ETV Bharat / state

बैंकों के विलय के विरोध में इलाहाबाद बैक के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय करने के केंद्र सरकार के फैसले का काफी विरोध हो रहा है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बैंकों के विलय के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद बैंक के कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ जमकर नारे लगाए.

इलाहाबाद बैंक के विलय के विरोध में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.
author img

By

Published : Sep 8, 2019, 4:33 AM IST

लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का देश के 10 बैंकों का चार बैंकों में विलय करने के फैसले के खिलाफ बैंक कर्मचारी विरोध पर उतर आए हैं. उन्होंने सरकार के इस फैसले को बड़े उद्योगपतियों के हित में उठाया गया कदम बताया है.

बता दें कि इलाहाबाद बैंक की 155 साल पहले स्थापना हुई थी. वर्तमान में इसमें 23 हजार 210 कर्मचारी देश की 3 हजार 229 शाखाओं में कार्यरत हैं. वहीं इंडियन बैंक में 19 हजार 604 कर्मचारी कार्यरत हैं और उसकी 2875 ब्रांच हैं.

बुलंदशहर में केंद्र सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का दिखा आक्रोश

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर इलाहाबाद बैंक के सभी ब्रांच के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अंसारी रोड स्थित मुख्य ब्रांच पर शनिवार देर शाम धरना प्रदर्शन किया. गुस्साए बैंक कर्मियों का आरोप था कि सरकार इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय करना चाहती है, जो कि किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है. इलाहाबाद बैंक के मुख्य ब्रांच के मैनेजर समेत सभी ब्रांच के मैनेजर और अन्य कर्मचारी भी इस दौरान मौजूद थे.

बुलंदशहर में बैंक कर्मचारियों ने विलय के फैसले का किया विरोध.

इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए यह करना चाहती है. इस विलय से सिर्फ और सिर्फ कॉरपोरेटर को बेनिफिट होगा. कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद बैंक देश का सबसे पुराना बैंक है, साथ ही इसकी ब्रांच भी इंडियन बैंक से ज्यादा हैं. हालांकि पूरे दिन उन्होंने अपनी जिले की सभी 14 शाखाओं में ब्रांच पर काम किया और किसी भी तरह की दिक्कत किसी कस्टमर को नहीं आने दी.

इसे भी पढ़ें: जब जातिवाद मिटाने घरों से निकल सड़कों पर आए बप्पा

कर्मचारियों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार ने इस तरफ जल्द से जल्द ध्यान नहीं दिया तो वे हड़ताल पर भी जा सकते हैं.

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में लगे वित्त मंत्री के खिलाफ नारे.

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में लगे वित्त मंत्री के खिलाफ नारे
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ शनिवार को बैंक कर्मचारी सड़क पर उतर आए. नदेसर स्थित रीजनल इलाहाबाद बैंक के कार्यालय के बाहर बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इलाहाबाद बैंक स्टाफ एसोसिएशन यूपी के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में बैंक कर्मचारी और अधिकारियों ने हाथों में पोस्टर लेकर केंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध किया. वहीं पीएम मोदी सहित केंद्रीय वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए.

इसे भी पढ़ें: कुत्तों के झुंड ने बच्चे को उतारा मौत के घाट

देश के प्रथम प्रधानमंत्री की यादें जुड़ी थी इलाहाबाद बैंक से

इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों ने प्रयागराज के मंडली शाखा में इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. बैंक कर्मचारियों ने कहा कि बैंक के विलय होने से मिडिल क्लास का आदमी काफी दिक्कतों में आ जाएगा. इससे किसान और अन्य छोटे रोजगार से जुड़े लोग भी प्रभावित होंगे. उनका कहना है कि किसान, मजदूर और मिडिल क्लास का आदमी इलाहाबाद बैंक से ही अपना लेन देन या व्यापार सही तरीके से कर रहा है इतना ही नहीं देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु भी इसी मंडली शाखा में अपना पहले खाता की शुरुआत की थी.

