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AKTU के सभी संस्थान होंगे ग्रीन और क्लीन

बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण संकट को देखते हुए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) ने अपने संबद्ध संस्थानों को ग्रीन और क्लीन कैंपस (Green and clean campus) बनाने की पहल की है.

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एकेटीयू के सभी संस्थान होंगे ग्रीन और क्लीन
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Published : Jun 7, 2022, 7:51 PM IST

लखनऊ: बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण संकट को देखते हुए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) ने अपने संबद्ध संस्थानों को ग्रीन और क्लीन कैंपस (Green and clean campus) बनाने की पहल की है. इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय ने सभी संस्थानों से उनके कैंपस से जुड़ी जानकारी मांगी है. कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र (Vice Chancellor Prof. Pradeep Kumar Mishra) संस्थान पर्यावरण के अनुकूल बनाने के प्रति गंभीर हैं. सभी संस्थानों को मांगी गयी सूचना 15 जून तक उपलब्ध कराने को कहा गया है.

लगेंगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

वर्तमान में सबसे ज्यादा समस्या पानी को लेकर हो रही है. गर्मी में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है जलस्तर का लगातार कम होना. बारिश का पानी यूं ही बर्बाद हो जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकार (central and state government) लगातार लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक कर रही है. ऐसे में विश्वविद्यालय ने अपने संबद्ध संस्थानों से उनके कैंपस में जल संचयन प्रणाली (water harvesting system) की जानकारी और उसे लगाने की योजना के बारे में जानकारी मांगा है. जिससे कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाने में सहयोग किया जा सके.

इसे भी पढ़ेंः कानपुर हिंसा: पुलिस आयुक्त से मिले शहर काजी, कहा- दंगाइयों को माफ कर दो, बच्चे हैं नादानी हो जाती है

सौर ऊर्जा के प्रयोग पर जोर

कुलपति का प्रयास है कि सभी संस्थान ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा या अन्य नवीनीकृत ऊर्जा का प्रयोग अपने यहां करें, जिससे कि पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. संस्थानों से इसके प्रयोग की भी जानकारी मांगी गयी है. साथ ही इसे लेकर भविष्य की योजना के बारे में पूछा गया है.

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी है जरूरी

पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय ने संस्थानों में अवजल और मलजल शोधन (sewage and sewage treatment) की व्यवस्था की भी जानकारी मांगा है, जिससे की पानी का एक बूंद भी बर्बाद न होने पाए. जीरो डिस्चार्ज अपनाने के लिए संस्थानों ने क्या प्लान किया है. इसकी भी जानकारी मांगी गयी है. संस्थानों को कचरामुक्त बनाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (solid waste management) की भी जानकारी मांगी गयी है.

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लखनऊ: बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण संकट को देखते हुए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) ने अपने संबद्ध संस्थानों को ग्रीन और क्लीन कैंपस (Green and clean campus) बनाने की पहल की है. इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय ने सभी संस्थानों से उनके कैंपस से जुड़ी जानकारी मांगी है. कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र (Vice Chancellor Prof. Pradeep Kumar Mishra) संस्थान पर्यावरण के अनुकूल बनाने के प्रति गंभीर हैं. सभी संस्थानों को मांगी गयी सूचना 15 जून तक उपलब्ध कराने को कहा गया है.

लगेंगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

वर्तमान में सबसे ज्यादा समस्या पानी को लेकर हो रही है. गर्मी में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है जलस्तर का लगातार कम होना. बारिश का पानी यूं ही बर्बाद हो जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकार (central and state government) लगातार लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक कर रही है. ऐसे में विश्वविद्यालय ने अपने संबद्ध संस्थानों से उनके कैंपस में जल संचयन प्रणाली (water harvesting system) की जानकारी और उसे लगाने की योजना के बारे में जानकारी मांगा है. जिससे कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाने में सहयोग किया जा सके.

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सौर ऊर्जा के प्रयोग पर जोर

कुलपति का प्रयास है कि सभी संस्थान ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा या अन्य नवीनीकृत ऊर्जा का प्रयोग अपने यहां करें, जिससे कि पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. संस्थानों से इसके प्रयोग की भी जानकारी मांगी गयी है. साथ ही इसे लेकर भविष्य की योजना के बारे में पूछा गया है.

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी है जरूरी

पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय ने संस्थानों में अवजल और मलजल शोधन (sewage and sewage treatment) की व्यवस्था की भी जानकारी मांगा है, जिससे की पानी का एक बूंद भी बर्बाद न होने पाए. जीरो डिस्चार्ज अपनाने के लिए संस्थानों ने क्या प्लान किया है. इसकी भी जानकारी मांगी गयी है. संस्थानों को कचरामुक्त बनाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (solid waste management) की भी जानकारी मांगी गयी है.

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