लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों को सिम्बल आवंटित करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. न्यायालय ने आयोग को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. साथ ही उन्होंने इसके अगले एक सप्ताह में याची को प्रत्युत्तर दाखिल करने को कहा है.
हाईकोर्ट ने दिया आदेश
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने श्रद्धा त्रिपाठी की जनहित याचिका पर दिया. इस याचिका में कहा गया है कि द कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स के कुछ प्रावधान किसी राजनीतिक दल को सिम्बल आवंटित करने का अधिकार चुनाव आयोग को नहीं देते, बल्कि सिम्बल सिर्फ उम्मीदवार को दिया जा सकता है जबकि इलेक्शन सिम्बल (आरक्षण व आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 10, 10ए, 10बी, 11 और 17 के तहत राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सिम्बल का आवंटन किया जाता है.
याची का कहना है कि यह आदेश 1968 के प्रावधान कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स के प्रावधानों के विरोधाभाषी है. इसी आधार पर प्रावधानों को चुनौती दी गई है. वहीं चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने याचिका का विरोध किया. उनका कहना था कि इसी विषय पर याची की ओर से पूर्व में दाखिल याचिका को खारिज किया जा चुका है. हालांकि उन्होंने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय की मांग की. जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए उन्हें तीन सप्ताह का समय दिया है. अगली सुनवाई पर न्यायालय याचिका की पोषणीयता के बिन्दु पर भी सुनवाई करेगी.