लखनऊ : साइबर अपराधों और ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामले को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग अपने ट्रेंनिंग माड्यूल में ऑनलाइन अपराधों को रोकने के लिए इंस्पेक्टर लेवल पर भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों को साइबर की दुनिया से जुड़े अपराधों की ट्रेनिंग कराएगा. डायरेक्टर जनरल उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के साथ मिलकर साइबर दुनिया से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए भर्ती प्रक्रिया में साइबर ट्रेनिंग को भी शामिल करने जा रहा है. इसके लिए दोनों संस्थाओं के बीच में जल्द ही मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 13 जिलों में पुलिस विभाग के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर हैं. इन सभी जिलों में पुलिस विभाग की ओर से भर्ती होने वाले सभी नए दारोगाओं को आधुनिक समय के क्राइम, जिसमें विशेष तौर पर इंटरनेट व साइबर वर्ल्ड से जुड़े अपराध है. उसके बारे में उन्हें प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ द्वारा दिया जाएगा. ट्रेनिंग में हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑनलाइन हैकिंग व ऑनलाइन फ्रॉड के साथ ही साइबर वर्ल्ड से जुड़े बारीकियां के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा. विश्वविद्यालय प्रदेश के सभी 13 पुलिस ट्रेंनिंग सेंटर्स को अपने आसपास के कॉलेज के शिक्षकों के माध्यम से ट्रेंनिंग माड्यूल तैयार कर उन्हें आधुनिक चीजों से अवगत कराएगा.
फॉरेंसिक लैब को भी विकसित करेगा एकेटीयू : कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने बताया कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस के अधीन संचालित सभी फॉरेंसिक लैब को भी प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा क्रियाशील बनाया जाएगा. विश्वविद्यालय फॉरेंसिक टेक्नोलॉजी का किस तरह से प्रयोग किया जाए और टेक्नोलॉजी का कैसे बेहतर से बेहतर प्रयोग हो इसकी भी व्यवस्था विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए जल्द ही एक पूरी कार्य योजना तैयार की जाएगी.
यह भी पढ़ें : गोरखपुर: सीएम योगी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का करेंगे उद्घाटन, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
गर्भवती महिलाओं को घर में दें अच्छा माहौल: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल