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बीटेक कंप्यूटर साइंस की हिंदी में पढ़ाईः 21 कॉलेजों में से सिर्फ 3 ने दिखाई रुचि

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Published : Dec 4, 2021, 11:05 AM IST

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने सत्र 2022 में पहली बार बीटेक कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई हिंदी में कराने की व्यवस्था की. 21 कॉलेजों में से सिर्फ 3 ने बीटेक कंप्यूटर साइंस को हिंदी में पढ़ने में दिखाई रुचि. इंजीनियरिंग में दाखिला लेने वाले यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ती है भाषा संबंधित मुश्किलें.

बीटेक कंप्यूटर साइंस की हिंदी में पढ़ाई
बीटेक कंप्यूटर साइंस की हिंदी में पढ़ाई

लखनऊः डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने सत्र 2022 में पहली बार बीटेक कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई हिंदी में कराने की व्यवस्था की है. वहीं उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग के छात्र बीटेक की पढ़ाई हिंदी में करने के लिए तैयार नहीं है. पूरे प्रदेश में सिर्फ तीन कॉलेजों ने यह पाठ्यक्रम हिंदी में पढ़ने में रुचि दिखाई है. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के प्रावधानों के तहत ऑल इंडिया टेक्निकल एजुकेशन काउंसिल ( AICTE) ने तकनीकी शिक्षा को राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने की व्यवस्था शुरू की है. इसी के तहत यूपी के 21 कॉलेजों ने इस पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय से अनुमति ली. जिन पर सिर्फ 3 कॉलेजों ने रूचि दिखाई है.

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, प्रनवीर सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर, नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ग्रेटर नोएडा और जीएल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में यह दाखिले हुए हैं.

यह भी पढ़ें- AKTU : बीटेक, एमबीए के छात्रों के लिए रोजगार का मौका, जानिए कब और कैसे कर सकते हैं आवेदन


नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत एकेटीयू की तरफ से लगातार बदलाव किए जा रहे हैं. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में यूपी बोर्ड के हिंदी माध्यम से आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है. आमतौर पर देखने को मिला है कि इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले यूपी बोर्ड के हिंदी माध्यम से आने वाले छात्र-छात्राओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इंजीनियरिंग का पहला साल तो सिर्फ भाषा को ही समझने में निकल जाता है.

एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनीत कंसल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र आमतौर पर भाषा के कारण नुकसान उठाते रहे. तकनीकी रूप से दक्ष होने के बावजूद भी उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है. इंजीनियर जैसे विषय की पढ़ाई जब अपनी भाषा में हो तो उसे समझना काफी आसान हो जाता है.

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लखनऊः डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने सत्र 2022 में पहली बार बीटेक कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई हिंदी में कराने की व्यवस्था की है. वहीं उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग के छात्र बीटेक की पढ़ाई हिंदी में करने के लिए तैयार नहीं है. पूरे प्रदेश में सिर्फ तीन कॉलेजों ने यह पाठ्यक्रम हिंदी में पढ़ने में रुचि दिखाई है. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के प्रावधानों के तहत ऑल इंडिया टेक्निकल एजुकेशन काउंसिल ( AICTE) ने तकनीकी शिक्षा को राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने की व्यवस्था शुरू की है. इसी के तहत यूपी के 21 कॉलेजों ने इस पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय से अनुमति ली. जिन पर सिर्फ 3 कॉलेजों ने रूचि दिखाई है.

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, प्रनवीर सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर, नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ग्रेटर नोएडा और जीएल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में यह दाखिले हुए हैं.

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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत एकेटीयू की तरफ से लगातार बदलाव किए जा रहे हैं. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में यूपी बोर्ड के हिंदी माध्यम से आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है. आमतौर पर देखने को मिला है कि इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले यूपी बोर्ड के हिंदी माध्यम से आने वाले छात्र-छात्राओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इंजीनियरिंग का पहला साल तो सिर्फ भाषा को ही समझने में निकल जाता है.

एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनीत कंसल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र आमतौर पर भाषा के कारण नुकसान उठाते रहे. तकनीकी रूप से दक्ष होने के बावजूद भी उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है. इंजीनियर जैसे विषय की पढ़ाई जब अपनी भाषा में हो तो उसे समझना काफी आसान हो जाता है.

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