प्रयागराज में बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को तो पुरानी और ऐतिहासिक चीजों को सजा के रखना चाहिए, लेकिन इस विलय से पूरे देश में इलाहाबाद बैंक का नाम मिट जाएगा. बड़े बैंकों से केवल बड़े पूंजीपतियों को ही फायदा होगा. इलाहाबाद बैंक का नाम इलाहाबाद बैंक ही रहने दिया जाए.

लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का देश के 10 बैंकों का चार बैंकों में विलय करने के फैसले के खिलाफ बैंक कर्मचारी विरोध पर उतर आए हैं. उन्होंने सरकार के इस फैसले को बड़े उद्योगपतियों के हित में उठाया गया कदम बताया है.

बता दें कि इलाहाबाद बैंक की 155 साल पहले स्थापना हुई थी. वर्तमान में इसमें 23 हजार 210 कर्मचारी देश की 3 हजार 229 शाखाओं में कार्यरत हैं. वहीं इंडियन बैंक में 19 हजार 604 कर्मचारी कार्यरत हैं और उसकी 2875 ब्रांच हैं.

बुलंदशहर में केंद्र सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का दिखा आक्रोश

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर इलाहाबाद बैंक के सभी ब्रांच के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अंसारी रोड स्थित मुख्य ब्रांच पर शनिवार देर शाम धरना प्रदर्शन किया. गुस्साए बैंक कर्मियों का आरोप था कि सरकार इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय करना चाहती है, जो कि किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है. इलाहाबाद बैंक के मुख्य ब्रांच के मैनेजर समेत सभी ब्रांच के मैनेजर और अन्य कर्मचारी भी इस दौरान मौजूद थे.

बुलंदशहर में बैंक कर्मचारियों ने विलय के फैसले का किया विरोध.

इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए यह करना चाहती है. इस विलय से सिर्फ और सिर्फ कॉरपोरेटर को बेनिफिट होगा. कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद बैंक देश का सबसे पुराना बैंक है, साथ ही इसकी ब्रांच भी इंडियन बैंक से ज्यादा हैं. हालांकि पूरे दिन उन्होंने अपनी जिले की सभी 14 शाखाओं में ब्रांच पर काम किया और किसी भी तरह की दिक्कत किसी कस्टमर को नहीं आने दी.

इसे भी पढ़ें: जब जातिवाद मिटाने घरों से निकल सड़कों पर आए बप्पा

कर्मचारियों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार ने इस तरफ जल्द से जल्द ध्यान नहीं दिया तो वे हड़ताल पर भी जा सकते हैं.

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में लगे वित्त मंत्री के खिलाफ नारे.

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में लगे वित्त मंत्री के खिलाफ नारे
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ शनिवार को बैंक कर्मचारी सड़क पर उतर आए. नदेसर स्थित रीजनल इलाहाबाद बैंक के कार्यालय के बाहर बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इलाहाबाद बैंक स्टाफ एसोसिएशन यूपी के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में बैंक कर्मचारी और अधिकारियों ने हाथों में पोस्टर लेकर केंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध किया. वहीं पीएम मोदी सहित केंद्रीय वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए.

इसे भी पढ़ें: कुत्तों के झुंड ने बच्चे को उतारा मौत के घाट

देश के प्रथम प्रधानमंत्री की यादें जुड़ी थी इलाहाबाद बैंक से

इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों ने प्रयागराज के मंडली शाखा में इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. बैंक कर्मचारियों ने कहा कि बैंक के विलय होने से मिडिल क्लास का आदमी काफी दिक्कतों में आ जाएगा. इससे किसान और अन्य छोटे रोजगार से जुड़े लोग भी प्रभावित होंगे. उनका कहना है कि किसान, मजदूर और मिडिल क्लास का आदमी इलाहाबाद बैंक से ही अपना लेन देन या व्यापार सही तरीके से कर रहा है इतना ही नहीं देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु भी इसी मंडली शाखा में अपना पहले खाता की शुरुआत की थी.

