को प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री स्वाति सिंह को बुलाकर अपनी समस्याएं गिनाईं. पार्थ आद्यांत रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन ने बिल्डर की धोखाधड़ी से मंत्री को अवगत कराया. मंत्री ने फोन पर बिल्डर से बात की और मंगलवार को तलब किया है.

गोमतीनगर विस्तार सेक्टर-7 स्थित पार्थ डेवेलपर के प्रोजेक्ट आद्यांत में रहने वाले आवंटियों ने मंत्री को आपबीती सुनाई. आवंटियों ने बताया कि अपार्टमेंट में फायर फाइटिंग सिस्टम खराब है, सड़क भी नहीं बनी. बेसमेंट में जलभराव, बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के कब्जा देने, हर आवंटी से चार लाख रुपये तक अतिरिक्त वसूली, पार्किंग में स्टोर बनाने और पार्कों का सुंदरीकरण न करवाए जाने की शिकायत की.

आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष माधवेंद्र पोरवाल ने बताया कि रेरा, एलडीए, फायर फाइटिंग डिपार्टमेंट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और लखनऊ विकास प्राधिकरण से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नोटिस देने के बाद कुछ नहीं हुआ. एलडीए के प्रवर्तन दस्ते के तत्कालीन एक्सईएन केके बंसल की तरफ से डेवेलपर पार्थ इंफ्राबिल्ड को सभी कमियां जल्द से जल्द दूर करवाने के लिए नोटिस जारी किया था, बाद में उनका दूसरे जोन में ट्रांसफर कर दिया गया.

खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे आवंटी
अश्लेशा अपार्टमेंट के टावर-सी निवासी वीसी अग्रवाल ने बताया कि दर्जनों आवंटी ऐसे हैं, जिन्होंने बेहतर जीवन शैली की आस में यहां फ्लैट बुक करवाया, लेकिन अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. आवंटियों के मुताबिक, डेवलपर ने इस प्रोजेक्ट में स्विमिंग पुल, कम्युनिटी सेंटर, हरा-भरा पार्क, एम्फी थिएटर, कवर्ड पार्किंग और क्लब जैसी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन उन्हें आज तक पूरा नहीं किया.

वहीं, शिकायत करने पर न तो डेवेलपर सुनता है और न ही एलडीए के अधिकारी. आरोप है कि अभी तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बना. गंदे पानी को खुले में बहाया जा रहा है. वहीं निर्माणाधीन प्लांट की क्षमता पर भी सवाल खड़े किए गए हैं. आवंटी शिव शर्मा ने बताया कि उन्होंने रेरा में शिकायत की है, 20 महीने हो चुके हैं. नोटिस जारी होने के बाद भी डेवेलपर ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

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