लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में किसान, दलित, सवर्ण, पिछड़े, अल्पसंख्यक, नौजवान और पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं. सुरक्षित हैं तो सिर्फ सत्ताधीशों का विशेष वर्ग जिसे न कानून की परवाह है और न ही लोकलाज की.
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में अत्याचार, भ्रष्टाचार और अनाचार पर कहीं कोई नियंत्रण नहीं है. महाभ्रष्ट भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनता पर चौतरफा मार पड़ रही है. मंहगाई, बीमारी और सरकारी उदासीनता ने जिन्दगी दूभर कर दी है. मुख्यमंत्री को नए-नए आदेश जारी करने के बजाय निष्पक्ष ढंग से हालात का जायजा लेना चाहिए. सिर्फ बयानबाजी से प्रदेश का भला होने वाला नहीं हैं.
पुलिस की मौजूदगी में बरसाईं गोलियां
सपा मुखिया ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जौनपुर में पुलिस की मौजूदगी में दलितों पर दबंगों ने गोलियां बरसाईं. लाठी-डंडों से पीटा. कासगंज में दबंगों ने दुष्कर्म किया और पुलिस ने पीड़िता के परिवारजनों का ही उत्पीड़न किया. गाजियाबाद में पत्रकार पर बदमाशों ने हमला किया. दो दिन पहले पत्रकारों ने अपने ऊपर हमले की आशंका जताते हुए पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन पुलिस निष्क्रिय बनी रही और पत्रकार को गोली मार दी गई.
पीड़ित परिवार पर बनाया गया दबाव
अखिलेश ने कि कहा लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र में दो सगी नाबालिग बहनों को पहले अगवा किया गया फिर उनके साथ सामुहिक दुष्कर्म किया गया. पुलिस ने 18 घंटे बाद रिपोर्ट लिखी. उसमें भी जबरन तहरीर बदलवा दी और दबाव बनाने के लिए पीड़िता के परिवारवालों को ही कोतवाली में परेशान किया गया.
शराब तस्करी में भाजपाई व्यस्त
उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की मदद के बजाय शराब तस्करी में भाजपाई व्यस्त हो गए हैं. कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर के बाद किशनी में अवैध शराब का धंधा करते भाजपा का सेक्टर संयोजक पकड़ा गया. सत्ता के संरक्षण में शराब तस्करी, अवैध खनन और दूसरे अपराध खूब पनप रहे हैं. मेरठ में थाना रोहटा के गांव डंगूर में कल नकली जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई, पांच लोग मेरठ के अस्पताल में भर्ती हैं. आबकारी विभाग और पुलिस की लापरवाही व शराब के अवैध धंधेबाजों की मिलीभगत से लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ हो रहा है.
चिकित्सा स्वास्थ्य के महानिदेशक का पद खाली
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रति भी योगी सरकार गंभीर नहीं है. संकट के इन दिनों में भी 20 दिन से ज्यादा हो गए चिकित्सा स्वास्थ्य का महानिदेशक पद खाली है. सरकार एक योग्य महानिदेशक का चयन तक नहीं कर सकी है. जब विभाग में मुखिया ही नहीं है तो कामकाज कैसे दुरुस्त होगा? एम्बूलेंस सेवा हांफ रही है, अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है. संवेदना को झकझोर देने वाली एक तस्वीर देवरिया की है जहां एक मासूम बच्चे को स्ट्रेचर धकेलना पड़ रहा है. इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं पर कहीं कोई सुधार के लक्षण नहीं दिख रहे हैं.