प्रयागराज में बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को तो पुरानी और ऐतिहासिक चीजों को सजा के रखना चाहिए, लेकिन इस विलय से पूरे देश में इलाहाबाद बैंक का नाम मिट जाएगा. बड़े बैंकों से केवल बड़े पूंजीपतियों को ही फायदा होगा. इलाहाबाद बैंक का नाम इलाहाबाद बैंक ही रहने दिया जाए.

Intro:यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर इलाहाबाद बैंक के बुलंदशहर जिले की सभी ब्रांच के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय की मुख्य ब्रांच पर शाम को विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना दिया,गुस्साए बैंक कर्मचारियों की मांग थी कि सरकार जो इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय करना चाहती है जो कि गलत है,इस मौके पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।


Body:यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर इलाहाबाद बैंक के जिले भर के सभी ब्रांच के अधिकारी कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए बुलंदशहर के अंसारी रोड स्थित मुख्य ब्रांच पर देर शाम धरना प्रदर्शन किया ,गुस्साए सभी बैंक कर्मियों का आरोप था कि सरकार इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय करना चाहती है ,जो कि किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है, इलाहाबाद बैंक के मुख्य ब्रांच के मैनेजर समेत सभी ब्रांच के मैनेजर और अन्य कर्मचारी भी इस दौरान मौजूद थे। इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए यह करना चाहती है, वहीं बैंक कर्मचारियों ने सरकार से सवाल भी पूछा, बैंक कर्मियों की मांग की थी सरकार यह बताए कि इससे सरकार का क्या फायदा है, वहीं बैंक कर्मियों ने आरोप लगाया कि इस विलय से सिर्फ और सिर्फ कॉरपोरेटर को बेनिफिट होगा ।
हम आपको बता दें कि देश के सबसे पुराने बैंक की कुल 1हजार आठ सौ 65 ब्रांच हैं , 155 साल पहले इलाहाबाद बैंक की सबसे पहले स्थापना देश में हुई थी, तो वहीं वर्तमान में 23210 कर्मचारी देश की तमाम 3229 इलाहाबाद बैंक की शाखाओं में कार्यरत हैं, जबकि इंडियन बैंक में 19604 कर्मचारी कार्यरत हैं और उसकी 2875 ब्रांच हैं, इस मौके पर अपने गुस्से का इजहार करते हुए इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की । बैंक कर्मियों ने आरोप लगाया कि विलय हमेशा बड़ी शाखा में होता देखा गया है ,लेकिन यहां सरकार उल्टा कर रही है ,उन्होंने आरोप लगाया कि इलाहाबाद बैंक देश का सबसे पुराना बैंक है, साथ ही इसकी ब्रांच भी इंडियन बैंक से ज्यादा हैं, इस मौके पर गुस्साए बैंक कर्मियों ने जमकर नारेबाजी की । हालांकि पूरे दिन उन्होंने अपनी जिले की सभी 14 शाखाओं में ब्रांच पर काम किया और किसी भी तरह की दिक्कत किसी कस्टमर को नहीं आने दी,और दिन ढले सभी कर्मचारियों जिले की मेन ब्रांच पर पहुच कर अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार ने इस तरफ जल्द से जल्द ध्यान नहीं दिया तो बैंककर्मी हड़ताल पर भी जा सकते हैं और आगे जो भी इसमें फोरम तय करेगा उनके आह्वान पर वो अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

बाइट.....अतुल गोयल,मुख्य प्रबंधक,मुख्य शाखा इलाहाबाद बैंक,बुलन्दशहर,
सतीश कुमार,ब्रांच मैनेजर ,इलाहाबाद बैंक,गुलावठी शाखा।


Conclusion:श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर।
9213400888.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.