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मऊ से प्रत्याशी अब्बास अंसारी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, हलफनामे में झूठी जानकारी देने का आरोप

UP Assembly Election 2022: बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर उनके पिता मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक रह चुके हैं. ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने अब्बास अंसारी को टिकट दिया है. अब्बास नामांकन पत्र में दी जानकारी को लेकर विवादों में हैं।

मऊ से प्रत्याशी अब्बास अंसारी
मऊ से प्रत्याशी अब्बास अंसारी
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Published : Feb 18, 2022, 3:50 PM IST

लखनऊ: बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की जगह इस बार उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी चुनावी मैदान में हैं। मऊ सदर विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रहे मुख्तार ने इस बार चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। उनके बेटे को इस सीट से ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। अब्बास अंसारी अपने नामांकन पत्र को लेकर विवादों में है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नामांकन करते हुए जो हलफनामा दिया है उसमें झूठी जानकारी दी है।

अब्बास अंसारी ने हलफनामा में जानकारी दी है कि महानगर में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में उनका असलहा लाइसेंस जो दिल्ली से जारी हुआ हुआ था, उसे क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर निरस्त कर दिया गया और आर्म्स व एम्युनिशन को जब्त कर लिया गया है। अब्बास ने हलफनामा में दिल्ली से जारी लाइसेंस को यूपी पुलिस द्वारा रद्द करने का आरोप लगाया है।

अब्बास पर आरोप है कि उन्होंने ये जानकारी गलत दी है। दरअसल, अब्बास ने जिस लाइसेंस की बात कही है वह दिल्ली से जारी हुआ था। नेशनल लेवल के शूटर अब्बास अंसारी ने एक लाइसेंस पर 7 असलहे खरीदे थे। इस मामले में यूपी एसटीएफ ने महानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के दौरान अब्बास के सातों असलहे जमा करा लिए गए थे। इसके बाद उन्होंने नियमों के विरुद्ध जाकर आठवां असलहा खरीद लिया था। इस पर दिल्ली पुलिस ने अब्बास का लाइसेंस रद्द कर दिया था।

यह भी पढ़ें- वाराणसी की सड़कों पर लगे तेलंगाना के सीएम KCR के पोस्टर, यूपी चुनाव के बीच शुरू हुई नई सियासत


अब माना जा रहा है कि हलफनामे में झूठी जानकारी देने पर अब्बास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि अब्बास अंसारी के खिलाफ महानगर थाने में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे की जांच एसटीएफ कर रही है।

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लखनऊ: बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की जगह इस बार उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी चुनावी मैदान में हैं। मऊ सदर विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रहे मुख्तार ने इस बार चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। उनके बेटे को इस सीट से ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। अब्बास अंसारी अपने नामांकन पत्र को लेकर विवादों में है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नामांकन करते हुए जो हलफनामा दिया है उसमें झूठी जानकारी दी है।

अब्बास अंसारी ने हलफनामा में जानकारी दी है कि महानगर में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में उनका असलहा लाइसेंस जो दिल्ली से जारी हुआ हुआ था, उसे क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर निरस्त कर दिया गया और आर्म्स व एम्युनिशन को जब्त कर लिया गया है। अब्बास ने हलफनामा में दिल्ली से जारी लाइसेंस को यूपी पुलिस द्वारा रद्द करने का आरोप लगाया है।

अब्बास पर आरोप है कि उन्होंने ये जानकारी गलत दी है। दरअसल, अब्बास ने जिस लाइसेंस की बात कही है वह दिल्ली से जारी हुआ था। नेशनल लेवल के शूटर अब्बास अंसारी ने एक लाइसेंस पर 7 असलहे खरीदे थे। इस मामले में यूपी एसटीएफ ने महानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के दौरान अब्बास के सातों असलहे जमा करा लिए गए थे। इसके बाद उन्होंने नियमों के विरुद्ध जाकर आठवां असलहा खरीद लिया था। इस पर दिल्ली पुलिस ने अब्बास का लाइसेंस रद्द कर दिया था।

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अब माना जा रहा है कि हलफनामे में झूठी जानकारी देने पर अब्बास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि अब्बास अंसारी के खिलाफ महानगर थाने में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे की जांच एसटीएफ कर रही है।

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