लखनऊ: बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की जगह इस बार उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी चुनावी मैदान में हैं। मऊ सदर विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रहे मुख्तार ने इस बार चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। उनके बेटे को इस सीट से ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। अब्बास अंसारी अपने नामांकन पत्र को लेकर विवादों में है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नामांकन करते हुए जो हलफनामा दिया है उसमें झूठी जानकारी दी है।
अब्बास अंसारी ने हलफनामा में जानकारी दी है कि महानगर में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में उनका असलहा लाइसेंस जो दिल्ली से जारी हुआ हुआ था, उसे क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर निरस्त कर दिया गया और आर्म्स व एम्युनिशन को जब्त कर लिया गया है। अब्बास ने हलफनामा में दिल्ली से जारी लाइसेंस को यूपी पुलिस द्वारा रद्द करने का आरोप लगाया है।
अब्बास पर आरोप है कि उन्होंने ये जानकारी गलत दी है। दरअसल, अब्बास ने जिस लाइसेंस की बात कही है वह दिल्ली से जारी हुआ था। नेशनल लेवल के शूटर अब्बास अंसारी ने एक लाइसेंस पर 7 असलहे खरीदे थे। इस मामले में यूपी एसटीएफ ने महानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के दौरान अब्बास के सातों असलहे जमा करा लिए गए थे। इसके बाद उन्होंने नियमों के विरुद्ध जाकर आठवां असलहा खरीद लिया था। इस पर दिल्ली पुलिस ने अब्बास का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
अब माना जा रहा है कि हलफनामे में झूठी जानकारी देने पर अब्बास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि अब्बास अंसारी के खिलाफ महानगर थाने में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे की जांच एसटीएफ कर रही है।
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप