लखनऊ: सात चरणों में निर्धारित यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के समापन के बाद 10 मार्च को परिणाम आने हैं. लेकिन इस चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि अबकी सत्ता की चाभी पाने को सियासी पार्टियों ने एक बार फिर दागियों पर भरोसा जताया और उन्हें टिकट देकर बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार कुल 4,442 प्रत्याशी मैदान में थे. एडीआर ने इनमें से 4,406 प्रत्याशियों के चुनावी हलफनामे पर रिपोर्ट तैयार की, जिनमें अन्य 36 के हलफनामे स्पष्ट न होने की वजह से उनका अध्ययन नहीं किया जा सका.
दागियों को टिकट...
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि अबकी यूपी विधानसभा चुनाव में 69 ऐसे उम्मीदवार मैदान में थे, जिनपर महिलाओं से जुड़े अपराध में संलिप्त होने का आरोप है तो 10 पर दुष्कर्म का आरोप और 159 प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का आरोप है. वहीं, 37 पर हत्या का मुकदमा भी चल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक 65% दागी सपा से थे तो दूसरे स्थान पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और रालोद रहा. इन दोनों ही पार्टियों के 58% प्रत्याशियों के खिलाफ कई मामले होने की जानकारी उनके दाखिल हलफनामे से मिली.
ऐसे में इन तीनों पार्टियां इस बार मिलकर चुनाव लड़ी हैं. इधर, सूबे की सत्ताधारी भाजपा की बात करें तो भाजपा ने अबकी 45% तो प्रदेश में अपनी खाई जमीन पाने को संघर्ष कर रही कांग्रेस ने 40% दागियों पर भरोसा जताया. वहीं, बसपा के 38% और अपना दल (सोनेलाल) के 35% प्रत्याशी आपराधिक छवि वाले हैं. वहीं, आप के 18% उम्मीदवारों पर भी अलग-अलग धाराओं में मुकदमे दर्ज होने की जानकारी रही.
पहले चरण में दागी प्रत्याशी
यूपी की 58 सीटों पर हुए पहले चरण के चुनाव में 623 उम्मीदवार मैदान थे. इनमें से 615 के हलफनामों की एडीआर ने पड़ताल की थी. जिसमें 25% यानी 156 पर आपराधिक मामले सामने आए. वहीं, 121 ऐसे थे जिन पर गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं.
दूसरे चरण में दागी प्रत्याशी
दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों पर वोटिंग हुई थी. एडीआर के मुताबिक दूसरे चरण के 586 उम्मीदवारों में से 584 के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया था. जिसमें से 584 में से 147 (25%) प्रत्याशियों ने खुद के ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए तो वहीं गंभीर आपराधिक मामलों वाले 113 प्रत्याशी (19%) रहे.
तीसरे चरण में दागी प्रत्याशी
बात अगर तीसरे चरण की करें तो इस चरण में 623 प्रत्याशी मैदान में थे. एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया कि उनके एकत्र किए गए आंकड़े से ज्ञात होता है कि किसी भी सियासी पार्टी ने अपनी चुनाव प्रणाली में सुधार करने की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस चरण के चुनाव लड़ने वाले 623 प्रत्याशियों में से 103 (17%) पर दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी रही.
चौथे चरण में दागी प्रत्याशी
चौथे चरण में सियासी दलों ने सबसे अधिक दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया था. इस चरण के 27 उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे रहे. वहीं, 21% पर गंभीर अपराधों के आरोप की जानकारी रही. मसलन सपा और भाजपा के दो-दो उम्मीदवार ऐसे रहे, जिन पर हत्या के मुकदमे दर्ज होने की जानकारी रही तो बसपा ने भी एक हत्यारोपित को प्रत्याशी बनाया था.
पांचवे चरण में दागी प्रत्याशी
पांचवे चरण में सपा के सबसे अधिक आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार मैदान में थे तो भाजपा और कांग्रेस भी आपराधिक उम्मीदवारों की सूची में पीछे नहीं थे. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से जारी किए गए विश्लेषण के आंकड़ों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के 59 उम्मीदवारों में से लगभग 42 का आपराधिक रिकॉर्ड मिला तो भाजपा की ओर से मैदान में उतारे गए 52 में से 25 उम्मीदवार और बसपा के 23 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले होने की बात कही गई. इसके इतर इस सूची में कांग्रेस के 23 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले सामने आए. साथ ही इस चरण में आप की ओर से चुनाव मैदान में उतारे गए 52 उम्मीदवारों में से 10 का आपराधिक इतिहास होने की बात कही गई.
छठे चरण में दागी प्रत्याशी
एडीआर के मुताबिक यूपी विधानसभा चुनाव के छठे चरण में 182 उम्मीदवार मैदान में थे. जिनमें 27% उम्मीदवारों ने खुद के ऊपर आपराधिक मामले होने का हलफनामा दाखिल किया. इस चरण में 182 उम्मीदवारों में से 123 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलें दर्ज होने की बात गई. जिनमें अधिकतम 5 साल की सजा और गैर जमानती अपराध में शामिल रहे.
सातवें चरण में दागी प्रत्याशी
सातवें व आखिरी चरण की बात करें तो इस चरण के कुल 607 उम्मीदवारों में 28% यानी 170 प्रत्याशियों पर अपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही गई. साथ ही 131 प्रत्याशियों पर हत्या, लूट, बलवा, डकैती जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने की जानकारी सामने आई. अगर दलगत सूची को देखे तो पाएंगे कि समाजवादी पार्टी के 26, भाजपा के 26, बसपा के 20 और कांग्रेस के 20 प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की बात सामने आई.
रालोद ने सबसे अधिक करोड़पतियों को दिए टिकट
राष्ट्रीय लोक दल यानी रालोद अबकी करोड़पतियों को टिकट देने के मामले में सबसे आगे रही. रालोद के 94% प्रत्याशी करोड़पति थे. वहीं, भाजपा के 90% और सपा के 87% प्रत्याशी करोड़पति थे. करोड़पतियों को टिकट देने में बहुजन समाज पार्टी, अपना दल (एस), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और कांग्रेस भी पीछे नहीं रही थे. बसपा के 79%, अपना दल सोनेलाल के 71%, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 68% और कांग्रेस के 50% उम्मीदवार करोड़पति थे.
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