लखनऊ: देश भर में अब कोरोना कहर कम होता नजर आ रहा है. ऐसे में अब लॉकडाउन खोल दिया गया है. लॉकडाउन खुलने के बाद 16 जून से देश के 3693 स्मारक को खोलने का फैसला लिया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से सोमवार दोपहर आगरा में ताजमहल, लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल भुलैया जैसे देशभर के संरक्षित स्मारकों खोलने की अधिसूचना जारी की है. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पर्यटक फिर से इन ऐतिहासिक इमारतों का दीदार कर सकेंगें.
बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर बढ़ने की वजह से 15 अप्रैल से देश के सभी भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षित स्मारकों में पर्यटकों की आवाजाही को पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया था. जिसे बाद में 15 मई तक बढ़ा दिया गया था.
कोरोना नियमों का करना होगा पालन
भारतीय पुरातत्व विभाग के निदेशक मॉन्यूमेंट एनके पाठक की तरफ से यह आदेश दिया है. इस संबंध में आगरा से एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि ताजमहल और अन्य स्मारक खोलने के लिए जिला प्रशासन के साथ बैठक करके कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाई जाएगी. जिससे यहां कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके . ताजमहल और अन्य स्मारकों में सेनिटाइजेशन, मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जाएगा. इन स्मारकों के खुलने से जहां पर्यटकों की आवाजाही हो सकेगी. तो वहीं दूसरी तरफ होटल रेस्टोरेंट और स्मारक के आसपास बड़ी संख्या में लोगों की रोजी-रोटी फिर से शुरू हो जाएगी.
पहले भी 188 दिन बंद रहा था ताज
पिछले साल 2020 में जब कोरोना संक्रमण बढ़ा था, इस दौरान 17 मार्च को अचानक एएसआई के संरक्षित देश भर के सभी स्मारकों को बंद कर दिया गया था. जिसमें ताजमहल, आगरा किला भी शामिल था. जुलाई में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने पर धीरे-धीरे एएसआई की ओर से स्मारकों को पर्यटकों के लिए 'अनलॉक' किया गया. मगर, ताजमहल और आगरा किले को कैपिंग सिस्टम, कोरोना प्रोटोकॉल और एसओपी के साथ 21 सितंबर 2020 को 188 दिन बाद 'अनलॉक' किया गया. एसओपी के तहत पर्यटकों को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया, ऑनलाइन टिकटिंग की व्यवस्था की गई थी.