लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुकरैल नदी पर कथित अवैध कब्जा कर बसे अकबर नगर के ध्वस्तीकरण पर 20 दिसम्बर तक के लिए रोक लगा दी है. इसके साथ ही न्यायालय ने चेयरमैन, एलडीए को आदेश दिया है कि वह पहले से नियत तिथि 14 दिसम्बर को याचियों की ओर से दाखिल अपीलों के साथ स्थगन व विलम्ब माफी प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई कर, उन्हें निर्णित करें.
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि चेयरमैन द्वारा यदि याचियों के विरुद्ध आदेश पारित किया जाता है तो भी 20 दिसम्बर तक याचियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न की जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने हमीदुल बारी, सुहेल हैदर अल्वी, शकील अहमद, विष्णु स्वरूप चौरसिया, अनवर अली व मो. सैफ खान की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है.
याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर ने दलील दी कि याचियों ने ध्वस्तीकरण के विरुद्ध अपीलीय प्राधिकारी/चेयरमैन के समक्ष अपील की है जो 14 दिसम्बर को सुनवाई के लिए नियत है. कहा गया कि उक्त अपीलों के साथ स्थगन प्रार्थना पत्र भी दाखिल किए गए हैं, परंतु उक्त प्रार्थना पत्रों के विचाराधीन रहते, ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है.
इस पर न्यायालय ने चेयरमैन को आदेश दिया कि वह 14 दिसम्बर को सुबह 11 बजे याचियों की अपीलों पर सुनवाई करें. न्यायालय ने कहा कि याचियों व एलडीए समेत सभी पक्षकारों को सुनवाई का मौका दिए जाने के पश्चात याचियों के अपीलों के साथ दाखिल स्थगन व विलम्ब प्रार्थना पत्रों को निर्णित किया जाए तथा अगले दिन 15 दिसम्बर की शाम तक आदेश की प्रतियां याचियों को उपलब्ध करा दी जाए. न्यायालय ने आगे कहा कि याचियों के विरुद्ध आदेश आने पर 20 दिसम्बर तक कोई कार्रवाई न की जाए ताकि वे उक्त आदेश को सक्षम न्यायालय के समक्ष चुनौती दे सकें.